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कृषि

2018-19 सीज़न की रबी फसलों के एमएसपी में वृद्धि

  • 04 Oct 2018
  • 6 min read

चर्चा में क्यों?

किसानों की आमदनी में उल्लेखनीय वृद्धि सुनिश्चित करते हुए हाल ही में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों पर कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने 2018-19 सीज़न की सभी रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्यों (एमएसपी) में बढ़ोतरी को मंज़ूरी दे दी है।

प्रमुख बिंदु

  • उल्लेखनीय है कि किसान अनुकूल इस पहल से किसानों को 62,635 करोड़ रुपए का अतिरिक्त रिटर्न मिलेगा। इस पहल के तहत अधिसूचित फसलों की एमएसपी बढ़ाते हुए उत्पादन लागत पर कम-से-कम 50 प्रतिशत रिटर्न सुनिश्चित किया गया है।
  • गेहूँ की एमएसपी में प्रति क्विंटल 105 रुपए, कुसुम की एमएसपी में प्रति क्विंटल 845 रुपए, जौ की एमएसपी में प्रति क्विंटल 30 रुपए, मसूर की एमएसपी में प्रति क्विंटल 225 रुपए, चने की एमएसपी में प्रति क्विंटल 220 रुपए तथा रेपसीड एवं सरसों की एमएसपी में प्रति क्विंटल 200 रुपए की वृद्धि की गई है जो इस दिशा में एक और प्रमुख कदम है।
  • गेहूँ, जौ, चना, मसूर, रेपसीड एवं सरसों और कुसुम के लिये सरकार द्वारा तय की गई एमएसपी उत्पादन लागत के मुकाबले काफी अधिक है। गेहूँ की उत्पादन लागत 866 रुपए प्रति क्विंटल और एमएसपी 1840 रुपए प्रति क्विंटल है, जो उत्पादन लागत की तुलना में 112.5 प्रतिशत का रिटर्न देती है।
  • जौ की उत्पादन लागत 860 रुपए प्रति क्विंटल और एमएसपी 1440 रुपए प्रति क्विंटल है, जो 67.4 प्रतिशत का रिटर्न देती है। चने की उत्पादन लागत 2637 रुपए प्रति क्विंटल और एमएसपी 4620 रुपए प्रति क्विंटल है, जो 75.2 प्रतिशत का रिटर्न सुनिश्चित करती है।
  • मसूर की उत्पादन लागत 2532 रुपए प्रति क्विंटल और एमएसपी 4475 रुपए प्रति क्विंटल है, जो 76.7 प्रतिशत का रिटर्न देती है। रेपसीड एवं सरसों की उत्पादन लागत 2212 रुपए प्रति क्विंटल और एमएसपी 4200 रुपए प्रति क्विंटल है, जो 89.9 प्रतिशत का रिटर्न सुनिश्चित करती है। कुसुम की उत्पादन लागत 3294 रुपए प्रति क्विंटल और एमएसपी 4945 रुपए प्रति क्विंटल है, जो 50.1 प्रतिशत का रिटर्न देती है।

2019-20 सीजन में विपणन की जाने वाली 2018-19 सीज़न की सभी रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्यों का उल्लेख निम्नलिखित हैः

फसल

एमएसपी 2017-18

(रुपए प्रति क्विंटल)

एमएसपी 2018-19

(रुपए प्रति क्विंटल)

उत्पादन लागत

2018-19

(रुपए प्रति क्विंटल)

एमएसपी में वृद्धि

लागत* की तुलना में रिटर्न

(प्रतिशत में)

शुद्ध अंतर

%

गेहूँ

1735

1840

866

105

6.1

112.5

जौ

1410

1440

860

30

2.1

67.4

चना

4400

4620

2637

220

5.0

75.2

मसूर

4250

4475

2532

225

5.3

76.7

रेपसीड एवं सरसों

4000

4200

2212

200

5.0

89.9

कुसुम

4100

4945

3294

845

20.6

50.1

*इसमें अदा की गई समस्त लागत शामिल है जैसे कि मज़दूरों पर खर्च की गई धनराशि, बैल/मशीन पर खर्च की गई रकम, पट्टे पर ली गई भूमि के लिये अदा की गई मालगुजारी, कच्चे माल पर खर्च की गई धनराशि आदि।

प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा)

  • सरकार द्वारा इस नई समग्र योजना की घोषणा करने के परिणामस्वरूप अब एक ऐसी सुदृढ़ व्यवस्था उपलब्ध हो गई है, जिससे अब किसानों को एमएसपी पूर्ण रूप से प्राप्त होगी।
  • इस समग्र योजना में तीन उप-योजनाएँ यथा- मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस), मूल्य अंतर भुगतान योजना (पीडीपीएस) और निजी खरीद एवं स्टॉकिस्ट योजना (पीपीएसएस) शामिल हैं, जिन्हें प्रायोगिक (पायलट) आधार पर शुरू किया गया है।
  • इस योजना के तहत सरकार ने 16,550 करोड़ रुपए की अतिरिक्त गारंटी देने का निर्णय लिया है जिसके फलस्वरूप कुल सरकारी गारंटी अब 45,550 करोड़ रुपए हो गई है। इसके अलावा, उपज खरीद परिचालन के लिये बजट प्रावधान भी बढ़ा दिया गया है और पीएम-आशा के कार्यान्वयन के लिये 15,053 करोड़ रुपए मंज़ूर किये गए हैं।
  • केंद्र एवं राज्यों की खरीद एजेंसियाँ जैसे कि भारतीय खाद्य निगम, भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड, छोटे किसान कृषि कारोबार कंसोर्टियम आगे भी रबी फसलों के लिये किसानों को मूल्य संबंधी समर्थन प्रदान करते रहेंगे।
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