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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 28 Jan, 2025
  • 15 min read
प्रारंभिक परीक्षा

इंदौर और उदयपुर वेटलैंड मान्यता प्राप्त शहरों में शामिल

स्रोत: टाइम्स ऑफ इंडिया

चर्चा में क्यों?

इंदौर और उदयपुर रामसर कन्वेंशन के तहत मान्यता प्राप्त आर्द्रभूमि शहरों के रूप में अंतर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त करने वाले पहले भारतीय शहर बन गए हैं।

  • वर्तमान में 85 भारतीय आद्रभूमियाँ, रामसर कन्वेंशन के तहत संरक्षित हैं जिसमें विश्व भर के 172 सदस्य देश शामिल हैं।

आर्द्रभूमि मान्यता प्राप्त शहर कौन से हैं?

  • परिचय: यह उन शहरों के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय मान्यता है जो अपने आर्द्रभूमि के संरक्षण और स्थायी प्रबंधन के लिए प्रतिबद्ध हैं।
    • इसके तहत उन शहरी क्षेत्रों को मान्यता दी जाती है जो आर्द्रभूमि की रक्षा करने के साथ यह सुनिश्चित करते हैं कि वे पर्यावरण एवं समुदायों को आवश्यक सेवाएँ प्रदान करते हैं।
  • मान्यता मानदंड: यह उन शहरों को प्रदान किया जाता है जो छह अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों को पूरा करते हैं, जो मुख्य रूप से आर्द्रभूमि पारिस्थितिकी प्रणालियों और उनकी सेवाओं के संरक्षण पर केंद्रित हैं।
    • मान्यता प्राप्त शहरों को शहरी विकास तथा पारिस्थितिकी संरक्षण के बीच संतुलन बनाने के उनके प्रयासों के लिए मान्यता दी जाती है। 

6 अंतर्राष्ट्रीय मानदंड:

  • वैश्विक मान्यता: इसके तहत मान्यता प्राप्त शहरों की सबसे अधिक संख्या चीन (22 शहर) में है, जिसके बाद फ्राँस (9 शहर) का स्थान है जिससे शहरी नियोजन में आर्द्रभूमि संरक्षण को एकीकृत करने के शहर के प्रयासो पर प्रकाश पड़ता है।
  • वैश्विक रामसर स्थल: वर्तमान में दुनिया भर में 2,400 से अधिक रामसर स्थल हैं, जो 2.5 मिलियन वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को कवर करते हैं।

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नोट: भारत से नामित एक अन्य शहर भोपाल को भोज आर्द्रभूमि को प्रभावित करने वाली प्रस्तावित सड़क परियोजना से संभावित पारिस्थितिक क्षति से संबंधित चिंताओं के कारण मान्यता प्राप्त नहीं हुई।

  • राजस्थान के उदयपुर को झीलों का शहर कहा जाता है क्योंकि यहाँ की खूबसूरत झीलें संपूर्ण शहर में विस्तृत हैं। उदयपुर की प्रमुख झीलों में पिछोला झील, फतेहसागर झील, स्वरूप सागर झील आदि शामिल हैं।
  • इंदौर की प्रसिद्ध झीलों में लोटस झील, चोरल डैम, पिपलियापाला झील, सिरपुर झील आदि शामिल हैं।

भोज आर्द्रभूमि से संबंधित मुख्य बिंदु क्या हैं?

  • परिचय: यह वर्ष 2002 में नामित एक रामसर साइट है जिसमें दो परस्पर जुड़े मानव निर्मित जलाशय अर्थात् ऊपरी झील (11वीं शताब्दी में कोलांस नदी पर राजा भोज द्वारा निर्मित) और निचली झील शामिल हैं।
  • ऊपरी झील वन विहार राष्ट्रीय उद्यान की सीमा पर स्थित है।
  • जैव विविधता:  
    • पक्षिजात: यहाँ पाई जाने वाली उल्लेखनीय प्रजातियों में कूट (फुलिका अत्रा), लाल कलगीदार पोचार्ड, सारस क्रेन, काली गर्दन वाला सारस और पल्लास फिश ईगल शामिल हैं।
    • अन्य प्राणिजात: वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में चीतल, जंगली सूअर, नीलगाय और सांभर जैसे बड़े स्तनधारियों पाए जाते हैं।

Ramsar_Convention

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. यदि अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व के एक आर्द्रभूमि को 'मोंट्रेक्स रिकॉर्ड' के अंतर्गत लाया जाता है, तो इसका क्या अर्थ है? (2014)

(A) मानवीय हस्तक्षेप के परिणामस्वरूप आर्द्रभूमि के पारिस्थितिक स्वरूप में परिवर्तन हुआ है, हो रहा है या होने की संभावना है।
(B) जिस देश में आर्द्रभूमि स्थित है उसे आर्द्रभूमि के किनारे से पाँच किलोमीटर के भीतर किसी भी मानवीय गतिविधि को प्रतिबंधित करने के लिये एक कानून बनाना चाहिये।
(C) आर्द्रभूमि का अस्तित्व इसके आसपास रहने वाले कुछ समुदायों की सांस्कृतिक प्रथाओं एवं परंपराओं पर निर्भर करता है और इसलिये वहाँ की सांस्कृतिक विविधता को नष्ट नहीं किया जाना चाहिये।
(D) इसे 'विश्व विरासत स्थल' का दर्जा दिया गया है।

उत्तर: (a)


रैपिड फायर

भारतीय सर्वोच्च न्यायालय का स्थापना दिवस

स्रोत: SCI

भारत के सर्वोच्च न्यायालय (SC) की स्थापना 26 जनवरी 1950 को अनुच्छेद 124 के तहत की गई थी, जिसका उद्घाटन 28 जनवरी 1950 को हुआ और इसने पुराने संसद भवन से कार्य करना प्रारंभ किया। वर्ष 1958 में यह अपने वर्तमान भवन में स्थानांतरित हो गया, जिसका उद्घाटन राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने किया था।

  • सर्वोच्च न्यायालय में शुरू में भारत के एक मुख्य न्यायाधीश (CJI) और 7 अवर न्यायाधीशों की परिकल्पना की गई थी, लेकिन वर्ष 2024 तक इसकी संख्या को बढ़ाकर एक मुख्य न्यायाधीश और 33 न्यायाधीश कर दिया गया है, जिन्हें राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाएगा तथा वे 65 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होंगे। 
    • पात्रता में भारतीय नागरिक होना, उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में 5 वर्ष तथा, अधिवक्ता के रूप में 10 वर्ष का अनुभव, या राष्ट्रपति की राय में प्रतिष्ठित विधिवेत्ता होना शामिल है।
  • वर्ष 2024 में सर्वोच्च न्यायालय में मूल प्रतिमा की जगह एक नई "'लेडी ऑफ जस्टिस" की प्रतिमा का अनावरण किया गया। साड़ी पहने और बिना आँखों पर पट्टी बांधे, यह प्रतिमा तराजू और भारतीय संविधान पकड़े हुए है। 
    • मूल प्रतिमा के विपरीत, जो आँखों पर पट्टी, तराजू और तलवार के साथ जस्टीशिया (रोमन देवी) पर आधारित थी, नई प्रतिमा की खुली आँखें दर्शाती हैं कि कानून अंधा नहीं है और कानून की नज़र में सभी समान है। 
    • भारतीय संविधान तलवार की जगह लेता है, जो न्याय में इसकी सर्वोच्चता पर बल प्रदान करता है।
  • वर्ष 2024 में, सर्वोच्च न्यायालय के नए ध्वज और प्रतीक चिन्ह का अनावरण किया जाएगा, जो इसके 75वें वर्ष को चिह्नित करेगा। ध्वज में अशोक चक्र, सर्वोच्च न्यायालय भवन और संविधान की पुस्तक को दर्शाया गया है, जिसके प्रतीक चिन्ह पर "यतो धर्मस्ततो जयः" लिखा है, जिसका अर्थ है "जहाँ धर्म है, वहाँ विजय है।"

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और पढ़ें: सर्वोच्च न्यायालय के 75 वर्ष


रैपिड फायर

पीएम यशस्वी योजना

स्रोत: पी.आई.बी.

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने गणतंत्र दिवस 2025 पर वाइब्रेंट इंडिया हेतु पीएम यंग अचीवर्स छात्रवृत्ति पुरस्कार योजना (पीएम-यशस्वी) के छात्र लाभार्थियों को संबोधित किया।

पीएम-यशस्वी योजना: 

  • परिचय: सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा शुरू की गई इस योजना के अंतर्गत हाशिए पर स्थित छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के उद्देश्य से वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
  • पात्रता: इस योजना के अंतर्गत अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC), आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग (EBC) और विमुक्त जनजातियों के वे छात्र पात्र हैं, जिनकी पारिवारिक आय 2.5 लाख रुपए प्रति वर्ष तक है।
  • उप-योजनाएँ: यह एक व्यापक योजना है जिसमें निम्नलिखित उप-योजनाएँ शामिल हैं: 
    • प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति: 2.5 लाख रुपए से कम आय वाले परिवारों को 4,000 रुपए वार्षिक शैक्षणिक भत्ता।
    • पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति: पाठ्यक्रम श्रेणी के आधार पर 5,000 रुपए से 20,000 रुपए तक की सहायता।
    • कॉलेज शिक्षा: शीर्ष कॉलेज के छात्रों को ट्यूशन, निर्वाह खर्च और शिक्षा सामग्री सहित पूर्ण वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
    • छात्रावास: सरकारी स्कूलों और संस्थानों के पास आवास की सुविधा प्रदान की जाती है।
  • अन्य समान योजनाएँ: दिव्यांग छात्रों हेतु राष्ट्रीय छात्रवृत्तियाँ, इंस्पायर छात्रवृत्ति, मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय फैलोशिप 

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और पढ़ें…भारत में छात्रवृत्ति योजनाएँ


रैपिड फायर

आवश्यक धार्मिक आचरण

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

बॉम्बे उच्च न्यायालय ने निर्णय दिया कि लाउडस्पीकर का उपयोग करना संविधान के अनुच्छेद 25 या अनुच्छेद 19(1)(a) के तहत किसी आवश्यक धार्मिक आचरण का हिस्सा नही है।

  • आवश्यक धार्मिक आचरण (ERP): ERP से तात्पर्य किसी धर्म के सिद्धांत के अभिन्न अंग से है, जो अनुच्छेद 25 के तहत संरक्षित है। न्यायपालिका धार्मिक सिद्धांतों के आधार पर ERP निर्धारित करती है।
    • संथारा (सल्लेखना): सर्वोच्च न्यायालय ने राजस्थान उच्च न्यायालय के वर्ष 2015 के उस फैसले पर रोक लगा दी, जिसमें कहा गया था कि संथारा धर्म के लिये आवश्यक नहीं है, तथा इस प्रथा को जारी रखने की अनुमति दे दी गई।
    • तीन तलाक मामला: सर्वोच्च न्यायालय ने तत्काल तीन तलाक को अमान्य करार दिया और कहा कि यह आवश्यक इस्लामी आचरण नहीं है तथा महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन है।
  • लाउडस्पीकर से संबंधित हाईकोर्ट का फैसला: डॉ. महेश विजय बेडेकर बनाम महाराष्ट्र मामले, 2016 में बॉम्बे हाईकोर्ट ने ध्वनि प्रदूषण नियमों को सख्ती से लागू करने का फैसला सुनाया। 
    • इसमें यह स्पष्ट किया गया कि धार्मिक उद्देश्यों के लिये लाउडस्पीकर आवश्यक नहीं हैं तथा कुछ धार्मिक या सांस्कृतिक गतिविधियों (वर्ष में 15 दिन) को छोड़कर, शांत क्षेत्रों में तथा रात्रि 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच इनके प्रयोग पर प्रतिबंध लगाया गया है।
  • शोर को "वायु प्रदूषक" माना जाता है और इसे वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के तहत विनियमित किया जाता है ।
  • वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981 शोर को नियंत्रित करता है, जिसे "वायु प्रदूषक" माना जाता है।
    • इसमें आवासीय क्षेत्रों में दिन के समय अधिकतम ध्वनि स्तर 55 डेसिबल तथा रात में 45 डेसिबल रखने का आदेश दिया गया है।

और पढ़ें: धार्मिक आचरणओं पर सर्वोच्च न्यायालय का फैसला


रैपिड फायर

एक्सोप्लैनेट WASP-127b

स्रोत: द हिंदू

खगोलविदों ने एक्सोप्लैनेट WASP-127b (जो पृथ्वी से लगभग 520 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित एक गैसीय विशाल ग्रह है) पर 33,000 किमी/घंटा तक की वायु की तीव्र गति का पता लगाया है।

  • ये पवनें ग्रह के घूर्णन की गति से लगभग 6 गुना तीव्र गति से चलती हैं जो किसी भी ग्रह पर देखी गई सबसे तीव्र गति है।

WASP-127b

  • परिचय:
    • WASP-127b एक एक्सोप्लैनेट (सौरमंडल के बाहर एक तारे की परिक्रमा करने वाला) है जिसे "हॉट जुपिटर" के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
    • यह बृहस्पति से लगभग 30% बड़ा है लेकिन इसका द्रव्यमान बृहस्पति का केवल 16% है जिससे यह कम घनत्व, लेकिन चरम परिस्थितियों वाले ग्रहों में से एक बन जाता है।
  • कक्षा:
    • यह ग्रह अपने तारे की परिक्रमा करीब से करता है, तथा प्रत्येक 4 दिन में एक परिक्रमा पूरी करता है, जिसके परिणामस्वरूप इसके दिन (जो लगातार तारकीय विकिरण के संपर्क में रहता है) और रात (हमेशा अंधेरे में) के बीच अत्यधिक तापांतर होता है।
  • वायुमंडल:
    • वायुमंडल में हाइड्रोजन, हीलियम , तथा कार्बन मोनोऑक्साइड और जल का मिश्रण होता है। दिन के समय तापमान 1,127 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच जाता है, तथा रात के समय भी तारकीय विकिरण (तारों द्वारा उत्सर्जित विद्युत चुम्बकीय विकिरण) द्वारा वायुमंडल गर्म होता है।

और पढ़ें: एक्सोप्लैनेट


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