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डेली न्यूज़

अंतर्राष्ट्रीय संबंध

8वीं एशिया-पैसिफिक क्षेत्रीय 3R फोरम

  • 14 Apr 2018
  • 11 min read

चर्चा में क्यों?

  • 9 अप्रैल, 2018 को इंदौर में प्रारंभ हुई 8वीं क्षेत्रीय एशिया-पैसिफिक 3R फोरम की बैठक का 12 अप्रैल को समापन हो गया।
  • फोरम की बैठक में 106 भारतीय शहरों के मेयरों सहित 45 से अधिक देशों के 700 से अधिक प्रतिनिधियों ने 3R-रिड्यूस (कमी), रियूज़ (पुनःप्रयोग), रिसाइकिल (पुनःचक्रण) के सिद्धांतों को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

प्रमुख बिंदु

  • 3R फोरम की 8वीं बैठक का आयोजन भारत सरकार के आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (MoHUA), जापान सरकार के पर्यावरण मंत्रालय (MOEJ) और संयुक्त राष्ट्र क्षेत्रीय विकास केंद्र (United Nations Centre for Regional Development-UNCRD) द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था।
  • 1971 में स्थापित UNCRD जापान सरकार और संयुक्त राष्ट्र के बीच एक समझौते पर आधारित है। मध्य प्रदेश सरकार, इंदौर नगर निगम और भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) भी इस आयोजन के सहयोगी थे।
  • इस कार्यक्रम की थीम ‘3R और संसाधन क्षमता के जरिये स्वच्छ जल, स्वच्छ भूमि और स्वच्छ हवा हासिल करना-एशिया-प्रशांत समुदाय के लिये 21वीं सदी की दृष्टि’ (Achieving Clean Water, Clean Land and Clean Air through 3R and Resource Efficiency- A 21st Century Vision for Asia-Pacific Communities) था।
  • ठोस कचरा प्रबंधन, 3R सिद्धांतों के प्रोत्साहन और ज़ीरो वेस्ट सोसाइटी के मिशन की दिशा में अनुकरणीय प्रयासों के लिये विभिन्न सिविल सोसायटी संगठनों, गैर-सरकारी संगठनों को पुरस्कृत किया गया।
  • इस फोरम की बैठक के दौरान मिशन शून्य कचरे (Mission Zero Waste) के विज़न पर केंद्रित ‘3R इंदौर घोषणा’ (INDORE 3R DECLARATION) को अपनाया गया।
  • 3R फोरम की बैंकॉक में अगली बैठक की मेज़बानी थाइलैंड सरकार करेगी, जिसका आमंत्रण भाग लेने वाले सभी देशों को दे दिया गया है।
  • इस फ़ोरम के माध्यम से भारत का लक्ष्य अपने 'मिशन शून्य अपशिष्ट' के द्वारा इस अवधारणा को मज़बूत करना है जिससे शहरों, उद्योगों और अन्य विभिन्न हितधारकों के एक संसाधन के रूप में कचरे के इस्तेमाल को प्रोत्साहित किया जा सके।

INDORE 3R DECLARATION

  • इंदौर 3R घोषणा आठवीं एशिया-प्रशांत क्षेत्रीय 3R फोरम का एक महत्त्वपूर्ण परिणाम है जिसका लक्ष्य 3R और संसाधन दक्षता उपायों को शहरों और देशों को स्वच्छ, स्मार्ट, जीवंत और लचीला बनाने में पूरक रणनीति के तौर पर विकसित करना है।
  • इंदौर 3R घोषणा को अपनाना और हस्ताक्षर करना, सतत् विकास और सतत् विकास लक्ष्यों और नए शहरी एजेंडा (NUA) को प्राप्त करने के लिये प्रासंगिक है।
  • घोषणा में व्यक्त प्रतिबद्धताएँ 3R सिद्धांतों को बढ़ावा देने और संसाधन दक्षता (Resource Efficiency) तथा मिशन ज़ीरो अपशिष्ट के लक्ष्य को साकार करने के लिये महत्त्वपूर्ण हैं।
  • इसके अतिरिक्त यह 6R यानी रिड्यूस (कमी), रियूज (पुनःप्रयोग), रिसाइकिल (पुनःचक्रण), रिकवर (पुनःप्राप्ति), रि-डिज़ाइन तथा रि-मेन्युफेक्चर (पुनःनिर्माण) को अपनाकर 7वें R यानी रिजॉयस (आनंद) की दिशा में प्रगति के लिये मार्गदर्शन भी करेगा।

पृष्ठभूमि

  • एशिया-प्रशांत क्षेत्रीय 3R फोरम की शुरुआत 2009 में टोक्यो (जापान) से हुई थी। इसका उद्देश्य 3R सिद्धांतों को नीति-निर्माण, योजना और विकास के साथ एकीकृत करना है। 3R फोरम क्षेत्रों में सर्वोत्तम अभ्यासों को साझा करने के लिये सामरिक मंच प्रदान करता है, जिसमें कचरा प्रबंधन संबंधी चिंता के नए और उभरते मुद्दे भी शामिल हैं।
  • पिछले सात वर्षों में फोरम का आयोजन मलेशिया, सिंगापुर, वियतनाम, इंडोनेशिया, मालदीव, जापान और ऑस्ट्रेलिया में किया गया है।
  • फोरम ने अभिनव, प्रभावी और स्मार्ट 3R आधारित समाधान प्रदान करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

8वीं 3R फोरम में चर्चा के मुख्य मुद्दे

  • स्वच्छ भूमि, स्वच्छ जल और स्वच्छ वायु प्राप्त करने के संदर्भ में 3R नीति कार्यान्वयन। 
  • जल गुणवत्ता और जल सुरक्षा में सुधार के लिये 3R और चक्रीय आर्थिक विकास रणनीतियाँ।
  • भूमि के भौतिक और रासायनिक अवनयन (Physical and Chemical Degradation) को रोकने के लिये 3R और चक्रीय आर्थिक विकास रणनीतियों को लागू करने के संभावित अवसर।
  • वायु प्रदूषण और ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन में कमी लाने हेतु 3R और चक्रीय आर्थिक विकास रणनीतियों को लागू करने के संभावित अवसर।
  • स्थानीय समुदायों के लिये 3R और कचरा प्रबंधन सेवाओं के विस्तार में अंतर-नगरपालिका (इंटर-म्युनिसिपल) सहभागिता और सहयोग।
  • नए उभरते अपशिष्ट की समस्याओं से निपटने के लिये तकनीकी विकल्प।
  • सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों की ग्रीनिंग तथा राष्ट्रीय उत्पादकता संवर्द्धन में 3R और चक्रीय अर्थव्यवस्था की भूमिका। 
  • बुनियादी ढाँचे के विकास सहित 3R कार्यान्वयन के लिये घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय वित्तपोषण विकल्प निवेश के अवसर।
  • 2013-2023 के लिये एशिया और प्रशांत हेतु सतत् 3R लक्ष्य निर्धारित करने वाली हनोई 3R घोषणा (Ha Noi 3R  Declaration) को लागू करने की दिशा में विभिन्न राष्ट्रों की प्रगति, पहलों, उपलब्धियों और सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों की समीक्षा और मूल्यांकन करना।

क्यों महत्त्वपूर्ण है 3R रणनीति?

  • दुनिया भर के देश आज नगरपालिका ठोस कचरा (MSW) प्रबंधन के मुद्दे से जूझ रहे हैं।
  • वर्तमान वैश्विक नगरपालिका ठोस कचरे का स्तर लगभग 1.3 बिलियन टन प्रति वर्ष है और 2025 तक इसके 2.2 अरब टन तक पहुँचने की उम्मीद है।
  • भारत में भी तेज़ी से बढ़ते शहरीकरण और बढ़ती आबादी ने देश में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की चुनौतियों में काफी वृद्धि की है। शहरी भारत से हर साल लगभग 54.75 मिलियन टन ठोस कचरा निकलता है।
  • अपशिष्ट निपटान को लेकर उचित प्रबंधन नहीं होने से स्वास्थ्य और पर्यावरण पर गंभीर असर पड़ता है। जबकि 3R (Reduce, Reuse & Recycle) की एकीकृत व्यवस्था के ज़रिये कचरे को प्रभावी तरीके से निपटाया जा सकता है।
  • एशियाई देशों में 3R की आवश्यकताओं तथा प्राथमिकताओं को संबोधित करने व इस क्षेत्र से सर्वोत्तम अभ्यासों को साझा करने के लिये 3R फोरम रणनीतिक मंच प्रदान कराता है।

मंत्रालय द्वारा कचरा प्रबंधन की दिशा में किये जा रहे कार्य

  • आवास और शहरी मामलों का मंत्रालय परिवारों के स्‍तर पर और बड़े पैमाने पर फैलने वाले कचरे को स्रोत पर ही अलग-अलग करने की संकल्‍पना को बढ़ावा दे रहा है, ताकि लैंडफिल तक पहुँचने वाले कचरे की कुल मात्रा को न केवल कम किया जा सके, बल्कि कचरा प्रसंस्‍करण संयंत्रों तक जाने वाले कचरे की गुणवत्‍ता में सुधार हो सके।
  • मंत्रालय कचरा उत्‍पन्‍न करने वालों के बीच विकेन्द्रीकृत कूड़े से बनने वाली खाद की एक किस्‍म को तेज़ी से बढ़ावा दे रहा है। वह गीले कचरे को उसी स्‍थान पर प्रसंस्‍कृत करने के कार्य में लगा हुआ है।
  • साथ ही, मंत्रालय सूखे कचरे का पुन:चक्रण करने और उसके दोबारा इस्‍तेमाल को प्रोत्‍साहन दे रहा है।
  • 2014 में भारत सरकार ने शहरों को 100 प्रतिशत साफ-सुथरा बनाने के उद्देश्य से स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की थी। 
  • मंत्रालय ने कचरा मुक्‍त शहरों के लिये स्‍टार रेटिंग प्रोटोकॉल शुरू किया है, ताकि शहरों को कचरा मुक्‍त दर्जा हासिल करने के लिये प्रेरित किया जा सके।
  • मंत्रालय द्वारा शहरों के बीच स्वच्छता के सन्दर्भ में प्रतिस्पर्द्धा को प्रोत्साहित करने हेतु स्वच्छता सर्वेक्षण का आयोजन किया जा रहा है।
  • स्वच्छ सर्वेक्षण 2017 के अनुसार, इंदौर को भारत के सबसे स्वच्छ शहर का स्थान मिला। आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा आयोजित वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण 2016 में इंदौर को यह कामयाबी मिली थी। 
  • पहला सर्वेक्षण 73 शहरों का किया गया, जबकि दूसरे दौर का सर्वेक्षण 434 शहरों में हुआ। स्‍वच्‍छ सर्वेक्षण 2018 में 4203 शहरों को शामिल किया गया है जिसका परिणाम अभी आना बाकी है। 
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