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भूगोल

डेल्टा

  • 15 Jan 2021
  • 15 min read

डेल्टा (Delta), नदी के मुहाने पर बनने वाली नदी की ‘निक्षेपण विशेषता’ (Depositional Feature) है। ये वेटलैंड्स हैं जिसमें नदियाँ अपना जल एवं तलछट किसी अन्य जल निकाय जैसे कि महासागर, झील या दूसरी नदी में प्रवाहित करती  हैं।

  • यह नदी की एक विशेषता है जो उसके ‘सीनाइल स्टेज’ (Senile Stage) को दर्शाती है।
  • वेटलैंड्स (Wetlands): नमी या दलदली भूमि वाले क्षेत्र को आर्द्रभूमि या वेटलैंड (wetland) कहा जाता है। दरअसल वेटलैंड्स वे क्षेत्र हैं जहाँ भरपूर नमी पाई जाती है और इसके कई लाभ भी हैं। आर्द्रभूमि जल को प्रदूषण से मुक्त बनाती है। आर्द्रभूमि वह क्षेत्र है जो वर्ष भर आंशिक  रूप से या पूर्णतः जल से भरा रहता है।
  • नदी का मुहाना (Mouth of River): यह नदी का एक हिस्सा है जहाँ नदी एक अन्य नदी, झील, जलाशय, समुद्र या महासागर में प्रवेश करती है।

Delta

डेल्टा का निर्माण: 

  • नदी अपने मुहाने के पास या निर्गम बिंदु के पास अत्यंत धीमी गति से बहती है जिससे नदी कई वितरिकाओं में बँटकर अपने साथ लाए ठोस पदार्थों का तल में जमाव करने लगती है। 
  • नदी का धीमा वेग और तलछट का निर्माण नदी को अपने एकल चैनल से विखंडित होने की अनुमति प्रदान करता है क्योंकि यह अपने निर्गम बिंदु के पास होती है। इससे नदी एक डेल्टिक लोब (Deltaic lobe) का निर्माण करती है।
    • एक परिपक्व डेल्टिक लोब में एक वितरण नेटवर्क शामिल होता है। छोटे, छिछले चैनलों की शृंखला को ‘वितरिकाएँ’ कहा जाता है और ये नदी की मुख्यधारा से दूर होती हैं।
    • एक डेल्टिक लोब में पहले भारी एवं मोटी सामग्री का जमाव होता है। इसके बाद छोटे, महीन तलछट को अनुप्रवाह क्षेत्र में ले जाया जाता है।
      • उत्कृष्ट सामग्री नदी के मुहाने के बाहर जमा होती है। इस सामग्री को जलोढ़ (Alluvium) या गाद (Silt) कहा जाता है। 
      • गाद (Silt) उन पोषक तत्त्वों से भरपूर होती है जो सूक्ष्मजीवों एवं पौधों के विकास में सहायक होते हैं और जिससे खाद्य शृंखला में उत्पादकों का विकास होता है। 
    • जैसे ही गाद का जमाव होना शुरू होता है वैसे ही नई भूमि का भी निर्माण होने लगता है जो ‘डेल्टा’ कहलाता है।  

Active-Delta

  • डेल्टा का निर्माण आमतौर पर तीन भागों से मिलकर होता है: 
    • ऊपरी डेल्टा मैदान (Upper Delta Plain) 
    • निचला डेल्टा मैदान (Lower Delta Plain)
    • जलीय डेल्टा (Subaqueous Delta)
  • एक डेल्टा का जलीय भाग (Subaqueous Part) जल के नीचे होता है। यह डेल्टा का सबसे खड़ी ढलान वाला हिस्सा होता है और इसमें उत्कृष्ट गाद की अवस्थिति होती है। नदी के मुहाने से दूर जलीय डेल्टा का सबसे नया भाग प्रोडेल्टा (proDelta) कहलाता है।
  • एक डेल्टा का भूपृष्ठीय भाग (Sub Aerial Part) जल के ऊपर होता है। समुद्री लहरों एवं ज्वार से सबसे अधिक प्रभावित होने वाला सबएरियल क्षेत्र या भूपृष्ठीय क्षेत्र को निचला डेल्टा (Lower Delta) कहा जाता है।

डेल्टा निर्माण को प्रभावित करने वाले कारक:

  • डेल्टा के निर्माण को कई कारक प्रभावित करते हैं जिनमें से सबसे महत्त्वपूर्ण हैं:
    • वातावरणीय परिस्थितियाँ
    • भूगर्भीय जमाव
    • जल निकासी बेसिन में तलछट स्रोत
    • विवर्तनिक स्थिरता
    • नदी का ढलान और बाढ़ की विशेषताएँ
    • निक्षेपण एवं अपरदन प्रक्रियाओं की तीव्रता
    • ज्वारीय रेंज एवं अपतटीय ऊर्जा की स्थिति
  • इन कारकों एवं समय का संयोजन आधुनिक डेल्टाओं की विस्तृत विविधता को जन्म देता है।
  • डेल्टा की उपस्थिति नदियों की निरंतर क्षमता का प्रतिनिधित्त्व करती है ताकि वे धारा-जनित अवसादों को अधिक तेज़ी से निक्षेपित कर सकें क्योंकि उन्हें समुद्री लहरों एवं धाराओं द्वारा हटाया जा सकता है।

डेल्टा के प्रकार: 

आकृति के आधार पर विभिन्न प्रकार के डेल्टाओं का निर्माण होता है:

  • चापाकार डेल्टा (Arcuate Delta): यह पंखे के आकार का डेल्टा होता है। यह जल निकाय के सामने उत्तल मार्जिन के साथ एक झुका या घुमावदार डेल्टा है। इस प्रकार के डेल्टा में अपेक्षाकृत मोटे तलछट बनते हैं। नदी की गतिविधि वायु के साथ संतुलित होती है।
    • उदाहरण: मिस्र में नील नदी डेल्टा और भारत में गंगा नदी का डेल्टा। 
  • पंजाकार डेल्टा (Bird’s Foot Delta): इस डेल्टा की आकृति पक्षी के पैर के पंजे की तरह होती है। इस आकृति का निर्माण तब होता है जब समुद्री लहरें कमज़ोर होती हैं और नदी का प्रवाह मज़बूत होता है। इस डेल्टा का निर्माण नदी के जल द्वारा महीन सामग्री के जमाव के कारण होता है।
    • निक्षेपित जलोढ़ सामग्री नदी को छोटी-छोटी वितरिकाओं में विभाजित करती है। इस प्रकार यह डेल्टा समुद्र तटों पर शायद ही कभी अवस्थित होता है क्योंकि समुद्री लहरें नदी के प्रवाह की तुलना में अक्सर मज़बूत होती हैं। 
    • ऐसे डेल्टा को ‘अंगुलीनुमा डेल्टा’ (Finger Delta) भी कहा जाता है।
    • उदाहरण: संयुक्त राज्य अमेरिका में मिसिसिपी नदी का डेल्टा।
  • अग्रवर्धी डेल्टा (Cuspate Delta): इस डेल्टा का निर्माण वहाँ होता है जहाँ तलछट का जमाव मज़बूत तरंगों के साथ एक सीधी तटरेखा पर होता है। लहरें तलछट को धक्का देती हैं जिससे बाहर की तरफ दाँत जैसी आकृति का निर्माण होता है।  
    • उदाहरण: इटली की टाइबर नदी का डेल्टा।
  • एश्चुअरी डेल्टा (Estuarine Delta): इसका निर्माण जलमग्न नदियों के मुहाने पर एश्चुअरी के किनारों पर जमाव के कारण होता है। 
    • उदाहरण: फ्राँस की सीन नदी, भारत की नर्मदा एवं तापी/ताप्ती नदियाँ।
  • लैकुसट्राइन डेल्टा (Lacustrine Delta): इस डेल्टा का निर्माण तब होता है जब एक नदी का निर्गमन झील में होता है। 
    • उदाहरण: आयरलैंड की लफ लीन नदी (Lough Leanne River) का डेल्टा।
  • रूण्डित डेल्टा (Truncated Delta): समुद्र की लहरें एवं महासागरीय धाराएँ अपनी क्षरणकारी प्रक्रिया के माध्यम से नदी के निक्षेपण से निर्मित डेल्टा को नष्ट कर देती हैं। इस प्रकार नष्ट किये गए एवं विच्छेदित डेल्टा को ‘रूण्डित डेल्टा’ (Truncated Delta) कहा जाता है।
  • परित्यक्त डेल्टा (Abandoned Delta): जब नदी अपने मुहाने से स्थानांतरित होकर किसी अन्य जगह पर अपना जल गिराती है तो नदी द्वारा बनाया गया पूर्व डेल्टा ‘परित्यक्त डेल्टा’ कहलाता है। 
    • उदाहरण: चीन का यलो (Yellow) नदी डेल्टा, भारत में हुगली नदी द्वारा निर्मित गंगा डेल्टा का पश्चिमी भाग।

Types-of-Delta

डेल्टा का महत्त्व: 

  • मानव सभ्यता: विभिन्न नदियों द्वारा निर्मित डेल्टा अपनी उपजाऊ मिट्टी के कारण हज़ारों वर्षों से मनुष्यों के लिये महत्वपूर्ण रहे हैं।
    • डेल्टाओं के साथ-साथ प्रमुख प्राचीन सभ्यताओं का भी विकास हुआ है जैसे कि नील और टाइग्रिस-यूफ्रेट्स नदियों के साथ। इन सभ्यताओं के निवासियों ने प्राकृतिक बाढ़ चक्रों के साथ इन स्थानों पर रहना सीख लिया। 
  • कृषि गतिविधियाँ: कृषि उपयोग के लिये डेल्टा भूमि अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। ये क्षेत्र दुनिया में सबसे अधिक विविध एवं उत्पादक क्षेत्रों में से एक हैं। 
    • उदाहरण: भारत में कावेरी डेल्टा और कैलिफोर्निया में सैक्रामेंटो-सैन जोकिन डेल्टा (Sacramento-San Joaquin Delta)।
  • आर्थिक गतिविधियाँ: डेल्टा रेत एवं बजरी का एक स्रोत है जिसका उपयोग राजमार्ग, भवन एवं बुनियादी ढाँचे के निर्माण में किया जाता है।  
    • डेल्टा अक्सर व्यापक औद्योगिक एवं वाणिज्यिक गतिविधियों के साथ-साथ कृषि भूमि के महत्त्वपूर्ण स्रोत होते हैं जिसके कारण अक्सर दोनों क्षेत्रों के मध्य संघर्ष होते रहते हैं।
    • विश्व की कुछ सबसे बड़ी क्षेत्रीय अर्थव्यवस्थाएँ डेल्टाओं पर ही अवस्थित हैं जैसे कि पर्ल नदी डेल्टा, चीन में यांग्त्ज़ी नदी डेल्टा।
  • जैव विविधता हॉटस्पॉट: नदियों के डेल्टा पृथ्वी पर जैव विविधता प्रणालियों के प्रमुख केंद्र हैं।
    • उदाहरण: सुंदरबन के वन, भारत के सबसे समृद्ध जैव विविधता वाले स्थानों में से एक है।
  • डेल्टा एक बफर क्षेत्र के रूप में कार्य करते हैं: डेल्टाई क्षेत्र चक्रवातों के लिये एक बफर क्षेत्र प्रदान करता है क्योंकि खुली भूमि अक्सर तूफानों के प्रभाव को कमज़ोर करती है।
    • उदाहरण के लिये: मिसिसिपी नदी का डेल्टा मेक्सिको की खाड़ी में संभावित गंभीर हरिकेन के प्रभाव को कम करने के लिये बफर का कार्य करता है।

डेल्टाओं के लिये संकट: 

  • बाँध निर्माण: व्यापक नदी प्रबंधन के माध्यम से बाँधों का उपयोग डेल्टाओं के लिये संकट उत्पन्न करता है। नदी प्रबंधन में नदी के प्रवाह की निगरानी एवं प्रशासन शामिल है।   
    • यह कृषि या औद्योगिक विकास के लिये उपलब्ध भूमि क्षेत्रफल को बढ़ाता है और पेयजल, उद्योग एवं सिंचाई के लिये जल तक पहुँच को नियंत्रित करता है। ये क्रियाएँ तलछट के प्रवाह को कम करती हैं और इस प्रकार भूमि के क्षेत्रफल में वृद्धि होती है।
      • उदाहरण: नील नदी का डेल्टा भी असवान बाँध एवं अन्य नदी प्रबंधन तकनीकों के परिणामस्वरूप सिकुड़ रहा है। 
  • समुद्री जल का अतिक्रमण: कृष्णा नदी के डेल्टा में व्यापक समुद्री जल का अतिक्रमण ताज़ा भूजल को खारे जल में बदल रहा है। 
    • कृष्णा और गोदावरी नदियों पर निर्माणाधीन अधिक बाँधों के साथ ही इनके डेल्टाई क्षेत्र के भीतर भूजल एवं हाइड्रोकार्बन निष्कर्षण में वृद्धि के कारण पारिस्थितिकी तंत्र में असंतुलन एवं इन डेल्टाई क्षेत्रों में रहने वाले लाखों लोगों के जीवन के लिये जोखिम उत्पन्न हो गया है।
  • जलवायु परिवर्तन: 
    • समुद्री जल स्तर में वृद्धि के अलावा डेल्टाओं पर पड़ने वाली अधिक चरम मौसम स्तर की घटनाओं के परिणामस्वरूप अधिक गंभीर बाढ़, लंबी अवधि का सूखा और उच्च तापमान जैसी स्थितियाँ बन जाती हैं।
    • बाढ़ के कारण चक्रवातों की आवृत्ति, अवधि और शक्ति बढ़ती जा रही है, विशेष रूप से एशियाई डेल्टाओं (जैसे इरावादी और गंगा-ब्रह्मपुत्र-मेघना) तथा मिसिसिपी नदी डेल्टा में।
    • जलवायु परिवर्तन राइन-म्यूज़ और डेन्यूब डेल्टाज़ में उच्च शिखर प्रवाह और कम निम्न प्रवाह का कारण बन रहा है। जलवायु की चरम परिवर्तनशीलता इसके जल विज्ञान को प्रभावित कर रही है।
  • प्रदूषण: 
    • घरेलू अपशिष्ट, औद्योगिक इकाइयों तथा कृषि से उत्सर्जित अपशिष्ट, जिसमें फास्फोरस और नाइट्रोजन उर्वरक मौजूद होते हैं, को नदियों में बहाया जाता है। पानी में फास्फोरस व नाइट्रोजन जैसे तत्त्वों के मौजूद होने के कारण इसकी उर्वरता बढ़ जाती है।

इससे जल में शैवाल एवं अन्य वनस्पतियों का अत्यधिक विकास हो जाता है तथा जल में ऑक्सीजन की मात्रा में कमी आ जाती है।

महत्त्वपूर्ण बिंदु:

  • गंगा-ब्रह्मपुत्र डेल्टा, जो अधिकांशतः बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल तक फैला है, विश्व का सबसे बड़ा डेल्टा है।
    • सुंदरबन,  गंगा डेल्टा में स्थित एक विश्व धरोहर स्थल है, इसमें विश्व का सबसे बड़ा मैंग्रोव क्षेत्र भी शामिल है।
  • रूस में सेलेंगा नदी का डेल्टा ताज़े पानी की झील (बैकाल झील) में खाली होने वाला सबसे बड़ा डेल्टा है।
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