इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

उत्तर प्रदेश पी.सी.एस.


पीसीएस

यू.पी. (आर.ओ./ए.आर.ओ.) - रणनीति

  • 01 Oct 2018
  • 14 min read

यू.पी. (आर.ओ./ए.आर.ओ.) - रणनीति

रणनीति की आवश्यकता क्यों?

  • ध्यातव्य है कि यह परीक्षा सामान्यत: दो चरणों (प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा) में आयोजित की जाती है, जिसमें  प्रत्येक अगले चरण में पहुँचने के लिये उससे पूर्व के चरण में सफल होना आवश्यक है। 
  • इन दोनों चरणों की परीक्षा की प्रकृति एक-दूसरे से भिन्न होती है। अत: प्रत्येक चरण में सफलता सुनिश्चित करने के लिये  अलग-अलग रणनीति बनाने की आवश्यकता है। 

प्रारंभिक परीक्षा की रणनीति

  • सर्वप्रथम यू.पी. आर.ओ./ए.आर.ओ. प्रारम्भिक परीक्षा के ‘पाठ्यक्रम’ का अध्ययन करें एवं उसके समस्त भाग एवं पहलुओं को ध्यान में रखते हुए सुविधा एवं रूचि के अनुसार वरीयता क्रम निर्धारित करें। 
  • यू.पी. आर.ओ./ए.आर.ओ. प्रारम्भिक परीक्षा कुल 200 अंकों की होती है।   
  • इस प्रारम्भिक परीक्षा में दो अनिवार्य प्रश्नपत्र पूछे जाते हैं। प्रथम प्रश्नपत्र सामान्य अध्ययन का है, जिसमें प्रश्नों की कुल संख्या 140 एवं अधिकतम अंक 140 निर्धारित है। 
  • द्वितीय प्रश्नपत्र सामान्य हिंदी का होता है जिसमें प्रश्नों की कुल संख्या 60 एवं अधिकतम अंक 60 निर्धारित है। 
  • परीक्षा के इस चरण में सफलता सुनिश्चित करने के लिये विगत 5 से 10 वर्षों में प्रारम्भिक परीक्षा में पूछे गये प्रश्नों का सूक्ष्म अवलोकन करें और उन बिंदुओं तथा शीर्षकों पर ज़्यादा ध्यान दें, जिससे विगत वर्षों में प्रश्न पूछने की आवृति ज़्यादा रही है। 
  • चूँकि प्रारम्भिक परीक्षा में प्रश्नों की प्रकृति वस्तुनिष्ठ (बहुविकल्पीय) प्रकार की होती है अत: इसमें तथ्यों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है। जैसे- चोल वंश का वास्तविक संस्थापक कौन था? भारत में गरीबी हटाओ का नारा किस पंचवर्षीय योजना में दिया गया था ? इत्यादि ।
  • इस परीक्षा के पाठ्यक्रम और विगत वर्षों में पूछे गए प्रश्नों की प्रकृति का सूक्ष्म अवलोकन करने पर ज्ञात होता है कि इसके कुछ खण्डों की गहरी अवधारणात्मक एवं तथ्यात्मक जानकारी अनिवार्य है।  
  • इन प्रश्नों को याद रखने और हल करने का सबसे आसान तरीका है कि विषय की तथ्यात्मक जानकारी से सम्बंधित संक्षिप्त नोट्स बना लिया जाए और उसका नियमित अध्ययन किया जाए जैसे – एक प्रश्न पूछा गया कि ‘समान कार्य के लिये समान वेतन’ का अधिकार भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद में वर्णितहै? ऐसे प्रश्नों को हल करने के लिये भारतीय संविधान के कुछ प्रमुख अनुच्छेदों की एक लिस्ट तैयार कर लेनी चाहिये। 
  • प्रथम प्रश्नपत्र में पूछे जाने वाले परम्परागत प्रश्नों को हल करने के लिये सामान्य अध्ययन में शामिल सभी विषयों की कक्षा-6 से कक्षा-12 तक की एनसीईआरटी की पुस्तकों का अध्ययन करने के साथ-साथ दृष्टि पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित मानक मासिक पत्रिका ‘दृष्टि करेंट अफेयर्स टुडे’ के सामान्य अध्ययन के विशेषांक खंडों का अध्ययन करना लाभदायक रहेगा।     
  • इन परीक्षाओं में समसामयिक घटनाओं एवं राज्य विशेष से पूछे जाने वाले प्रश्नों की संख्या ज़्यादा होती है, अत: इनका नियमित रूप से गंभीर अध्ययन करना आवश्यक है।  
  • समसामयिक घटनाओं के प्रश्नों की प्रकृति और संख्या को ध्यान में रखते हुए आप नियमित रूप से किसी दैनिक अख़बार जैसे - द हिन्दू, दैनिक जागरण (राष्ट्रीय संस्करण) इत्यादि के साथ-साथ दृष्टि वेबसाइट पर उपलब्ध करेंट अफेयर्स के बिन्दुओं का अध्ययन कर सकते हैं। इसके अलावा इस खंड की तैयारी के लिये मानक मासिक पत्रिका ‘दृष्टि करेंट अफेयर्स टुडे ’ का अध्ययन करना लाभदायक होगा।  
  • राज्य विशेष से सम्बंधित प्रश्नों को हल करने में उत्तर प्रदेश सरकार के प्रकाशन विभाग द्वारा प्रकाशित पुस्तक ‘उत्तर प्रदेश’ या बाजार में उपलब्ध किसी मानक राज्य स्तरीय पुस्तक का अध्ययन करना लाभदायक रहेगा।  
  • इन परीक्षाओं में संस्थाओं इत्यादि से पूछे जाने वाले प्रश्नों के लिये प्रकाशन विभाग द्वारा प्रकाशित ‘भारत’ (इण्डिया इयर बुक)’ का बाज़ार में उपलब्ध संक्षिप्त विवरण पढ़ना लाभदायक रहता है।  
  • द्वितीय प्रश्नपत्र ‘सामान्य हिंदी’ के अंतर्गत सामान्य शब्द ज्ञान एवं व्याकरण (विलोम, वाक्य एवं वर्तनी शुद्धि, अनेक शब्दों के एक शब्द, तत्सम एवं तद्भव, विशेष्य एवं विशेषण एवं पर्यायवाची शब्द) से सम्बंधित प्रश्न पूछे जाते हैं।
  • सामान्य हिंदी से सम्बंधित इन प्रश्नों को हल करने के लिये ‘वासुदेवनंदन प्रसाद’ एवं ‘हरदेव बाहरी’ की पुस्तक का अध्ययन करना उपयोगी रहेगा।   
  • इस परीक्षा में उत्तीर्ण होने के लिये सामान्यत: 60-65% अंक प्राप्त करने की आवश्यकता होती है, किन्तु कभी-कभी प्रश्नों के कठिनाई स्तर को देखते हुए यह प्रतिशत कम भी हो सकती है। 
  • प्रारम्भिक परीक्षा तिथि से सामान्यत:15 -20 दिन पूर्व प्रैक्टिस पेपर्स एवं विगत वर्षों में प्रारम्भिक परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों  को निर्धारित समय सीमा (सामान्यत: दो घंटे) के अंदर हल करने का प्रयास करना लाभदायक होता है। इन प्रश्नों को हल करने से जहाँ विषय की समझ विकसित होती है, वहीं इन परीक्षाओं में दोहराव (रिपीट) वाले प्रश्नों को हल करना आसान  हो जाता है। 
  • यू.पी. आर.ओ./ए.आर.ओ. की प्रारंभिक परीक्षा में ऋणात्मक अंक, एक तिहाई (1/3) के प्रावधान होने के कारण हल करते समय विशेष सावधानी बरतें। 

 मुख्य परीक्षा की रणनीति

  • सर्वप्रथम यू.पी. आर.ओ./ए.आर.ओ. मुख्य परीक्षा के ‘पाठ्यक्रम’ का अध्ययन करें एवं उसके समस्त भाग एवं पहलुओं को ध्यान में रखते हुए सुविधा एवं रूचि के अनुसार वरीयता क्रम निर्धारित करें। 
  • यू.पी. आर.ओ./ए.आर.ओ. मुख्य परीक्षा कुल 400 अंकों की होती है, जिसमें चार अनिवार्य प्रश्न-पत्र पूछे जाते हैं। इसमें प्रथम प्रश्नपत्र ‘सामान्य अध्ययन’ (120 अंक) वस्तुनिष्ठ प्रकृति का, द्वितीय प्रश्नपत्र ‘सामान्य हिंदी एवं आलेखन’ (100 अंक) वर्णनात्मक प्रकृति का, तृतीय प्रश्नपत्र ‘सामान्य शब्द ज्ञान एवं व्याकरण’ (60 अंक) वस्तुनिष्ठ प्रकृति का तथा चतुर्थ प्रश्नपत्र ‘हिंदी निबंध’ (120 अंक) वर्णनात्मक प्रकृति का होता है। इसका विस्तृत विवेचन पाठ्यक्रम (syllabus) शीर्षक के अंतर्गत किया गया है।
  • सामान्य अध्ययन के अंतर्गत पूछे जाने वाले प्रश्नों की तैयारी के लिये प्रारंभिक परीक्षा की तरह रणनीति अपनाना श्रेयस्कर होगा।
  • इस मुख्य परीक्षा में हिंदी व्याकरण एवं आलेखन तथा निबंध के प्रश्नपत्र की अहम भूमिका होती है, अत: इस पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। पत्र-लेखन की स्पष्ट समझ होना अनिवार्य है।   
  • ‘सामान्य हिंदी एवं आलेखन’ तथा ‘सामान्य शब्द ज्ञान एवं व्याकरण’ से सम्बंधित प्रश्नों को हल करने के लिये हिंदी की स्तरीय पुस्तक जैसे– वासुदेवनंदन प्रसाद एवं हरदेव बाहरी की ‘सामान्य हिंदी एवं व्याकरण’ पुस्तक का गहराई से अध्ययन एवं उपरोक्त विषयों पर निरंतर लेखन कार्य करना लाभदायक रहेगा।
  • ‘सामान्य हिंदी एवं आलेखन’ के प्रश्नपत्र में पूछे जाने वाले ‘कंप्यूटर ज्ञान’ से संबंधित प्रश्नों को हल करने के लिये ‘परीक्षा मंथन’ की कंप्यूटर शीर्षक से सम्बंधित पुस्तक का अध्ययन किया जा सकता है।
  • ‘हिंदी निबंध’ प्रश्नपत्र के अंतर्गत तीन प्रश्न पूछे जायेंगे। प्रत्येक प्रश्न से एक-एक शीर्षक (क, ख एवं ग ) का चयन करते हुए कुल तीन निबंध लिखने होंगे। प्रत्येक निबंध की विस्तार सीमा 600 शब्दों की होती है एवं प्रत्येक निबंध 40 अंकों का होता है।  
  • निबंध को रोचक बनाने के लिये श्लोक, कविता, उद्धरण, महापुरुषों के कथन इत्यादि का प्रयोग किया जा सकता है। निबंध की तैयारी के लिये दृष्टि प्रकाशन द्वारा प्रकाशित पुस्तक ‘निबंध- दृष्टि’ का अध्ययन करना लाभदायक रहेगा, क्योंकि इस पुस्तक में लिखे गए निबंध न केवल परीक्षा के दृष्टिकोण से विभिन्न श्रेणी में विभाजित हैं बल्कि प्रत्येक निबंध की भाषा- शैली एवं अप्रोच स्तरीय हैं।

⇒ निबंध लेखन की रणनीति के लिये इस Link पर क्लिक करें

  • परीक्षा के इस चरण में सफलता सुनिश्चित करने के लिये अभ्यर्थियों को सामान्य अध्ययन की तथ्यात्मक जानकारी के साथ-साथ हिंदी व्याकरण एवं निबंध की स्पष्ट समझ होनी चाहिये इसके लिए निरंतर लिख कर अभ्यास करना लाभदायक रहता है। 
  • मुख्य परीक्षा के कुछ दिन पश्चात ए.आर.ओ. पद के लिये आयोग में निर्धारित स्थान पर टाइपिंग टेस्ट का आयोजन किया जाता है। इसमें टाइप राइटर पर हिंदी एवं इंग्लिश में आयोग द्वारा दिये गए मैटर को निर्धारित समय में टाइप करना होता है। यह टाइपिंग टेस्ट केवल क्वालिफाइंग होता है। 
  • यू.पी. आर.ओ./ए.आर.ओ. परीक्षा में साक्षात्कार का आयोजन नहीं किया जाता है। अत: मुख्य परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर ही अंतिम मेधा सूची (मेरिट लिस्ट) तैयार की जाती है। 
  • इस परीक्षा में सामान्यत: 70-75% अंक प्राप्त करके अभ्यर्थी अपनी सफलता सुनिश्चित कर सकते हैं, किन्तु कभी-कभी प्रश्नों के कठिनाई स्तर को देखते हुए यह प्रतिशत कम भी हो सकती है। 
नोट:
  • यू.पी.पी.एस.सी. द्वारा आयोजित आर.ओ./ए.आर.ओ. परीक्षा में साक्षात्कार का आयोजन नहीं किया जाता है। 
  • ‘ए.आर.ओ.’ पद के लिये टाइपिंग टेस्ट का भी परीक्षण किया जाता है, जिसकी प्रकृति केवल क्वालिफाइंग होती है। 
  • टाइपिंग टेस्ट का आयोजन उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यू.पी.पी.एस.सी.) भवन, इलाहाबाद में किया जाता है।
  • टाइपिंग टेस्ट के दौरान अभ्यर्थियों को टाइप राइटर पर हिंदी एवं इंग्लिश में आयोग द्वारा दिये गए विषयवस्तु को निर्धारित समय सीमा में टाइप करना होता है।   
  • यह टाइपिंग टेस्ट केवल ‘ए.आर.ओ.’ पद के लिये है, इसके परिणाम का असर शेष पदों के परिणाम पर नहीं पड़ता है।   
  • आर.ओ./ए.आर.ओ. परीक्षा में मुख्य परीक्षा की मेरिट के आधार पर ही अन्तिम रूप से चयनित अभ्यर्थियों की सूची जारी की जाती है।  
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow