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आकांक्षी डीएमएफ कार्यक्रम
चर्चा में क्यों?
आकांक्षी DMF कार्यक्रम ज़िला खनिज फाउंडेशन (DMF) पहलों को आकांक्षी ज़िला कार्यक्रम (ADP) और आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम (ABP) के साथ संरेखित करने के लिये शुरू किया गया है।
- राजस्थान सहित अन्य राज्यों को संशोधित प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना (PMKKKY) 2024 दिशानिर्देशों को DMF नियमों में अपनाने के लिये सम्मानित किया गया है।
मुख्य बिंदु
- ज़िला खनिज फाउंडेशन (DMF) के बारे में:
- खान एवं खनिज विकास विनियमन (संशोधन) अधिनियम, 2015 के अनुसार, खनन संबंधी कार्यों से प्रभावित प्रत्येक ज़िले में, राज्य सरकार अधिसूचना द्वारा एक गैर-लाभकारी निकाय के रूप में एक ट्रस्ट की स्थापना करेगी, जिसे ज़िला खनिज फाउंडेशन कहा जाएगा।
- DMF फंड:
- प्रत्येक खनन पट्टा धारक को केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित दरों के अनुसार रॉयल्टी का एक अंश, जो रॉयल्टी के एक-तिहाई से अधिक नहीं होगा, DMF को देना होगा।
- इस निधि का उपयोग खनन प्रभावित क्षेत्रों में प्रभावित लोगों के कल्याण के लिये किया जाएगा।
- उद्देश्य:
- इस योगदान के पीछे यह विचार है कि स्थानीय खनन प्रभावित समुदायों, जिनमें से अधिकांश आदिवासी हैं और जो देश के सबसे गरीब हैं, को भी अपने निवास स्थान से निकाले गए प्राकृतिक संसाधनों से लाभ प्राप्त करने का अधिकार होना चाहिये।
- कार्य:
- DMF ट्रस्टों का कामकाज़ और निधियों का उपयोग, संबंधित राज्यों के DMF नियमों द्वारा शासित होता है तथा इसमें केंद्रीय दिशानिर्देश, प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना (PMKKKY) के अधिदेश शामिल होते हैं।
- प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना (PMKKKY)
- नोडल मंत्रालय:
- वर्ष 2025 में शुरू की गई प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना (PMKKKY), खान मंत्रालय द्वारा ज़िला खनिज फाउंडेशन (DMF) के तहत अर्जित धन का उपयोग करते हुए प्रभावित लोगों और क्षेत्रों के कल्याण के लिये चलाई जा रही एक योजना है।
- उद्देश्य:
- खनन प्रभावित क्षेत्रों में विभिन्न विकासात्मक और कल्याणकारी परियोजनाओं/कार्यक्रमों को क्रियान्वित करना, जो राज्य तथा केंद्र सरकार की मौजूदा योजनाओं/परियोजनाओं के पूरक हों।
- खनन के दौरान और उसके बाद, खनन ज़िलों में लोगों के पर्यावरण, स्वास्थ्य और सामाजिक-आर्थिक स्थिति पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभावों को न्यूनतम करना।
- खनन क्षेत्रों में प्रभावित लोगों के लिये दीर्घकालिक स्थायी आजीविका सुनिश्चित करना।
- PMKKKY 2024 दिशानिर्देश:
- PMKKKY 2024 में यह अनिवार्य किया गया है कि DMF निधि का कम-से-कम 70% हिस्सा उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर खर्च किया जाए, जो खनन प्रभावित समुदायों के प्रत्यक्ष कल्याण से संबंधित हों।
- इन क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति, पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण, स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा, महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों और दिव्यांगजनों का कल्याण, कौशल विकास और आजीविका सृजन, स्वच्छता तथा आवास, कृषि एवं पशुपालन शामिल हैं।
- शेष 30% धनराशि का उपयोग अन्य प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में किया जा सकता है, जो दीर्घकालिक क्षेत्रीय विकास को समर्थन प्रदान करते हैं।
- इन क्षेत्रों में भौतिक अवसंरचना, सिंचाई एवं ऊर्जा, जलग्रहण विकास शामिल हैं। खनन प्रभावित क्षेत्रों में पर्यावरण की गुणवत्ता बढ़ाने के उद्देश्य से अन्य गतिविधियाँ भी शामिल हैं।
- PMKKKY 2024 में यह अनिवार्य किया गया है कि DMF निधि का कम-से-कम 70% हिस्सा उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर खर्च किया जाए, जो खनन प्रभावित समुदायों के प्रत्यक्ष कल्याण से संबंधित हों।
आकांक्षी ज़िला कार्यक्रम (ADP)
- इसे वर्ष 2018 में लॉन्च किया गया था, जिसका उद्देश्य उन ज़िलों में बदलाव लाना है, जिन्होंने प्रमुख सामाजिक क्षेत्रों में अपेक्षाकृत कम प्रगति कीहै।
- आकांक्षी ज़िले भारत के वे ज़िले हैं, जो कमज़ोर सामाजिक-आर्थिक संकेतकों से प्रभावित हैं।
- इसमें देश के 112 ज़िले शामिल हैं।
- इस कार्यक्रम का संचालन नीति आयोग द्वारा किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, अलग-अलग मंत्रालयों ने ज़िलों की प्रगति को गति देने की ज़िम्मेदारी संभाली है।
आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम (ABP)
- 7 जनवरी 2023 को शुरू ABP का उद्देश्य देश के सबसे कठिन और अपेक्षाकृत अविकसित ब्लॉकों में नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिये शासन में सुधार पर ध्यान केंद्रित करना है।
- कार्यक्रम की रणनीति मौजूदा योजनाओं को समेकित करने, परिणामों को परिभाषित करने और पाँच क्षेत्रों– स्वास्थ्य और पोषण, शिक्षा, कृषि और संबद्ध क्षेत्र, बुनियादी ढाँचा तथा सामाजिक विकास में 40 प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों (KPI) के माध्यम से प्रगति की सतर्कतापूर्वक निगरानी सुनिश्चित करने पर आधारित है।

