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भारतीय अर्थव्यवस्था

फिनटेक कॉनक्‍लेव 2019

  • 25 Mar 2019
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

नीति आयोग 25 मार्च, 2019 को एकदिवसीय फिनटेक कॉनक्‍लेव का आयोजन करने जा रहा है। यह आयोजन नई दिल्‍ली के डॉ. अम्‍बेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र (Dr. Ambedkar International Center) में किया जा रहा है।

प्रमुख बिंदु

  • इसका उद्देश्‍य फिनटेक क्षेत्र में भारत की बढ़ती ऊँचाइयों को आकार देना, भविष्‍य की रणनीति एवं नीतिगत प्रयासों हेतु योजना बनाना तथा व्‍यापक वित्तीय समावेश के लिये उचित कदमों पर विचार करना है।
  • इस कॉनक्‍लेव में एचडीएफसी बैंक, इंडसइन्‍ड, आईसीआईसीआई बैंक, एसबीआई कार्ड, टाटा कैपिटल सहित प्रमुख वित्तीय संस्‍थान एवं बैंक बाज़ार, फोन पे, कैपिटल फ्लोट, ज़ेरोधा, पेटीएम, मोबिक्विक, पे यू सहित फिनटेक एवं अग्रणी वैंचर कैपिटल निवेशक, राज्‍य सरकारें, एमएसएमई इत्यादि शामिल होंगे।
  • डिजिटल इंडिया एवं वित्तीय समावेशन के लिये स्‍वैच्छिक आधार तथा विकास पर केंद्रित भारत सरकार के प्रयासों की वज़ह से ही वित्तीय प्रौद्योगिकी (Financial Technology-FinTech) के क्षेत्र में विभिन्न हितधारकों के बीच दिलचस्‍पी पैदा हुई है।

पृष्‍ठभूमि

  • भारत वैश्विक रूप से सबसे तेज़ी से बढ़ने वाले फिनटेक बाज़ारों में से एक है और इस उद्योग के अनुसंधानों से अनुमान लगाया गया है कि 2029 तक भारत का फिनटेक बाज़ार एक ट्रिलियन डॉलर तक पहुँच सकता है।
  • भारतीय फिनटेक प्रणाली विश्‍व में तीसरी सबसे बड़ी प्रणाली है जिसमें 2014 के बाद लगभग छह बिलियन डॉलर का निवेश किया गया है।
  • भारतीय फिनटेक उद्योग उन्नत जोखिम प्रबंधन और कृत्रिम बुद्धिमत्ता में अत्याधुनिक बौद्धिक संपदा का निर्माण कर रहा है जो भारत को वैश्विक डिजिटल अर्थव्यवस्था में आगे बढ़ाने के साथ-साथ भारत में पेपरलेस अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देगा।

फिनटेक क्या है?

  • फिनटेक (FinTech) Financial Technology का संक्षिप्त रूप है। वित्तीय कार्यों में टेक्नोलॉजी के उपयोग को फिनटेक कहा जा सकता है।
  • दूसरे शब्दों में यह पारंपरिक वित्तीय सेवाओं और विभिन्न कंपनियों तथा व्यापार में वित्तीय पहलुओं के प्रबंधन में आधुनिक तकनीक का कार्यान्वयन है।
  • पहले के समय में बैंक से पैसा निकालने के लिये रजिस्टर मेन्टेन करना होता था जिसमें काफी समय भी लगता था। लेकिन अब बैंकिंग सिस्टम में भी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होने से कोर बैंकिंग सिस्टम प्रचलन में आ गया है और पैसे का लेन-देन आसान हो गया है, इसे भी हम फिनटेक कह सकते हैं। उदाहरण के तौर पर UPI या भीम एप जो कि वित्तीय तकनीक का एक हिस्सा हैं, पैसा भेजने की समस्या को तुरंत हल कर देते हैं।
  • अगर एक के बाद एक, बैंक अपनी मोबाइल वॉलेट सर्विस लॉन्च कर रहे हैं तो यह इन्हीं फिनटेक कंपनियों की वज़ह से है। यही कारण है कि अब बैंक इन फिनटेक कंपनियों को अपने साथ ला रहे हैं।
  • ये फिनटेक स्टार्ट-अप बैंकों के लिये पेमेंट, कैश ट्रांसफर जैसी सर्विसेज़ में काफी मददगार साबित हो रहे हैं। साथ ही ये देश के दूरदराज़ के इलाकों तक बैंकिंग सर्विसेज़ उपलब्ध करा रहे हैं।
  • फिनटेक प्रदाता अब बचत, उधार, बीमा और अन्य वित्तीय उत्पादों तथा सलाहकारी सेवाओं की पेशकश शुरू कर रहे हैं।
  • देश में आज पेटीएम, मोबीक्विकऔर फ्रीचार्ज जैसी कंपनियाँ तेज़ी से आगे बढ़ रही हैं और बैंकों के साथ समन्वय से छोटी कंपनियों को भी अपने नए आइडिया पर काम करने का मौका मिल रहा है।
  • केपीएमजी की रिपोर्ट के मुताबिक, इस वक्त देश में फिनटेक सेक्टर का कारोबार 33 अरब डॉलर का है जो 2020 तक 73 अरब डॉलर तक पहुँच सकता है।
  • सरकार की कोशिश भी देश की इकोनॉमी को कैशलेस बनाने की है, ऐसे में फिनटेक कंपनियों की भूमिका आने वाले दिनों में और भी बढ़ेगी।

स्रोत- पीआईबी

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