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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

बंगनपल्ले आमों के साथ ही छह अन्य उत्पादों को प्राप्त हुआ ‘जीआई टैग’

  • 06 Nov 2017
  • 5 min read

संदर्भ 

उल्लेखनीय है कि आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध बंगनपल्ले आम और पश्चिम बंगाल के तुलापंजी चावल उन सात उत्पादों में शामिल हैं, जिन्हें इस वर्ष ‘भारतीय पेटेंट कार्यालय’ द्वारा ‘भौगोलिक संकेत’ (Geographical Indications- GI ) टैग दिया गया है।

प्रमुख बिंदु

  • इस वर्ष जिन अन्य उत्पादों को भौगोलिक संकेत प्राप्त हुआ है उनमें तेलंगाना का पोचमपल्ली इकाट (Pochampally Ikat) पश्चिम बंगाल का गोबिंदोभोग (Gobindobhog), आंध्र प्रदेश के दुर्गी स्टोन कार्विंग्स (Durgi Stone Carvings) और एटीकोपक्का और नागलैंड के चाक्षेसांग शाल (Chakshesang Shawl) शामिल हैं। 
  • दार्जिलिंग चाय, तिरुपति लड्डू, काँगड़ा पेंटिंग्स, नागपुर संतरा और कश्मीरी पश्मीना आदि उत्पाद भारत में पंजीकृत भौगोलिक संकेत प्राप्त उत्पाद हैं।
  • वर्ष 2016-17 में 33 उत्पादों को जीआई टैग प्राप्त हुआ था।
  • वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने बौद्धिक संपदा अधिकारों के विषय में जागरूकता बढ़ाने हेतु भौगोलिक संकेतों के लिये एक सामान्य लोगो और टैगलाइन का डिज़ाइन तैयार करने के लिये एक प्रतियोगिता का आयोजन भी किया है।

बंगनपल्ले आम 

  • बंगनपल्ले आम को आंध्र प्रदेश राज्य में 100 वर्षों से उगाया जा रहा है।
  • इसे बेनशन (Beneshan,), बनेशन (Baneshan), बनिशन (Benishan), चप्पातई (Chappatai) और सफेदा (Safeda) के नाम से भी जाना जाता है।
  • इन्हें बंगनपल्ली (Banaganapalli), बंगिनपल्ली (Banginapalli), बंगनपल्ले (Banaganapalle) भी कहा जाता है।
  • यदि इस फल को शीत भंडार गृह में रखा जाए तो तीन माह तक भी इनकी मिठास बरकरार रहती है। 
  • बंगनपल्ले आम की मुख्य विशेषता यह है कि उसके आवरण पर बहुत हल्के धब्बे होते हैं। इसकी गुठली आकार में लंबी तथा बीज बहुत पतला होता है, जिसके चारों ओर बहुत कम परन्तु मुलायम रेशे होते हैं। 
  • बंगनपल्ले, पान्यम (Paanyam) तथा नंदयाल मंडलों (Nandyal mandals) के साथ ही इस फल का प्राथमिक उत्पादन कुरनूल ज़िले में किया जाता है।
  • रायलसीमा और तटीय आंध्र इसके उत्पादन के द्वितीयक केंद्र हैं। 
  • आंध्र प्रदेश सरकार ने तेलंगाना के खम्मम, महबूबनगर, रंगारेड्डी, मेदक और आदिलाबाद ज़िले की पहचान भी इसके द्वितीयक उत्पादन केंद्रों के रूप में की है।

जीआई टैग क्या है? 

  • भौगोलिक संकेत को बौद्धिक संपदा अधिकारों और बौद्धिक संपदा अधिकारों के व्यापार संबंधी पहलुओं (Trade Related Aspects of Intellectual Property Rights-TRIPS) के अंतर्गत शामिल किया जाता है। 
  • भौगोलिक संकेत प्राप्त उत्पाद मुख्यतः एक ऐसा कृषि, प्राकृतिक अथवा विनिर्मित उत्पाद (हस्तशिल्प और औद्योगिक वस्तुएँ) होता है, जिसे एक निश्चित भौगोलिक क्षेत्र में ही उगाया जाता है।
  • जीआई टैग प्रदान करना किसी विशिष्ट उत्पाद के उत्पादक को संरक्षण प्रदान करता है जो कि घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाज़ारों में उनले मूल्यों को निर्धारित करने में सहायता करता है।
  • यह संकेत प्राप्त होने पर उत्पाद की गुणवत्ता और विशिष्टता सुनिश्चित होती है।
  • भौगोलिक संकेत का टैग किसी उत्पाद की उत्पत्ति अथवा किसी विशेष क्षेत्र से उसकी उत्पत्ति को दर्शाता है क्योंकि उत्पाद की विशेषता और उसके अन्य गुण उसके उत्त्पति स्थान के कारण ही होते हैं।
  •  यह दर्शाता है कि वह उत्पाद एक विशिष्ट क्षेत्र से आता है। यह टैग किसानों और विनिर्माताओं को अच्छे बाज़ार मूल्य प्राप्त करने में सहायता करता है।
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