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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 15 Mar, 2021
  • 11 min read
प्रारंभिक परीक्षा

प्रिलिम्स फैक्ट्स : 15 मार्च, 2021

साहित्य अकादमी पुरस्कार

Sahitya Akademi Award

हाल ही में मराठी लेखिका नंदा खरे ने वर्ष 2014 में लिखे गए अपने उपन्यास “उद्या” (Udya) के लिये साहित्य अकादमी पुरस्कार स्वीकार करने से इनकार कर दिया।

प्रमुख बिंदु

साहित्य अकादमी पुरस्कार के बारे में:

  • साहित्य अकादमी पुरस्कार वर्ष 1954 में स्थापित, एक साहित्यिक सम्मान है। यह पुरस्कार साहित्य अकादमी (नेशनल एकेडमी ऑफ लेटर्स) द्वारा प्रतिवर्ष प्रदान किया जाता है।
  • अकादमी द्वारा प्रत्येक वर्ष अपने द्वारा मान्यता प्रदत्त 24 भाषाओं में साहित्यिक कृतियों के साथ ही इन्हीं भाषाओं में परस्पर साहित्यिक अनुवाद के लिये भी पुरस्कार प्रदान किये जाते हैं।
  • भारत के संविधान में शामिल 22 भाषाओं के अलावा, साहित्य अकादमी ने अंग्रेज़ी तथा राजस्थानी को भी उन भाषाओं के रूप में मान्यता दी है जिसमें अकादमी के कार्यक्रम को लागू किया जा सकता है।
  • साहित्य अकादमी पुरस्कार, ज्ञानपीठ पुरस्कार के बाद भारत सरकार द्वारा प्रदान किया जाने वाला दूसरा सबसे बड़ा साहित्यिक सम्मान है।

पुरस्कार विजेता के चयन हेतु मानदंड:

    • लेखक के पास अनिवार्य रूप से भारतीय राष्ट्रीयता होनी चाहिये।
    • पुरस्कार के लिये पात्र पुस्तक/रचना का संबंधित भाषा और साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान होना चाहिये।
    • जब दो या दो से अधिक पुस्तकों के लिये समान योग्यता पाई जाती है, तो पुरस्कार की घोषणा हेतु कुछ निश्चित मानदंडों जैसे- साहित्य के क्षेत्र में कुल योगदान तथा लेखकों की स्थिति/प्रतिष्ठा आदि को ध्यान में रखा जाता है।

मराठी उपन्यास ‘उद्या' के विषय में:

  • यह वर्तमान पूंजीवादी और मशीन चालित मानव जीवन के परिणामों के रूप में उभर रहे संभावित परिदृश्यों का एक भविष्यवादी दृष्टिकोण है।
  • यह उपन्यास इस बात की व्याख्या करता है कि कैसे मनुष्य को मशीनों द्वारा गुलाम बनाया गया है, विशेष रूप से ऐसी मशीनों द्वारा जो किसी के निजी जीवन की निगरानी करने हेतु अतिसंवेदनशील है। 

ज्ञानपीठ पुरस्कार:

  • ज्ञानपीठ पुरस्कार भारत में सर्वोच्च साहित्यिक पुरस्कार है और इसे केवल एक भारतीय नागरिक को प्रतिवर्ष प्रदान किया जा सकता है।
  • भारतीय संविधान (8 वीं अनुसूची) में उल्लिखित अन्य भाषाओं के साथ अंग्रेज़ी में भी यह पुरस्कार प्रदान किया जाता है।
  • इस पुरस्कार के अंतर्गत 11 लाख रुपए की नकद राशि, एक प्रशस्ति पत्र और ज्ञान की देवी वाग्देवी (सरस्वती) की एक कांस्य प्रतिकृति प्रदान की जाती है।
  • यह सांस्कृतिक संगठन भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा प्रायोजित है।
  • वर्ष 2018 में लेखक अमिताव घोष ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता बनने वाले पहले अंग्रेजी भाषा के लेखक बने।
  • मलयालम भाषा के अक्कीतम अच्युतन नंबूदिरी को वर्ष 2019 में ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किया गया था।

अन्य साहित्य अकादमी पुरस्कार:

  • साहित्य अकादमी बाल साहित्य पुरस्कार लेखकों द्वारा बाल साहित्य में उनके योगदान के आधार पर दिया जाता है और पुरस्कार वर्ष से तुरंत पहले के पाँच वर्षों के दौरान पहली बार प्रकाशित पुस्तकों से संबंधित है।
  • साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार 35 वर्ष और उससे कम आयु के लेखक द्वारा प्रकाशित पुस्तकों से संबंधित है।

विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 15 मार्च, 2021

चेमनचेरी कुनिरामन नायर

15 मार्च, 2021 को जाने माने कथकली कलाकार चेमनचेरी कुनिरामन नायर का केरल के कोझिकोड में निधन हो गया। 105 वर्षीय नायर‍ अपनी नृत्य मुद्रा और गरिमापूर्ण कला की वजह से कई दशकों तक कथकली प्रेमियों के बीच आकर्षण का केंद्र बने रहे। कथकली विधा में महत्त्वपूर्ण योगदान के लिये वर्ष 2017 में श्री नायर को पद्मश्री पुरस्कार से भी नवाज़ा गया था। इसके अलावा उनकी अद्भुत प्रतिभा के लिये उन्हें केरल संगीत नाटक अकादमी और केरल कलामंडलम पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। 16 जून, 1916 को केरल में जन्मे, कुनिरामन नायर ने वर्ष 1930 में कीजपेपुर कुनियिल परदेवता मंदिर में अपना पहला नृत्य प्रदर्शन किया था। केरल के प्राचीन नृत्य नाटक कथकली के साथ कुनिरामन नायर की यात्रा की शुरुआत 14 वर्ष की उम्र में तब शुरू हुई, जब उन्होंने गुरु करुणाकरण मेनन द्वारा संचालित कथकली मंडली में शामिल होने के लिये अपना घर छोड़ दिया था। वर्षों के अभ्यास और कड़ी मेहनत के बाद 1945 में उन्होंने भारतीय नाट्यकलाम की स्थापना की, जो पूरे केरल में नृत्य का पहला स्कूल था। कथकली, भारतीय शास्त्रीय नृत्य की एक महत्त्वपूर्ण शैली है। यह दक्षिण भारतीय राज्य केरल में उद्गमित एक नृत्य नाटक कला है। 

मिताली राज

हाल ही में मिताली राज अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के सभी प्रारूपों में 10,000 रन बनाने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गई हैं। मिताली राज ने दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध चल रही एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सीरीज़ में यह महत्त्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। मिताली राज अब ऐसी दूसरी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर हैं, जिन्होंने क्रिकेट के सभी प्रारूपों में 10,000 रन बनाए हैं। इंग्लैंड की चार्लोट एडवर्ड्स अब तक एकमात्र ऐसी महिला क्रिकेटर थीं, जिन्होंने यह महत्त्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की थी। 3 दिसंबर, 1982 को जोधपुर राजस्थान में जन्मी मिताली राज ने जून 1999 में एकदिवसीय मैच में आयरलैंड के विरुद्ध अपने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट कॅरियर की शुरुआत की। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कुल 212 एकदिवसीय मैच खेले हैं और कुल 7 शतक तथा 54 अर्द्ध-शतक लगाए हैं। ज्ञात हो कि मिताली राज टेस्ट क्रिकेट और एकदिवसीय मैचों में भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तानी करती हैं। 

‘आत्मनिर्भर निवेशक मित्र’ पोर्टल

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने हाल ही में निवेशकों को डिजिटल सुविधा प्रदान करने के लिये एक समर्पित पोर्टल स्थापित करने की घोषणा की है। ‘आत्मनिर्भर निवेशक मित्र’ नामक इस पोर्टल का उद्देश्य घरेलू निवेशकों को आवश्यक समर्थन, मार्गदर्शन और सूचना प्रदान करना है। इस पोर्टल को वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत ‘उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग’ (DPIIT) द्वारा अंतिम रूप दिया जा रहा है। इस पोर्टल के तहत ’इन्वेस्ट इंडिया’ में एक समर्पित डिजिटल निवेश प्रोत्साहन और सुविधा टीम स्थापित की जाएगी तथा यह घरेलू निवेशकों को ‘इन्वेस्ट इंडिया’ के विशेषज्ञों के साथ वार्ता करने की सुविधा प्रदान करेगा, जिससे वे निवेश संबंधी मुद्दों पर चर्चा कर सकेंगे। यह पोर्टल निवेशकों को केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों एवं नई पहलों के बारे में दैनिक रूप से अपडेट करेगा। इस पोर्टल को ‘इन्वेस्ट इंडिया’ के तहत शुरू किया गया है, जिसे वर्ष 2009 में ‘उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग’ के तहत एक गैर-लाभकारी उपक्रम के रूप में स्थापित किया गया था।

इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश की योग्यता में बदलाव

अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) ने इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों की प्रवेश-स्तरीय योग्यता में बदलाव करते हुए इच्छुक उम्मीदवारों के लिये फिज़िक्स, रसायन विज्ञान और गणित (PCM) की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) द्वारा की गई घोषणा के मुताबिक, अब छात्रों को स्नातक स्तर पर इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश पाने के लिये स्कूल में अनिवार्य रूप से इन विषयों का अध्ययन नहीं करना पड़ेगा। ज्ञात हो कि इससे पूर्व नियमों के मुताबिक,  फिज़िक्स, रसायन विज्ञान और गणित (PCM) आदि विषय कंप्यूटर विज्ञान और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे अधिकांश इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों के लिये अनिवार्य थे। हालाँकि उपरोक्त नियम राज्य सरकार और इंजीनियरिंग स्कूलों के लिये बाध्यकारी नहीं हैं। नए मानदंडों के तहत एक उम्मीदवार से कुल 14 विषयों की सूची में से किसी भी तीन विषयों में कम-से-कम 45 प्रतिशत स्कोर करने की उम्मीद की गई है।


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