राजस्थान Switch to English
राजस्थान में सौर ऊर्जा विकास
चर्चा में क्यों?
एक उच्च स्तरीय बैठक में गुजरात और राजस्थान में 36,296 करोड़ रुपए से अधिक की 18 प्रमुख बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं को प्रभावित करने वाले मुद्दों की समीक्षा की गई, जिसमें परियोजना निगरानी समूह (PMG) तंत्र के माध्यम से बाधाओं को दूर करने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
मुख्य बिंदु
- बैठक का मुख्य लक्ष्य:
- बैठक में ट्रांसमिशन सिस्टम सुदृढ़ीकरण योजना की समीक्षा की गई, जिसका उद्देश्य राजस्थान और गुजरात में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों से सौर ऊर्जा निकालना है।
- 14,147 करोड़ रुपए के अनुमानित निवेश के साथ, यह योजना राष्ट्रीय ग्रिड में सौर ऊर्जा को एकीकृत करने के लिये उच्च क्षमता वाली ट्रांसमिशन लाइनों और सबस्टेशनों के विकास पर केंद्रित है।
- राजस्थान में यह परियोजना जैसलमेर, बीकानेर और बाड़मेर को कवर करती है, जबकि गुजरात में यह सुरेंद्रनगर, पाटन और कच्छ पर केंद्रित है, जो सौर ऊर्जा क्षमता से समृद्ध क्षेत्र हैं।
- ये परियोजनाएँ पूरे भारत में उत्पादन क्षेत्रों से उपभोग केंद्रों तक विश्वसनीय विद्युत संचरण सुनिश्चित करने के लिये महत्त्वपूर्ण हैं।
- बैठक में ट्रांसमिशन बुनियादी ढाँचे पर प्रगति को तीव्र करने के लिये मार्गाधिकार (RoW) और भूमि अधिग्रहण जैसी प्रमुख कार्यान्वयन चुनौतियों के समाधान को प्राथमिकता दी गई।
- राज्य सरकार के अधिकारियों ने दूरदराज़ के क्षेत्रों में दूरसंचार बुनियादी ढाँचे की स्थापना के लिये महत्त्वपूर्ण वन संबंधी मंजूरी में तीव्रता लाने पर ध्यान केंद्रित किया।
- राजस्थान में सौर ऊर्जा उत्पादन:
- सौर ऊर्जा के मामले में राजस्थान भारत में प्रथम स्थान पर है, जिसकी स्थापित सौर क्षमता 22,860.73 मेगावाट है।
- राज्य को प्रतिवर्ष 325 से अधिक सूर्य प्रकाशित दिन प्राप्त होते हैं, जो इसे सौर ऊर्जा उत्पादन के लिये आदर्श बनाता है।
- राजस्थान ने सभी भारतीय राज्यों के बीच स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में 18.63% की उच्चतम वार्षिक वृद्धि दर दर्ज की।
- वर्ष 2023 में, राजस्थान में ग्रिड से जुड़ी नवीकरणीय ऊर्जा की सबसे अधिक स्थापित क्षमता 22,398 मेगावाट होगी, जिसके बाद गुजरात में 19,436 मेगावाट की क्षमता होगी।
- वर्ष 2024 तक राजस्थान ने 18 गीगावाट की स्थापित सौर क्षमता को पार कर लिया है, जिससे भारत में सौर ऊर्जा उत्पादन में अग्रणी राज्य के रूप में इसकी स्थिति मज़बूत हो गई है।
- राजस्थान की एकीकृत स्वच्छ ऊर्जा नीति 2024 का लक्ष्य नवीकरणीय ऊर्जा, विशेष रूप से सौर ऊर्जा को महत्त्वपूर्ण रूप से बढ़ावा देना है, ताकि वर्ष 2030 तक 125 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल की जा सके।
- यह नीति राज्य के प्रचुर प्राकृतिक संसाधनों का लाभ उठाने पर केंद्रित है और इसमें बड़े पैमाने पर सौर पार्क और छतों पर सौर ऊर्जा स्थापित करने के उपाय शामिल हैं।
- यह पवन, हाइब्रिड और हरित हाइड्रोजन ऊर्जा पहल को भी बढ़ावा देता है।
- नोट: अप्रैल 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत वर्ष 2024 में पवन और सौर ऊर्जा से बिजली का उत्पादन करने वाला दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश बन गया, जो जर्मनी से आगे है।

