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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 22 Sep, 2021
  • 14 min read
प्रारंभिक परीक्षा

प्रिलिम्स फैक्ट: 22 सितंबर, 2021

हम्बोल्ट पेंगुइन

(Humboldt Penguin)

हाल ही में मुंबई के भायखला चिड़ियाघर में दो नए ‘हम्बोल्ट पेंगुइन्स’ को शामिल करने की घोषणा की गई है।

Humboldt-Penguin

प्रमुख बिंदु

  • परिचय
    • हम्बोल्ट पेंगुइन (स्फेनिस्कस हम्बोल्टी) एक मध्यम आकार की प्रजाति है जिसकी औसत ऊँचाई सिर्फ 2 फीट तक होती है।
    • उनकी आँखों के चारों ओर बड़े पैच होते हैं, जो उन्हें ठंडा रखने में मदद करने हेतु महत्त्वपूर्ण हैं।
    • जंगलों में उनके प्रजनन का मौसम उनकी कॉलोनी के स्थान के आधार पर मार्च-अप्रैल या सितंबर- अक्तूबर हो सकता है।
    • गर्म जलवायु का सामना करने की उनकी क्षमता के कारण वे सबसे लोकप्रिय चिड़ियाघर पेंगुइन में से एक हैं।
  • पर्यावास
    • ‘हम्बोल्ट पेंगुइन’ चिली और पेरू के प्रशांत तटों के लिये स्थानिक हैं।
      • उनका यह नाम इसलिये रखा गया है, क्योंकि उनका आवास ‘हम्बोल्ट करंट’ के पास स्थित है, जो ठंडे पानी वाला एक बड़ा महासागर है।
  • खतरा
    • मछली पकड़ने के जाल में उलझना, प्रमुख प्रजनन स्थलों का नुकसान, उर्वरक के रूप में उपयोग हेतु गुआनो की कटाई और बिल्लियों और कुत्तों जैसी प्रजातियों द्वारा शिकार किया जाना इनके लिये बड़ा खतरा है।
  • संरक्षण स्थिति
    • IUCN: सुभेद्य
    • CITES: परिशिष्ट- I

ला पाल्मा द्वीप: स्पेन

La Palma Island: Spain

हाल ही में स्पेन के कैनरी द्वीप समूह में से एक ला पाल्मा (La Palma) में स्थित कंब्रे विएजा ज्वालामुखी (Cumbre Vieja volcano) में विस्फोट हुआ है।

La-Palma-Island

प्रमुख बिंदु

  • संदर्भ:
    • कंब्रे विएजा ज्वालामुखी में 50 वर्षों में पहली बार विस्फोट हुआ है। आखिरी बार इसमें वर्ष 1971 में विस्फोट हुआ था।
    • ला पाल्मा कैनरी द्वीप, स्पेन का सबसे उत्तर-पश्चिमी द्वीप है।
      • इसकी भौगोलिक संरचना ज्वालामुखी उद्गार का परिणाम है और इसका क्षेत्रफल 708 वर्ग किलोमीटर है जो इसे आठ मुख्य कैनरी द्वीपों में से पाँचवाँ सबसे बड़ा द्वीप बनाता है।
      • इसका सबसे ऊँचा पर्वत रोके डे लॉस मुचाचोस (Roque De Los Muchachos) है, जो 2,423 मीटर पर कैनरी की चोटियों के बीच दूसरे स्थान पर है।
    • कैनरी द्वीप समूह पश्चिमी अफ्रीका के तट पर स्थित महासागर द्वीप ज्वालामुखियों का एक समूह है जिसका निर्माण लगभग 20 मिलियन वर्ष पहले ज्वालामुखी गतिविधियों के कारण हुआ। इसमें लास पालमास (Las Palmas) और सांता क्रूज़ डी टेनेरिफ़ (Santa Cruz de Tenerife) के स्पेनिश प्रांत शामिल हैं।
  • हाल ही में विस्फोटित अन्य ज्वालामुखी:
  • भारत में ज्वालामुखी:
    • बैरन द्वीप, अंडमान द्वीप समूह (भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी)
    • नारकोंडम, अंडमान द्वीप समूह
    • बारातांग, अंडमान द्वीप समूह
    • डेक्कन ट्रैप्स, महाराष्ट्र
    • धिनोधर हिल्स, गुजरात
    • धोसी हिल, हरियाणा

कुतुब मीनार

Qutub Minar

विश्व धरोहर स्थल में शामिल कुतुब मीनार की खड़ी सीढ़ियाँ अब विकलांगों और बुजुर्गों के लिये चुनौती नहीं बनेंगी क्योंकि विकलांगों और बुजुर्गों की सुविधा का ध्यान रखते हुए हाल ही में उनकी जगह लकड़ी के ढलवाँ मार्ग बनाए गए हैं।

Qutub-Minar

प्रमुख बिंदु

  • यह एक पाँच मंजिला लाल बलुआ पत्थरों की मीनार (72.5 मीटर ऊँची) है जिसका निर्माण 13वीं शताब्दी में मुस्लिम विजेताओं ने दिल्ली के राजपूत शासकों (कुतुब का अर्थ है जीत) पर अपनी अंतिम जीत के उपलक्ष्य में किया था।
  • यह एक टॉवर के रूप में भी कार्य करता है जहाँ से मुअज्जिन नमाज़ियों को अज़ान देकर पास के कुव्वतुल-इस्लाम मस्जिद में नमाज़ के लिये बुलाता है।
  • मस्जिद के प्रांगण में एक 7 मीटर ऊँचा लोहे का खंभा है।
  • इसके आस-पास अलाई-दरवाज़ा गेट (Alai-Darwaza Gate) है, जो इंडो-मुस्लिम कला की उत्कृष्ट कृति (1311 में निर्मित) है।
  • कुतुब मीनार के निर्माण की प्रक्रिया में लगभग 75 वर्ष लगे। इसका निर्माण कुतुब-उद-दीन ऐबक (1206-1210) द्वारा 1193 में शुरू किया गया था और इसे इल्तुतमिश (1211-1236) द्वारा पूरा किया गया था।
    • वर्ष 1368 में उस समय के शासकों मुहम्मद-बिन-तुगलक (1325-51) और फिरोज शाह तुगलक (1351-88) द्वारा इसकी मरम्मत की गई थी। 
  • मीनार (टॉवर) की सतह पर मुख्य रूप से कुरान के छंदों से महीन अरबी सजावट की गई है।
  • कुतुब मीनार और उसके स्मारकों को वर्ष 1993 में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था।

विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 22 सितंबर, 2021

साहित्य अकादमी फैलोशिप

प्रख्यात अंग्रेज़ी लेखक ‘रस्किन बॉण्ड’, हिंदी लेखक ‘विनोद कुमार शुक्ला’ समेत छः अन्य लेखकों को ‘साहित्य अकादमी फैलोशिप’ के लिये चुना गया है। ‘साहित्य अकादमी फैलोशिप’ के लिये चुने गए अन्य लोगों में सिरशेंदु मुखोपाध्याय (बांग्ला), एम लीलावती (मलयालम), डॉ. भालचंद्र नेमाडे (मराठी), डॉ. तेजवंत सिंह गिल (पंजाबी), स्वामी रामभद्राचार्य (संस्कृत), इंदिरा पार्थसारथी (तमिल) शामिल हैं। ज्ञात हो कि 300 से अधिक लघु कथाओं, निबंध और उपन्यास तथा बच्चों के लिये 30 से अधिक पुस्तकें लिखने वाले रस्किन बॉण्ड को ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’, साहित्य अकादमी के ‘बाल साहित्य पुरस्कार’, ‘पद्मश्री’ और ‘पद्मभूषण’ सहित अन्य प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। साहित्य अकादमी भारतीय साहित्य के सक्रिय विकास हेतु समर्पित एक राष्ट्रीय संस्था है, जिसका उद्देश्य उच्च साहित्यिक मानदंड स्थापित करना, भारतीय भाषाओं में साहित्यिक गतिविधियों को समन्वित करना एवं उनका पोषण करना तथा उनके माध्‍यम से देश की सांस्कृतिक एकता का उन्नयन करना है। भारत सरकार द्वारा इसकी स्थापना 12 मार्च, 1954 को की गई थी। ज्ञात हो कि अकादमी द्वारा प्रत्येक वर्ष अपने द्वारा मान्यता प्रदत्त 24 भाषाओं में साहित्यिक कृतियों के साथ ही इन्हीं भाषाओं में परस्पर साहित्यिक अनुवाद के लिये भी पुरस्कार प्रदान किये जाते हैं। भारत के संविधान में शामिल 22 भाषाओं के अलावा साहित्य अकादमी ने अंग्रेज़ी तथा राजस्थानी को भी उन भाषाओं के रूप में मान्यता दी है जिसमें अकादमी के कार्यक्रम को लागू किया जा सकता है।

मिताली राज

भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान मिताली राज ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध पहले वनडे के दौरान अपने शानदार कॅरियर में एक और उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में अपने 20,000 रन पूरे कर लिये हैं। अनुभवी भारतीय बल्लेबाज मिताली राज पहले से ही महिला अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में सर्वोच्च स्कोरर हैं, यह उपलब्धि उन्होंने इस  वर्ष की शुरुआत में इंग्लैंड के दौरे के दौरान हासिल की थी। 03 दिसंबर, 1982 को राजस्थान के जोधपुर में जन्मी मिताली राज ने अपने अंतर्राष्ट्रीय कॅरियर की शुरुआत वर्ष 1999 में मात्र 16 वर्ष की आयु में की थी, जिसमें उन्होंने कुल 114 रन की एक महत्त्वपूर्ण पारी खेली थी। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कुल 218 एकदिवसीय मैच खेले हैं और कुल 7 शतक तथा 59 अर्द्ध-शतक लगाए हैं। ज्ञात हो कि मिताली राज टेस्ट क्रिकेट और एकदिवसीय मैचों में भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तानी करती हैं। 

चंद्रमा का ‘नोबेल क्रेटर’

नासा ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के एक क्षेत्र- ‘नोबेल क्रेटर’ को अपने आगामी मिशन के लैंडिंग स्थल के रूप में चुना है। नासा के आर्टेमिस कार्यक्रम के हिस्से के रूप में नासा के ‘वोलेटाइलस इन्वेस्टिगेटिंग पोलर एक्सप्लोरेशन रोवर’ (Viper) को वर्ष 2023 में ‘स्पेस-एक्स’ के फाल्कन-हेवी रॉकेट के माध्यम से लॉन्च किया जाएगा। यह चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव का अन्वेषण करने वाला पहला रोवर होगा। ज्ञात हो कि इस क्षेत्र का अब तक केवल नासा के लूनर रिकॉनेसेन्स ऑर्बिटर, इसरो के चंद्रयान-1 और चंद्रयान-2 जैसे रिमोट सेंसिंग उपकरणों का उपयोग करके अध्ययन किया गया है। इस मिशन के माध्यम से प्राप्त डेटा दुनिया भर के वैज्ञानिकों को चंद्रमा की ब्रह्मांडीय उत्पत्ति, विकास तथा इतिहास को और बेहतर तरीके से समझने में मदद करेगा, साथ ही यह भविष्य के चंद्रमा तथा अन्य खगोलीय निकायों से संबंधित मिशनों के लिये भी महत्त्वपूर्ण है। ज्ञात हो कि आर्टेमिस कार्यक्रम के माध्यम से नासा वर्ष 2024 तक मनुष्य (एक महिला और एक पुरुष) को चंद्रमा पर भेजना चाहता है। इस मिशन का लक्ष्य चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर अंतरिक्ष यात्रियों को उतारना है।

विदेशी गणमान्य व्यक्तियों से प्राप्त उपहारों संबंधी नियम

एक हालिया आधिकारिक आदेश के मुताबिक, केंद्र ने IAS, IPS और IFoS अधिकारियों को भारतीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य के रूप में विदेशी गणमान्य व्यक्तियों से प्राप्त उपहारों को रखने की अनुमति देने हेतु 50 वर्ष पुराने नियम में संशोधन किया है। मौजूदा नियम अधिकारियों को शादी, वर्षगाँठ और धार्मिक समारोहों जैसे अवसरों पर केवल अपने करीबी रिश्तेदारों या व्यक्तिगत मित्रों से उपहार स्वीकार करने की अनुमति देते हैं, जब ऐसे उपहार देना प्रचलित धार्मिक और सामाजिक प्रथा के अनुरूप हो। हालाँकि यदि इस तरह के उपहार का मूल्य 25,000 रुपए से अधिक होने पर सरकार को रिपोर्ट करना अनिवार्य था। ज्ञात हो कि विदेशी गणमान्य व्यक्तियों से प्राप्त उपहारों को रखने अथवा न रखने के संबंध में कोई विशिष्ट नियम नहीं था, अब तक प्रचलित व्यवस्था के तहत ज्ञात या अज्ञात विदेशी गणमान्य व्यक्तियों से प्राप्त उपहार प्रायः विदेश मंत्रालय में 'तोशाखाना' (ऐसे उपहारों का एक भंडार) में जमा किये जाते थे।


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