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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 31 Jul, 2019
  • 8 min read
प्रारंभिक परीक्षा

प्रीलिम्स फैक्ट्स: 31- 07- 2019

प्रॉक्सी एडवाइज़रों के लिये आचार संहिता

हाल ही में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (Securities and Exchange Board of India- SEBI) ने प्रॉक्सी एडवाइज़री फर्मों के लिये एक आचार संहिता प्रस्तावित की है।

  • आचार संहिता में एक ‘अनुपालन या व्याख्या’ का दृष्टिकोण शामिल किया जाएगा जिसके तहत सूचीबद्ध कंपनियाँ प्रॉक्सी एडवाइज़रों की वजह से होने वाली समस्या के निवारण के लिये SEBI से संपर्क कर सकती हैं।
    • अनुपालन या व्याख्या एक नियामक दृष्टिकोण है जिसमें सूचीबद्ध कंपनियाँ या तो अनुपालन कर सकती हैं या यदि वे ऐसा नहीं करती हैं, तो उन्हें सार्वजनिक रूप से यह स्पष्ट करना होगा की कि वे ऐसा क्यों नहीं करती हैं।
    • प्रॉक्सी एडवाइज़री एक व्यक्ति/फर्म है जो कंपनी के संस्थागत निवेशकों या शेयरधारक को सलाह देता है कि वे कंपनी में अपने अधिकारों का उपयोग करने के लिये सार्वजनिक प्रस्ताव पर सिफारिश या वोटिंग हेतु सलाह दें।
  • SEBI के अनुसार, प्रॉक्सी एडवाइज़र को सहायक व्यावसायिक गतिविधियों से होने वाले विवाद के संदर्भ में उचित कदम उठाने चाहिये।
  • इसके अलावा, प्रॉक्सी एडवाइज़रों का बोर्ड अपने शेयरधारकों से स्वतंत्र होना चाहिये, क्योंकि इस तरह की स्थिति से हितों का टकराव बढ़ सकता है।
  • इसके अलावा SEBI ने यह भी सुझाव दिया है कि संस्थागत निवेशक जैसे विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक, पोर्टफोलियो मैनेजर, वैकल्पिक निवेश फंड और बुनियादी ढाँचा निवेश ट्रस्ट आदि, को यह सुनिश्चित करना चाहिये कि उनके द्वारा नियोजित प्रॉक्सी एडवाइज़र फर्मों के पास प्रॉक्सी एडवाइज़री जारी करने की उचित क्षमता और सामर्थ्य है या नहीं।

ई-गवर्नेंस पर राष्ट्रीय सम्मेलन

National Conference on e-Governance

8-9 अगस्त, 2019 को मेघालय की राजधानी शिलांग में (उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में पहली बार) ई-गवर्नेंस पर 22वें राष्ट्रीय सम्मेलन (22nd National Conference on e-Governance) का आयोजन किया जाएगा।

  • इस सम्मेलन का आयोजन प्रशासनिक सुधार, लोक शिकायत विभाग और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा मेघालय सरकार द्वारा मिलकर किया जा रहा है।
  • शिलांग में आयोजित 22वाँ राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सम्मेलन इस क्षेत्र में ई-गवर्नेंस पहलों को महत्त्वपूर्ण गति प्रदान करेगा।
  • यह सम्मेलन सभी तरह की डिजिटल सेवाएँ उपलब्ध कराने, समस्याओं के समाधान में अनुभवों का आदान-प्रदान करने, जोखिम कम करने, मुद्दों को सुलझाने आदि के लिये स्थायी ई-गवर्नेंस पहलों को तैयार करने एवं उन्हें लागू करने के प्रभावी तरीकों के बारे में जानकारी साझा करने के लिये एक मंच उपलब्ध कराता है।
  • इस सम्मेलन का विषय “डिजिटल इंडिया: सफलता से उत्कृष्टता” है।
  • सम्मेलन के दौरान पूर्ण सत्र में विभिन्न उप-विषयों पर विचार-विमर्श किया जाएगा:
    • इंडिया इंटरप्राइज़ आर्किटेक्चर (India Enterprise Architecture-INDEA)
    • डिजिटल बुनियादी ढाँचा
    • वन नेशन- वन प्लेटफॉर्म
    • पेशेवरों के लिये उभरती प्रौद्योगिकी
    • सचिवालय सुधार
    • राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सेवा आपूर्ति आकलन (National e-Governance Service Delivery Assessment-NeSDA)
    • समावेश और क्षमता निर्माण
    • नवाचारियों और उद्योगों के साथ तालमेल

कान सिकुल, कान हुआन

Kan Sikul, Kan Huan

मिज़ोरम के लॉंग्टलाई (Lawngtlai) ज़िला प्रशासन की परियोजना ‘कान सिकुल, कान हुआन (माय स्कूल, माय होम)’ को राज्य के सभी स्कूलों एवं कॉलेजों के लिये मॉडल के रूप में स्थापित किया गया है।

  • यह परियोजना मिज़ोरम के लॉंग्टलाई ज़िला प्रशासन द्वारा स्कूलों को पोषण उद्यान में परिवर्तित करने के लिये शुरु की गई है।
  • इसका उद्देश्य स्कूलों में शिक्षकों, अभिभावकों तथा समुदाय के सदस्यों की मदद से बच्चों में कुपोषण की समस्या का समाधान करना है।
  • इस परियोजना के अंतर्गत प्रत्येक स्कूल में पोषण उद्यान स्थापित करके फल एवं सब्जियाँ उगाई जाती हैं ताकि पोषण की कमी की समस्या को दूर किया जा सके।
  • इस परियोजना के माध्यम से स्थानीय स्कूलों में शिक्षकों, अभिभावकों और समुदाय के सदस्यों की मदद से विभिन्न प्रकार के फलों एवं सब्जियों का उत्पादन करके लोगों को स्वावलंबी बनाने और बच्चों के बीच कुपोषण से लड़ने के लिये (मार्च 2020 तक) प्रत्येक स्कूल, आंगनवाड़ी, चाइल्ड केयर संस्थानों और हॉस्टल में अपने स्वयं के फलों एवं सब्जियों को उगाने की अनुमति दी गई है।
  • यह परियोजना केंद्रीय सरकार के पोषण अभियान के उद्देश्यों के अनुरूप है।
  • लॉंग्टलाई, मिज़ोरम का सबसे पिछड़ा होने के साथ-साथ 35.3% आपदाग्रस्त भी है, यहाँ तकरीबन 21.3% बच्चे कम वज़न तथा 5.9% बच्चे गंभीर रूप से कम वज़न से ग्रसित हैं।

राजीव कुमार: नए वित्त सचिव

मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने राजीव कुमार को नया वित्त सचिव मनोनीत करने को मंज़ूरी दे दी है।

Rajiv kumar

  • वित्त सचिव भारत के वित्त मंत्रालय का वरिष्ठतम IAS अधिकारी होता है जो मंत्रालय के विभिन्न विभागों के काम-काज में समन्वय रखता है।
  • भारत सरकार के सचिव के रूप में वित्त सचिव भारतीय संविधान के वरीयता अनुक्रम में 23वें स्थान पर हैं।
  • राजीव कुमार सुभाष चंद्र गर्ग का स्थान लेंगे जिन्हें स्थानांतरित कर विद्युत् विभाग का सचिव बनाया गया है।
  • राजीव कुमार भारतीय प्रशासनिक सेवा के वर्ष 1984 बैच के झारखंड कैडर अधिकारी हैं।

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