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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 15 Apr, 2022
  • 13 min read
प्रारंभिक परीक्षा

लेज़र मिसाइल रक्षा प्रणाली

हाल ही में इज़रायल ने एक नई लेज़र मिसाइल रक्षा प्रणाली का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है जिसने मोर्टार, रॉकेट और टैंक-रोधी मिसाइलों को इंटरसेप्ट किया है।

  • अगली पीढ़ी के रॉकेट अग्नि के विरुद्ध 90% तक अवरोधक हैं, यह इज़रायल की आयरन डोम रक्षा प्रणाली (Iron Dome Defense System) की एक बड़ी सफलता रही है।

Laser-Missile

लेज़र मिसाइल रक्षा प्रणाली:

  • इजरायल-निर्मित लेज़र प्रणाली, जिसे "आयरन बीम" के रूप में जाना जाता है, इसे अधिक महंँगे रॉकेट-अवरोधन सहित हवाई रक्षा प्रणालियों की एक शृंखला के पूरक के रूप में डिज़ाइन किया गया है।
  • आयरन बीम के इंटरसेप्शन अदृश्य होते हैं।
    • यह निर्देशित-ऊर्जा (DE) हथियार प्रणाली का उपयोग करता है और हवाई रक्षा प्रदान करने में महत्त्वपूर्ण हो सकता है।
    • निर्देशित-ऊर्जा (DE) हथियार प्रणाली एक ऐसी प्रणाली है, जिसमें दुश्मन के उपकरणों, सुविधाओं एवं कर्मियों को क्षति पहुँचाने या उन्हें नष्ट करने के प्रत्यक्ष साधन के रूप में निर्देशित-ऊर्जा का उपयोग किया जाता है।
  • लेज़र सिस्टम की प्रभावशीलता के विषय में बहुत कम जानकारी है, लेकिन इसे ज़मीन पर, हवा में और समुद्र में तैनात किया जा सकता है।
  • यह एक प्रभावी, सटीक, आसानी से संचालित होने वाला उपकरण है जो सुरक्षा के किसी भी अन्य मौजूदा साधन की तुलना में काफी सस्ता है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस


प्रारंभिक परीक्षा

पामकिंग

हाल ही में तमिलनाडु में पहली बार दुर्लभ तितली पामकिंग (Amathusia phidippus) देखी गई।

  • यह भारत में 1,500 प्रजातियों में से तमिलनाडु में पाई जाने वाली तितली की 321वीं प्रजाति है।

Palmking

पामकिंग (Palmking): 

  • परिचय:
    • पामकिंग की उपस्थिति को पहली बार दक्षिण भारत में वर्ष 1891 में ब्रिटिश वैज्ञानिक एच.एस.फर्ग्यूसन द्वारा दर्ज किया गया था। एक सदी से भी अधिक समय बाद इसे वर्ष 2007 में फिर से देखा गया था।
    • पामकिंग निम्फैलिडे (Nymphalidae) की प्रजाति से संबंधित है तथा ताड़, नारियल और कैलमस किस्मों के पौधों से भोजन प्राप्त करती है।
    • भूरे रंग और गहरे रंग की पट्टियाँ इस तितली की विशेषता है तथा इसे एकांतप्रिय के रूप में वर्णित किया गया है, जो ज़्यादातर छाया में आराम करती है।
    • पामकिंग को पहचानना आसान नहीं है क्योंकि लकड़ी की तरह इसका भूरा रंग आसान छलावरण (Camouflage) बनाता है तथा यह शायद ही कभी अपने पंख फैलाती है।
  • वितरण:
    • यह तितली व्यापक रूप से भारत, म्याँमार, चीन, प्रायद्वीपीय मलेशिया और थाईलैंड के कुछ हिस्सों में पाई जाती है।
    • यह इंडोनेशियाई द्वीप समूह और फिलीपींस में भी पाई जाती है।
    • भारत में पश्चिमी घाट के दक्षिण में अरिप्पा, शेंदुर्नी, पेरियार टाइगर रिज़र्व के जंगलों में पामकिंग की मौजूदगी दर्ज की गई है।

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षों के प्रश्न:

प्रश्न: हाल ही में भारतीय वैज्ञानिकों ने केले के पौधे की एक नई और विशिष्ट प्रजाति की खोज की है जो लगभग 11 मीटर ऊंँची  है और इसमें नारंगी रंग के फलों का गूदा होता है। भारत के किस भाग में इसकी खोज की गई है? (2016)

(a) अंडमान द्वीप समूह
(b) अन्नामलाई वन
(c) मैकाले हिल्स
(d) पूर्वोत्तर के उष्णकटिबंधीय वर्षा वन

उत्तर: (a)

  • भारत के वनस्पति सर्वेक्षण (BSI) के वैज्ञानिकों की एक टीम ने केले की एक नई प्रजाति, मूसा इंंदामनेंसिस की खोज की है जो लिटिल अंडमान द्वीप समूह पर एक दूरस्थ कृष्णा नाला उष्णकटिबंधीय वर्षा वन में पाई गई है।

स्रोत: द हिंदू 


प्रारंभिक परीक्षा

नेपच्यून: एंटी-शिप क्रूज़ मिसाइल

हाल ही में यूक्रेन ने दावा किया कि उसने नेप्च्यून एंटी-शिप क्रूज़ मिसाइलों से हमला कर काला सागर में में तैनात रूसी बेड़े के प्रमुख पोत 'मोस्कवा' (Moskva) को क्षतिग्रस्त कर दिया है।

Anti-ship-Cruise-Missile

प्रमुख बिंदु 

नेपच्यून के बारे में:

  • नेपच्यून एक तटीय जहाज़-रोधी क्रूज़ मिसाइल है जो 300 किमी. की सीमा में नौसैनिक जहाज़ों को नष्ट करने में सक्षम है।
  • छह साल तक परीक्षण और विकास के चरणों से गुज़रने के बाद मार्च 2021 में मिसाइल प्रणाली को यूक्रेनी रक्षा बलों में शामिल किया गया था।
  • सेना द्वारा इस क्रूज़ मिसाइल को जल्दबाज़ी में विकसित किया गया था क्योंकि वर्ष 2014 में क्रीमिया पर कब्ज़े के बाद से यूक्रेन के तटीय क्षेत्रों के लिये रूसी खतरा तेज़ी से बढ़ रहा था।
  • इस मिसाइल का डिज़ाइन एक रूसी केएच -35 (Russian Kh-35 ) क्रूज़ मिसाइल पर आधारित है जिसे उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (North Atlantic Treaty Organization- NATO) के एएस-20 कयाक (AS-20 Kayak) के नाम से जाना जाता है।
  • अन्य उपायों के साथ  क्रूज़र एयर डिफेंस सिस्टम द्वारा टीबी-2 ड्रोन (TB-2 drones) का उपयोग कर क्रूज़ मिसाइल द्वारा इस हमले को अंजाम दिया गया था।

मोस्कवा:

  • यह मॉस्को शहर के नाम पर रूसी नौसेना का एक निर्देशित मिसाइल क्रूज़र है।
    • क्रूज़र एक बड़ा सतह युद्धपोत (Surface Warship) होता है जो उच्च गति और अत्यधिक परिभ्रमण त्रिज्या हेतु निर्मित किया जाता है, जो न केवल अपने स्वयं के बेड़े और समुद्र तट की रक्षा करने में सक्षम है बल्कि दुश्मन देशों को भी नियंत्रित कर सकता है।
  • मोस्कवा को मूल रूप से वर्ष 1983 में स्लाव (Slava) के रूप में कमीशन किया गया था।
    • इसे वर्ष 2000 में मोस्कवा के रूप में नवीनीकृत हथियार प्रणालियों और इलेक्ट्रॉनिक्स के साथ अनुशंसित किया गया था।
  • इसमें 12,490 टन की स्थानांतरण क्षमता है।
  • यह रूसी नौसेना के काला सागर बेड़े का प्रमुख है तथा इसमें लगभग 500 कर्मियों का दल है।

Ballistic-and-cruise-missiles

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, पिछले वर्ष के प्रश्न (PYQs):

प्रश्न."टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस (THAAD)" क्या है, जिसे कभी-कभी समाचारों में देखा जाता है? (2018)

(a) एक इज़रायली रडार सिस्टम
(b) भारत का स्वदेशी मिसाइल रोधी कार्यक्रम
(c) एक अमेरिकी मिसाइल रोधी प्रणाली
(d) जापान और दक्षिण कोरिया के बीच एक रक्षा सहयोग।

उत्तर: (c)

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस


विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 15 अप्रैल, 2022

वाटर कॉन्क्लेव 2022

विभिन्न राष्ट्रों के बीच जलमार्ग क्षेत्र में सहयोग की नई संभावनाओं पर विचार-विमर्श करने के उद्देश्य से केंद्रीय बंदरगाह, नौवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय द्वारा भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) के साथ संयुक्त तौर पर असम के डिब्रूगढ़ में ‘वाटर कॉन्क्लेव-2022’ का आयोजन किया जा रहा है। पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान की आकांक्षाओं के अनुरूप वाटर कॉन्क्लेव का लक्ष्य आर्थिक गतिविधियों को सक्रिय करने और रोज़गार सृजन को बढ़ाने हेतु उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में मल्टीमॉडल परियोजनाओं का तीव्रता से विकास करना है। गौरतलब है कि जलमार्ग क्षेत्र में सहयोग के माध्यम से भारत के द्विपक्षीय व्यापार एवं निवेश में वृद्धि की जा सकती है। फिक्की और अंतर्राष्ट्रीय वाणिज्य चैंबर इस दो-दिवसीय कॉन्क्लेव के लिये उद्योग भागीदार हैं।

हिमाचल दिवस

प्रत्येक वर्ष 15 अप्रैल को हिमाचल दिवस का आयोजन किया जाता है। ध्यातव्य है कि 15 अप्रैल, 1948 को हिमाचल प्रदेश मुख्य आयुक्त के प्रांत के रूप में अस्तित्त्व में आया था। भारतीय संविधान लागू होने के साथ ही 26 जनवरी, 1950 को हिमाचल प्रदेश 'ग' श्रेणी का राज्य बन गया। 1 जुलाई, 1954 को बिलासपुर हिमाचल प्रदेश में शामिल हुआ। इसके पश्चात् 1 जुलाई, 1956 को हिमाचल प्रदेश को केंद्रशासित प्रदेश घोषित किया गया। वर्ष 1966 में कांगड़ा और पंजाब के अन्य पहाड़ी इलाकों को हिमाचल प्रदेश में मिला दिया गया, किंतु इसका स्वरूप केंद्रशासित प्रदेश का ही रहा। संसद द्वारा दिसंबर 1970 में हिमाचल प्रदेश राज्य अधिनियम पारित किया गया जिसके फलस्वरूप 25 जनवरी, 1971 को नया राज्य अस्तित्त्व में आया। इस प्रकार हिमाचल प्रदेश, भारतीय गणराज्य का 18वाँ राज्य बना। क्षेत्र के प्राचीनतम ज्ञात जनजातीय निवासियों को दास कहा जाता था, बाद में आर्य भी यहाँ आकर रहने लगे। राज्य उत्तर में जम्मू-कश्मीर से, दक्षिण-पश्चिम में पंजाब से, दक्षिण में हरियाणा से, दक्षिण-पूर्व में उत्तराखंड से तथा पूर्व में तिब्बत (चीन) की सीमाओं से घिरा हुआ है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, राज्य की जनसंख्या तकरीबन 68 लाख है और राज्य का कुल क्षेत्रफल लगभग 55,673 वर्ग किलोमीटर है। 

प्रधानमंत्री संग्रहालय 

4 अप्रैल, 2022 को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अंबेडकर जयंती पर प्रधानमंत्री संग्रहालय (Pradhan Mantri Sangrahalaya) का उद्घाटन किया गया। यह संग्रहालय सिर्फ प्रधानमंत्रियों की उपलब्धियों और उनके योगदान तक ही सीमित नहीं है। यह हर विषम परिस्थिति के बावजूद मज़बूत होते देश के लोकतंत्र, हमारी संस्कृति में हज़ारों साल से फल-फूल रहे लोकतांत्रिक संस्कारों की मज़बूती तथा संविधान के प्रति सशक्त होती आस्था का भी प्रतीक है। संग्रहालय के लिये सभी जानकारी दूरदर्शन, प्रसार भारती, संसद टीवी, फिल्म प्रभाग, मीडिया हाउस (भारतीय और विदेशी) तथा रक्षा मंत्रालय, विदेशी समाचार एजेंसियों आदि जैसे संस्थानों की मदद से एकत्र की गई है। इस संग्रहालय की सामग्री को वर्चुअल रियलिटी, होलोग्राम, ऑगमेंटेड रियलिटी, इंटरैक्टिव कियोस्क, मल्टीमीडिया, स्मार्टफोन एप्लीकेशन, कंप्यूटरीकृत काइनेटिक मूर्तियाँ, इंटरैक्टिव स्क्रीन आदि का उपयोग करके प्रदर्शित किया जा रहा है।


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