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मोटिवेशन

पद्म पुरस्कार : राष्ट्रीय नायकों का सम्मान और इसके निहितार्थ

12 Nov, 2021 | हिमांशु सिंह

सभ्यता के विकासक्रम में व्यक्तियों, समूहों और राज्यों ने निष्ठा, समर्पण और अच्छे प्रदर्शन की चाह में पुरस्कारों का आविष्कार किया। प्रारंभ में जहाँ राज्य की ओर से दिए जाने...

इतिहास, विचार और दुनिया

डर को जीतना ही ज्ञान की शुरुआत है

05 Feb, 2020 | हिमांशु सिंह

संभावित अनिष्ट की आशंका जिसे रोका या नियंत्रित नहीं किया जा सकता, डर है। डर के तमाम रूप और गुण हैं, पर डर का व्यक्तिनिष्ठ होना उसकी प्रमुख विशेषता है। यानी, हर व्यक्ति के पास...

इतिहास, विचार और दुनिया

क्योंकि आर्थिक-आक्रामकता सैन्य-आक्रामकता से अधिक प्रभावी होती है।

22 Jan, 2020 | हिमांशु सिंह

सीमाओं के विस्तार का जोखिमयुक्त अतिवादी रवैया आक्रामकता है। सीमाएँ हमारे इर्द-गिर्द अनगिनत रूपों और प्रकारों में मौजूद हैं। हमारा जीवन संघर्ष कुछ और नहीं बल्कि इन...

इतिहास, विचार और दुनिया

ज़िंदगी की सबसे अच्छी चीज़ें मुफ्त हैं

16 Jan, 2020 | हिमांशु सिंह

मेरा निजी अनुभव है कि जब तक हम घटिया और दिखावटी चीज़ों को ऊँची कीमत पर खरीद नहीं लेते, तब तक हम यह समझ ही नहीं पाते कि दुनिया की सबसे खूबसूरत और अच्छी चीज़ें तो दरअसल मुफ्त होती...

इतिहास, विचार और दुनिया

तो क्या तीसरा विश्वयुद्ध पानी के लिये लड़ा जाएगा? (Part 1)

30 Dec, 2019 | हिमांशु सिंह

अभी किचन में गया तो देखा कि RO से बाथरूम की बाल्टी भरी जा रही थी और RO से उतना ही पानी बेकार बह रहा था। मैंने RO का पाइप बाल्टी में डाल दिया, जिससे बेकार बह रहा पानी भी बाल्टी में...

इतिहास, विचार और दुनिया

क्या छोटे लक्ष्य अपराध हैं?

19 Dec, 2019 | हिमांशु सिंह

सजीव हों या निर्जीव, सभी के अस्तित्व का कुछ-न-कुछ औचित्य होता है। मनुष्य के संदर्भ में विशेष यह है कि मानसिक उद्विकास ने मनुष्य के जीवन में औचित्य के अतिरिक्त एक अन्य तत्त्व...

इतिहास, विचार और दुनिया

कायरों के लिये वीरता एक बुराई है

12 Dec, 2019 | हिमांशु सिंह

‘वीरता’ शब्द के उच्चारण या मनन के साथ ही मन में किसी महाराणा प्रतापनुमा व्यक्ति की छवि उभरती है जो युद्ध के दौरान अकेले बीस शत्रुओं पर भारी पड़ता हो। एक लंबे समय तक...

अपरंपरागत बुद्धि

अज्ञान का स्वीकार ही ज्ञान की दिशा में पहला कदम है

04 Dec, 2019 | हिमांशु सिंह

बचपन में किसी को कहते सुना था या शायद कहीं पढ़ा था कि 'आप वही जानते हैं जो आपको पता है, आप वह नहीं जानते जिसके बारे में आपको नहीं पता है'। बचपन की यह बात मन में ऐसा घर कर गयी है कि...

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