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डेली न्यूज़

  • 25 Mar, 2019
  • 26 min read
जैव विविधता और पर्यावरण

ओलिव रिडले कछुआ

चर्चा में क्यों?


दुनिया के सबसे छोटे समुद्री कछुए ओलिव रिडले (Olive Ridleys) हर साल ओडिशा के समुद्री तट पर अंडे देने आते हैं, किंतु निर्धारित समयावधि के गुज़रने के एक महीने बाद भी रुशिकुल्या और देवी नदी के मुहाने पर उनका आगमन नहीं हुआ है।


मुख्य बिंदु

  • ओलिव रिडले (Olive Ridleys) कछुओं के आगमन में देरी की वज़ह अब तक स्पष्ट नहीं हो पाई है।
  • ध्यातव्य है कि ओडिशा के गहिरमाथा तट पर पहले ही बड़े पैमाने पर ओलिव रिडले (Olive Ridleys) कछुओं के प्रजनन की शुरुआत हो चुकी है।
  • करीब चार किलोमीटर में फैले इस समुद्री तट पर प्रत्येक वर्ष लाखों की संख्या में ओलिव रिडले कछुए प्रजनन के लिये अपना बसेरा बनाते हैं। किंतु इस वर्ष यह संख्या हज़ार से भी कम है।
  • गौरतलब है कि इस मौसम में ओलिव रिडले कछुए अपने मूल निवास-स्थान से हज़ारों किलोमीटर का सफर तय करने के बाद ओडिशा के तट पर पहुँचते हैं।

ओलिव रिडले

  • ओलिव रिडले समुद्री कछुओं (Lepidochelys Olivacea) को ‘प्रशांत ओलिव रिडले समुद्री कछुओं’ के नाम से भी जाना जाता है।
  • यह मुख्य रूप से प्रशांत, हिन्द और अटलांटिक महासागरों के गर्म जल में पाए जाने वाले समुद्री कछुओं की एक मध्यम आकार की प्रजाति है। ये माँसाहारी होते हैं।
  • पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम करने वाला विश्व का सबसे पुराना और सबसे बड़ा संगठन आईयूसीएन (International Union for Conservation of Nature- IUCN) द्वारा जारी रेड लिस्ट में इसे अतिसंवेदनशील (Vulnerable) प्रजातियों की श्रेणी में रखा गया है।
  • ओलिव रिडले कछुए हज़ारों किलोमीटर की यात्रा कर ओडिशा के गंजम तट पर अंडे देने आते हैं और फिर इन अंडों से निकले बच्चे समुद्री मार्ग से वापस हज़ारों किलोमीटर दूर अपने निवास-स्थान पर चले जाते हैं।
  • उल्लेखनीय है कि लगभग 30 साल बाद यही कछुए जब प्रजनन के योग्य होते हैं, तो ठीक उसी जगह पर अंडे देने आते हैं, जहाँ उनका जन्म हुआ था।
  • दरअसल अपनी यात्रा के दौरान भारत में गोवा, तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश के समुद्री तटों से गुज़रते हैं, लेकिन प्रजनन करने और घर बनाने के लिये ओडिशा के समुद्री तटों की रेत को ही चुनते हैं।

ओलिव रिडले के अस्तित्व पर संकट

  • विदित हो कि इन कछुओं को सबसे बड़ा नुकसान मछली पकड़ने वाले ट्रॉलरों से होता है।
  • वैसे तो ये कछुए समुद्र की गहराई में तैरते हैं लेकिन चालीस मिनट के बाद इन्हें साँस लेने के लिये समुद्र की सतह पर आना पड़ता है और इस दौरान ये मछली पकड़ने वाले ट्रॉलरों की चपेट में आ जाते हैं।
  • हालाँकि, इस संबंध में ओडिशा हाईकोर्ट ने आदेश दे रखा है कि कछुए के आगमन के रास्ते में संचालित होने वाले ट्रॉलरों में ‘टेड’ यानी टर्टल एक्सक्लूजन डिवाइस (एक ऐसा यंत्र जिससे कछुए मछुआरों के जाल में नहीं फँसते) लगाया जाए।
  • यह चिंतनीय है कि इस आदेश का सख्ती से पालन नहीं होता है। सरकार का आदेश है कि समुद्र तट के 15 किलोमीटर इलाके में कोई ट्रॉलर मछली नहीं पकड़ सकता लेकिन इस कानून का क्रियान्वयन सुनिश्चित नहीं किया जा सका है।
  • कछुए जल-पारिस्थितिकी के संतुलन में अहम भूमिका निभाते हैं और इनका सरंक्षण सुनिश्चित किया जाना चाहिये।


स्रोत- द हिंदू


भारतीय अर्थव्यवस्था

गिल्ट फंड

चर्चा में क्यों?

हाल ही में गिल्ट फंड्स ने अन्य सभी डेब्ट फंड श्रेणियों से बेहतर प्रदर्शन करते हुए पिछले वर्ष की तुलना में 8.3 प्रतिशत का वार्षिक रिटर्न दिया है। टॉप गिल्ट फंडों ने रिटर्न में 11 प्रतिशत तक की वृद्धि प्रदर्शित की है।

  • इसी अवधि के दौरान अन्य डेब्ट फंड्स, जो कॉर्पोरेट बॉण्ड में निवेश करते हैं, ने 4.9 प्रतिशत से 8 प्रतिशत तक का रिटर्न दिया।
  • हालाँकि वर्ष 2017 तथा वर्ष 2018 की पहली छमाही में गिल्ट फंड्स का प्रदर्शन कुछ ख़ास नही रहा।

गिल्ट फंड्स क्या हैं?

  • गिल्ट फंड वे म्यूचुअल फंड योजनाएँ होती हैं जो मुख्य रूप से सरकार की ओर से भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा जारी की गई सरकारी प्रतिभूतियों (G-sec) में निवेश करती हैं।
  • इन सरकारी प्रतिभूतियों में केंद्र सरकार की दिनाँकित प्रतिभूतियाँ, राज्य सरकार की प्रतिभूतियाँ और ट्रेजरी/राजस्व बिल शामिल होते हैं।
  • गिल्ट फंड्स में निवेश करने के बाद निवेशकों को किसी तरह का क्रेडिट रिस्क नहीं होता है, क्योंकि इन प्रतिभूतियों की गारंटी केंद्र सरकार द्वारा दी जाती है। ये फंड्स दीर्घावधिक सरकारी प्रतिभूति पत्रों में निवेश करते हैं।

गिल्ट म्यूचुअल फंड के प्रकार

सामन्यतः गिल्ट म्यूचुअल फंड दो प्रकार के होते हैं-

  • लघु अवधि के म्यूचुअल फंड
  • दीर्घ अवधि के म्यूचुअल फंड

लघु अवधि के म्यूचुअल फंड

  • लघु अवधि की योजनाओं के तहत अल्पकालिक सरकारी बॉण्ड में निवेश किया जाता है, जो बहुत कम अवधि की होती हैं।
  • सामान्यतः ये म्यूचुअल फंड अगले 15-18 महीनों में परिपक्व हो जाते हैं।
  • चूँकि ये फंड राज्य या केंद्र सरकार द्वारा समर्थित हैं, इसलिये इनमे कोई क्रेडिट जोखिम नहीं होता और इनकी कम अवधि में परिपक्वता के कारण ब्याज दरों में बदलाव का कम जोखिम होता है।

दीर्घ अवधि के म्यूचुअल फंड

  • दीर्घ अवधि के गिल्ट फंड्स, दीर्घकालिक सरकारी बॉण्ड में निवेश करते हैं
  • इनकी परिपक्वता अवधि 5 साल से 30 साल तक होती है।
  • गिल्ट फंडों में सरकारी प्रतिभूतियों की परिपक्वता अवधि जितनी अधिक होती है, उतनी ही अधिक ब्याज दर में बदलाव की संभावना होती है।
  • कुछ मामलों में दीर्घकालीन गिल्ट फंड अल्पकालिक गिल्ट फंड्स की तुलना में ब्याज दरों में बदलाव के प्रति सक्रिय प्रतिक्रिया देते हैं।

स्रोत - बिज़नेस लाइन (द हिंदू)


भारतीय अर्थव्यवस्था

फिनटेक कॉनक्‍लेव 2019

चर्चा में क्यों?

नीति आयोग 25 मार्च, 2019 को एकदिवसीय फिनटेक कॉनक्‍लेव का आयोजन करने जा रहा है। यह आयोजन नई दिल्‍ली के डॉ. अम्‍बेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र (Dr. Ambedkar International Center) में किया जा रहा है।

प्रमुख बिंदु

  • इसका उद्देश्‍य फिनटेक क्षेत्र में भारत की बढ़ती ऊँचाइयों को आकार देना, भविष्‍य की रणनीति एवं नीतिगत प्रयासों हेतु योजना बनाना तथा व्‍यापक वित्तीय समावेश के लिये उचित कदमों पर विचार करना है।
  • इस कॉनक्‍लेव में एचडीएफसी बैंक, इंडसइन्‍ड, आईसीआईसीआई बैंक, एसबीआई कार्ड, टाटा कैपिटल सहित प्रमुख वित्तीय संस्‍थान एवं बैंक बाज़ार, फोन पे, कैपिटल फ्लोट, ज़ेरोधा, पेटीएम, मोबिक्विक, पे यू सहित फिनटेक एवं अग्रणी वैंचर कैपिटल निवेशक, राज्‍य सरकारें, एमएसएमई इत्यादि शामिल होंगे।
  • डिजिटल इंडिया एवं वित्तीय समावेशन के लिये स्‍वैच्छिक आधार तथा विकास पर केंद्रित भारत सरकार के प्रयासों की वज़ह से ही वित्तीय प्रौद्योगिकी (Financial Technology-FinTech) के क्षेत्र में विभिन्न हितधारकों के बीच दिलचस्‍पी पैदा हुई है।

पृष्‍ठभूमि

  • भारत वैश्विक रूप से सबसे तेज़ी से बढ़ने वाले फिनटेक बाज़ारों में से एक है और इस उद्योग के अनुसंधानों से अनुमान लगाया गया है कि 2029 तक भारत का फिनटेक बाज़ार एक ट्रिलियन डॉलर तक पहुँच सकता है।
  • भारतीय फिनटेक प्रणाली विश्‍व में तीसरी सबसे बड़ी प्रणाली है जिसमें 2014 के बाद लगभग छह बिलियन डॉलर का निवेश किया गया है।
  • भारतीय फिनटेक उद्योग उन्नत जोखिम प्रबंधन और कृत्रिम बुद्धिमत्ता में अत्याधुनिक बौद्धिक संपदा का निर्माण कर रहा है जो भारत को वैश्विक डिजिटल अर्थव्यवस्था में आगे बढ़ाने के साथ-साथ भारत में पेपरलेस अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देगा।

फिनटेक क्या है?

  • फिनटेक (FinTech) Financial Technology का संक्षिप्त रूप है। वित्तीय कार्यों में टेक्नोलॉजी के उपयोग को फिनटेक कहा जा सकता है।
  • दूसरे शब्दों में यह पारंपरिक वित्तीय सेवाओं और विभिन्न कंपनियों तथा व्यापार में वित्तीय पहलुओं के प्रबंधन में आधुनिक तकनीक का कार्यान्वयन है।
  • पहले के समय में बैंक से पैसा निकालने के लिये रजिस्टर मेन्टेन करना होता था जिसमें काफी समय भी लगता था। लेकिन अब बैंकिंग सिस्टम में भी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होने से कोर बैंकिंग सिस्टम प्रचलन में आ गया है और पैसे का लेन-देन आसान हो गया है, इसे भी हम फिनटेक कह सकते हैं। उदाहरण के तौर पर UPI या भीम एप जो कि वित्तीय तकनीक का एक हिस्सा हैं, पैसा भेजने की समस्या को तुरंत हल कर देते हैं।
  • अगर एक के बाद एक, बैंक अपनी मोबाइल वॉलेट सर्विस लॉन्च कर रहे हैं तो यह इन्हीं फिनटेक कंपनियों की वज़ह से है। यही कारण है कि अब बैंक इन फिनटेक कंपनियों को अपने साथ ला रहे हैं।
  • ये फिनटेक स्टार्ट-अप बैंकों के लिये पेमेंट, कैश ट्रांसफर जैसी सर्विसेज़ में काफी मददगार साबित हो रहे हैं। साथ ही ये देश के दूरदराज़ के इलाकों तक बैंकिंग सर्विसेज़ उपलब्ध करा रहे हैं।
  • फिनटेक प्रदाता अब बचत, उधार, बीमा और अन्य वित्तीय उत्पादों तथा सलाहकारी सेवाओं की पेशकश शुरू कर रहे हैं।
  • देश में आज पेटीएम, मोबीक्विकऔर फ्रीचार्ज जैसी कंपनियाँ तेज़ी से आगे बढ़ रही हैं और बैंकों के साथ समन्वय से छोटी कंपनियों को भी अपने नए आइडिया पर काम करने का मौका मिल रहा है।
  • केपीएमजी की रिपोर्ट के मुताबिक, इस वक्त देश में फिनटेक सेक्टर का कारोबार 33 अरब डॉलर का है जो 2020 तक 73 अरब डॉलर तक पहुँच सकता है।
  • सरकार की कोशिश भी देश की इकोनॉमी को कैशलेस बनाने की है, ऐसे में फिनटेक कंपनियों की भूमिका आने वाले दिनों में और भी बढ़ेगी।

स्रोत- पीआईबी


भूगोल

अल-नीनो के लिये पूर्वानुमान

चर्चा में क्यों?

हाल ही में अमेरिकी मौसम एजेंसियों द्वारा जारी किये गए पूर्वानुमान के अनुसार, गर्मियों में अल-नीनो की अधिक संभावना जताई गई है। यदि यह अनुमान सही होता है तो भारत में बारिश का मौसम प्रभावित हो सकता है।

  • उल्लेखनीय है कि विभिन्न मौसम एजेंसियों द्वारा फरवरी में प्रशांत महासागर में एक कमज़ोर अल नीनो के स्थापित होने की घोषणा की गई थी लेकिन, अब अधिकांश अंतर्राष्ट्रीय मौसम एजेंसियों द्वारा यह भविष्यवाणी की गई है कि अल-नीनो की स्थिति अगले कुछ महीनों तक बनी रहेगी।

अल-नीनो (El-Nino)

  • प्रशांत महासागर (Pacific Ocean) में पेरू के निकट समुद्री तट के गर्म होने की घटना को अल-नीनो कहा जाता है। दक्षिण अमेरिका के पश्चिम तटीय देश पेरू एवं इक्वाडोर के समुद्री मछुआरों द्वारा प्रतिवर्ष क्रिसमस के आस-पास प्रशांत महासागरीय धारा के तापमान में होने वाली वृद्धि को अल-नीनो कहा जाता था।
  • वर्तमान में इस शब्द का इस्तेमाल उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में केंद्रीय और पूर्वी प्रशांत महासागर के सतही तापमान में कुछ अंतराल पर असामान्य रूप से होने वाली वृद्धि और इसके परिणामस्वरूप होने वाले विश्वव्यापी प्रभाव के लिये किया जाता है।
  • ला-नीना (La-Nina) भी मानसून का रुख तय करने वाली सामुद्रिक घटना है। यह घटना सामान्यतः अल-नीनो के बाद होती है। उल्लेखनीय है कि अल-नीनो में समुद्र की सतह का तापमान बहुत अधिक बढ़ जाता है, जबकि ला-नीना में समुद्री सतह का तापमान बहुत कम हो जाता है।

अल-नीनो से सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्र

  • सामान्यतः प्रशांत महासागर का सबसे गर्म हिस्सा भूमध्य रेखा के पास का क्षेत्र है। पृथ्वी के घूर्णन के कारण वहाँ उपस्थित हवाएँ पूर्व से पश्चिम की ओर बहती हैं। ये हवाएँ गर्म जल को पश्चिम की ओर अर्थात् इंडोनेशिया की ओर धकेलती हैं।
  • वैसे तो अल-नीनो की घटना भूमध्य रेखा के आस-पास प्रशांत क्षेत्र में घटित होती है लेकिन हमारी पृथ्वी के सभी जलवायु-चक्रों पर इसका असर पड़ता है।
  • लगभग 120 डिग्री पूर्वी देशांतर के आस-पास इंडोनेशियाई क्षेत्र से लेकर 80 डिग्री पश्चिमी देशांतर पर मेक्सिको की खाड़ी और दक्षिण अमेरिकी पेरू तट तक का समूचा उष्ण क्षेत्रीय प्रशांत महासागर अल-नीनो के प्रभाव क्षेत्र में आता है।

अल-नीनो का प्रभाव

  • अल-नीनो के प्रभाव से प्रशांत महासागर में समुद्र की सतह गर्म हो जाती है, इससे हवाओं के रास्ते और रफ्तार में परिवर्तन आ जाता है जिसके चलते मौसम चक्र बुरी तरह से प्रभावित होता है।
  • मौसम में बदलाव के कारण कई स्थानों पर सूखा पड़ता है तो कई जगहों पर बाढ़ आती है। इसका असर दुनिया भर में महसूस किया जाता है।
  • जिस वर्ष अल-नीनो की सक्रियता बढ़ती है, उस साल दक्षिण-पश्चिम मानसून पर उसका असर निश्चित रूप से पड़ता है। इससे पृथ्वी के कुछ हिस्सों में भारी वर्षा होती है तो कुछ हिस्सों में सूखे की गंभीर स्थिति भी सामने आती है।
  • भारत भर में अल-नीनो के कारण सूखे की स्थिति उत्पन्न होती है, जबकि ला-नीना के कारण अत्यधिक बारिश होती है।

स्रोत- टाइम्स ऑफ इंडिया


विविध

Rapid Fire करेंट अफेयर्स (25 March)

  • 21 मार्च को दुनियाभर में अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस (International Day of Forest) का आयोजन किया जाता है। विश्व में वन आवरण की कमी और वन संरक्षण की बढ़ती आवश्यकता के बारे में लोगों को जागरूक करना इस दिवस को मनाने का प्रमुख उद्देश्य है।  28 नवंबर 2012 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस के रूप में मनाने के लिये एक प्रस्ताव पारित किया था। 2019 के अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस की थीम Forests and Education रखी गई है।
  • 23 मार्च को देशभर में शहीद दिवस का आयोजन किया गया। 1931 में 23 मार्च को ही ब्रिटिश सरकार ने भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फाँसी पर लटका दिया था। इनके बलिदान की याद में इस दिन को शहीद दिवस का दर्जा दिया गया है। इन तीनों को सज़ा 24 मार्च को दी जानी थी, लेकिन 23 मार्च को लाहौर सेंट्रल जेल के भीतर इन्हें फाँसी दे दी गई। भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु ने 1928 में लाहौर में एक ब्रिटिश जूनियर पुलिस अधिकारी जॉन सॉन्डर्स की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसका मुकदमा लाहौर षड्यंत्र केस के नाम से चलाया गया था और इसके लिये तीनों को फाँसी की सज़ा सुनाई गई थी। आपको बता दें कि महात्मा गांधी की पुण्यतिथि 30 जनवरी को देशभर में शहीदी दिवस का आयोजन किया जाता है।
  • कैबिनेट की सुरक्षा समिति ने अलगाववादी संगठन जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) पर प्रतिबंध लगा दिया है। अलगाववादी नेता यासीन मलिक की अगुवाई वाले इस संगठन को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के विभिन्न प्रावधानों के तहत प्रतिबंधित किया गया है। केंद्र सरकार का कहना है कि JKLF के खिलाफ इस बात की पुख्ता जानकारी और सबूत हैं कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये खतरा हो सकता है। गौरतलब है कि यह जम्मू-कश्मीर में दूसरा संगठन है, जिसे इस महीने प्रतिबंधित किया गया है। इससे पहले केंद्र सरकार ने जमात-ए-इस्लामी जम्मू-कश्मीर पर प्रतिबंध लगा दिया था।
  • रक्षा मंत्रालय ने नए नौसेना प्रमुख के पद पर वाइस एडमिरल करमबीर सिंह को नियुक्त करने का फैसला किया है। फिलहाल वह विशाखापत्तनम की पूर्वी कमांड की अगुवाई कर रहे हैं। करमबीर सिंह देश के 24वें नौसेना प्रमुख होंगे। राष्ट्रीय रक्षा अकादमी खड़गवासला से प्रशिक्षण प्राप्त अतिविशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित करमबीर सिंह 1980 में भारतीय नौसेना में शामिल हुए थे। आपको बता दें कि वर्तमान नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा 31 मई को रिटायर हो रहे हैं।
  • चेन्नई स्थित भारतीय रेलवे की सबसे पुरानी इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) चालू वित्त वर्ष में लगभग 3000 रेलवे कोच बनाकर दुनिया की सबसे बड़ी कोच बनाने वाली फैक्टरी बन गई है। ICF ने अब तक सबसे ज़्यादा रेल कोच का निर्माण करने वाली चीन की कोच फैक्टरी को पीछे छोड़ दिया है, जिसने इसी अवधि में लगभग 2600 रेल कोच का निर्माण किया। देश की सबसे तेज़ ट्रेन वंदे भारत के कोच भी ICF में ही बनाए गए हैं। ICF के अलावा देश में उत्तर प्रदेश के रायबरेली में मॉडर्न कोच फैक्टरी और पंजाब के कपूरथला में रेल कोच फैक्टरी है।
  • भारत और ओमान ने श्रीलंका में तेल रिफाइनरी बनाने के लिये समझौता किया है। भारत का ऑकार्ड समूह और ओमान का तेल मंत्रालय एक संयुक्त उद्यम के ज़रिये 3.85 अरब डॉलर के निवेश से श्रीलंका में रिफाइनरी लगाने जा रहे हैं। ओमान के तेल मंत्रालय और भारत के ऑकार्ड समूह के स्वामित्व वाला सिंगापुर स्थित निवेश निकाय जो तेल रिफाइनरी लगाने जा रहा है वह श्रीलंका में अब तक का सबसे बड़ा विदेशी निवेश बताया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट के तहत हंबनटोटा बंदरगाह के निकट तेल रिफाइनरी का निर्माण किया जाएगा। आपको बता दें कि चीन भी श्रीलंका की कई बड़ी परियोजनाओं में निवेश कर रहा है, जिसमें हंबनटोटा बंदरगाह भी शामिल है।
  • मलेशिया के लांगकावी में 26 मार्च से 30 मार्च तक अंतर्राष्ट्रीय मैरीटाइम एयरो एक्सपो (LIMA-2019) आयोजित किया जा रहा है। भारतीय वायुसेना पहली बार इस मैरीटाईम एयरो एक्सपो में भाग ले रही है। इस एयरो एक्सपो में स्वदेश में विकसित LCA युद्धक विमान को प्रदर्शित किया जाएगा। इसमें भाग लेने के लिये भारतीय वायुसेना की टीम वायु सेना स्टेशन कलईकुंडा से रवाना हुई। LIMA-2019 में भारतीय वायुसेना की भागीदारी से दोनों देशों की वायुसेनाओं के बीच निकट संपर्क कायम हो सकेगा। इससे मलेशियाई वायुसेना को भी भारत के LCA की क्षमताओं को परखने का अवसर मिलेगा।
  • पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस आसिफ सईद खोसा ने आतंकवाद की परिभाषा तय करने का फैसला किया है। आतंकवाद को परिभाषित करने और इसके दायरे में आने वाले मामलों का निर्धारण करने लिये सात न्यायाधीशों पीठ गठित की गई है। पाकिस्तान के चीफ जस्टिस के अनुसार 1997 से यह निर्धारित नहीं किया गया कि किस तरह के मामले आतंकवाद के दायरे में आएंगे। आतंकवाद की परिभाषा को लेकर उस समय विचार हुआ जब न्यायालय दो मामलों में पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था। इन दोनों मामलों में आरोपियों को आतंकवाद निरोधी अधिनियम की धारा-7 के तहत आरोपित किया गया था जो आतंकी कृत्य के लिये सज़ा से संबंधित है। पाकिस्तान में ‘आतंकवाद’ शब्द की कोई सटीक और व्यापक रूप से स्वीकार्य परिभाषा नहीं है।
  • भारतीय महिला फुटबॉल टीम ने मेज़बान नेपाल को 3-1 से पराजित कर लगातार पाँचवीं बार सैफ (South Asian Football Federation-SAFF) महिला फुटबॉल चैंपियनशिप का खिताब जीत लिया। नेपाल के बिराटनगर के शहीद रंगशाला स्टेडियम में खेले गए इस मुकाबले में भारत की तरफ से डालमिया छिब्बर, ग्रेस डेंगमई और अंजु तमांग ने गोल दागे, जबकि नेपाल की तरफ से सबित्रा भंडारी ने एकमात्र गोल किया। इस विजय के बाद चैंपियनशिप में भारत का अपराजेय रहने का रिकॉर्ड 23 मैचों का हो गया। भारत ने अब तक इस टूर्नामेंट के पाँचों खिताब जीते हैं, भारत ने पहला खिताब 2010 में जीता था।

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