प्रयागराज शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 10 जून से शुरू :   संपर्क करें
ध्यान दें:

स्टेट पी.सी.एस.

  • 08 Apr 2024
  • 0 min read
  • Switch Date:  
झारखंड Switch to English

सिंहभूम के माओवाद प्रभावित इलाकों में पहली बार मतदान

चर्चा में क्यों?

सिंहभूम के माओवादी गढ़ वाले इलाकों में पहली बार या दशकों के लंबे अंतराल के बाद मतदान होगा, क्योंकि एशिया के सबसे घने साल जंगल सारंडा में रहने वाले लोगों को अपने मताधिकार का प्रयोग करने में सक्षम बनाने के लिये मतदान टीमों और सामग्रियों को हेलीकॉप्टरों से पहुँचाया जाएगा।

मुख्य बिंदु:

  • स्थिति में सुधार के बावजूद पश्चिमी सिंहभूम देश के सबसे अधिक वामपंथी उग्रवाद प्रभावित ज़िलों में से एक बना हुआ है। यहाँ वर्ष 2023 में 46 माओवादी-संबंधी घटनाएँ भी देखी गईं, जिनमें 22 मौतें हुईं।
    • माओवाद माओत्सेतुंग द्वारा विकसित साम्यवाद का एक रूप है। यह सशस्त्र विद्रोह, जन लामबंदी और रणनीतिक गठबंधनों के संयोजन के माध्यम से राज्य की सत्ता पर कब्ज़ा करने का एक सिद्धांत है।
  • थलकोबाद और लगभग दो दर्जन अन्य गाँवों को पहले 'मुक्त क्षेत्र' करार दिया गया था, लेकिन प्रशासन ऑपरेशन एनाकोंडा सहित सुरक्षा बलों के बड़े पैमाने पर अभियानों के माध्यम से अपनी उपस्थिति स्थापित करने में सफल रहा।
    • ऑपरेशन एनाकोंडा वर्ष 2011 में चाईबासा ज़िले के सारंडा वन क्षेत्र में माओवादी उग्रवादियों के खिलाफ शुरू किया गया था।
    • इस क्षेत्र को माओवादियों द्वारा एक मुक्त क्षेत्र के रूप में दावा किया जाता है और यह उनके पूर्वी क्षेत्रीय ब्यूरो के मुख्यालय के रूप में कार्य कर रहा है।
  • प्रशासन नए तरीकों का सहारा ले रहा है, जिसमें लोगों को अपने मताधिकार का प्रयोग करने की आवश्यकता के बारे में जागरूक करने के लिये 100 फीट की ऊँचाई पर एक विशाल आकाश गुब्बारा लगाना तथा व्यवस्थित मतदाता शिक्षा एवं निर्वाचक सहभागिता (SVEEP) के तहत 1,284 'चुनाव पाठशाला' चलाना शामिल है।
  • रोबोकेरा, बिंज, थलकोबाद, जराइकेला, रोआम, रेंगराहातु, हंसाबेड़ा और छोटानागरा जैसे हेलिकॉप्टरों से छोड़े गए कर्मियों तथा सामग्रियों द्वारा 118 दूरस्थ बूथ स्थापित किये जाएंगे।

वामपंथी उग्रवाद (LWE)

  • वामपंथी उग्रवाद (Left Wing Extremism- LWE), जिसे वामपंथी आतंकवाद या कट्टरपंथी वामपंथी आंदोलनों के रूप में भी जाना जाता है, उन राजनीतिक विचारधाराओं और समूहों को संदर्भित करता है जो क्रांतिकारी तरीकों के माध्यम से महत्त्वपूर्ण सामाजिक एवं राजनीतिक परिवर्तन का समर्थन करते हैं।
  • LWE समूह अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिये सरकारी संस्थानों, कानून प्रवर्तन एजेंसियों या निजी संपत्ति को निशाना बनाने जैसे कदम उठाते हैं।
  • भारत में वामपंथी उग्रवादी आंदोलन की शुरुआत वर्ष 1967 के पश्चिम बंगाल में नक्सलबाड़ी (Naxalbari) के उदय के साथ हुई।

व्यवस्थित मतदाता शिक्षा एवं निर्वाचक सहभागिता (SVEEP)

  • यह वर्ष 2009 में मतदाता शिक्षा के लिये ECI के प्रमुख कार्यक्रम के रूप में शुरू हुआ।
  • इसका प्राथमिक लक्ष्य सभी पात्र नागरिकों को मतदान करने तथा एक निर्णय एवं नैतिक विकल्प प्रदान करने के लिये प्रोत्साहित करके एक समावेशी और सहभागी लोकतंत्र का निर्माण करना है।

सारंडा: एशिया का सबसे घना साल वन

  • यह झारखंड-ओडिशा सीमा पर स्थित है और बड़ी संख्या में पशु, पक्षी तथा सरीसृप प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
  • सारंडा शब्द का अर्थ हाथी है और हाथियों की बहुत बड़ी जीवसंख्या के निवास के कारण इस वन का नाम सारंडा पड़ा है


उत्तराखंड Switch to English

अद्वैत आश्रम की 125वीं वर्षगाँठ

चर्चा में क्यों?

उत्तराखंड में रामकृष्ण मठ और मिशन का केंद्र, मायावती में अद्वैत आश्रम की 125वीं वर्षगाँठ मनाई गई

  • इस उपलब्धि के उपलक्ष्य में हाल ही में मायावती में दो दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया गया था।

मुख्य बिंदु:

  • आश्रम की स्थापना स्वामी विवेकानंद ने वर्ष 1899 में की थी।
  • आश्रम का उद्देश्य अनुष्ठानिक परंपराओं से मुक्त अद्वैत दर्शन का अध्ययन, अभ्यास और प्रचार करना है तथा इसका प्रसार करने में दूसरों को प्रशिक्षित करना भी है।
    • थोड़े ही समय में आश्रम पूर्व और पश्चिम के सर्वोत्तम विचारधाराओं का केंद्र बिंदु बन गया। इसने मूल अद्वैत सिद्धांत का प्रसार करने में मदद की।
  • कोलकाता में अद्वैत आश्रम की स्थापना इसके प्रकाशनों और पत्रिका ‘प्रबुद्ध भारत’ की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिये मायावती आश्रम के 21 वर्ष बाद की गई थी।
  • अद्वैत वेदांत हिंदू धर्म का मूल है, जो मानव जाति के अस्तित्त्व और एकजुटता की शिक्षा देता है।
    • पिछले 125 वर्षों से अद्वैत आश्रम अपनी कोलकाता शाखा से प्रकाशित साहित्य के माध्यम से अद्वैत विचारधारा के सिद्धांतों का प्रसार कर रहा है।

अद्वैत वेदांत

  • यह शुद्ध अद्वैतवाद की एक दार्शनिक स्थिति को स्पष्ट करता है, एक पुनरीक्षण विश्वदृष्टि जो यह प्राचीन उपनिषद ग्रंथों से संबद्ध है।
  • अद्वैत वेदांतियों के अनुसार, उपनिषद् अद्वैत के एक मौलिक सिद्धांत को प्रकट करते हैं जिसे 'ब्रह्म' कहा जाता है, जो सभी वस्तुओं की वास्तविकता है।
  • अद्वैतवादी ब्रह्म को व्यक्तित्व और अनुभवजन्य बहुलता से परे समझते हैं। वे यह स्थापित करना चाहते हैं कि किसी व्यक्ति का मूल (आत्मन) ब्रह्म है।
  • अद्वैत वेदांत का मूल ज़ोर यह है कि आत्मा शुद्धाद्वैत/ शुद्ध अनैच्छिक चेतना है।
  • यह बिना किसी द्वितीय, अद्वैत, अनंत अस्तित्त्व वाला और संख्यात्मक रूप से ब्रह्म के समान है।

स्वामी विवेकानंद 

  • उनका जन्म 12 जनवरी, 1863 को नरेंद्र नाथ दत्त के रूप में हुआ था।
  • वह एक साधु और रामकृष्ण परमहंस के प्रमुख शिष्य थे।
  • उन्होंने वेदांत और योग के भारतीय दर्शन को पश्चिमी विश्व में पेश किया तथा उन्हें अंतरधार्मिक जागरूकता बढ़ाने, 19वीं सदी के अंत में हिंदू धर्म को विश्व मंच पर लाने का श्रेय दिया जाता है।
  • उन्होंने वर्ष 1987 में अपने गुरु स्वामी रामकृष्ण परमहंस के नाम पर रामकृष्ण मिशन की स्थापना की। संस्था ने भारत में व्यापक शैक्षणिक और परोपकारी कार्य किये।
  • उन्होंने वर्ष 1893 में शिकागो (U.S.) में आयोजित प्रथम धर्म संसद में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया।


उत्तर प्रदेश Switch to English

नक्सली साजिश मामले में NIA ने 12 जगहों पर छापेमारी की

चर्चा में क्यों?

भारत विरोधी साजिश मामले में राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने उत्तर प्रदेश और बिहार में 12 जगहों पर छापेमारी की।

मुख्य बिंदु:

  • कुल में से, उत्तर प्रदेश के बलिया ज़िले में 11 स्थानों और बिहार के कैमूर ज़िले में एक स्थान की तलाशी मूल रूप से उत्तर प्रदेश के आतंकवाद विरोधी दस्ते (ATS) द्वारा दर्ज मामले के संबंध में की गई थी।
    • तलाशी अभियान के दौरान, मोबाइल फोन, सिम कार्ड और मेमोरी कार्ड सहित कई डिजिटल उपकरणों के साथ-साथ प्रतिबंधित नक्सली संगठन के पर्चे जैसे आपत्तिजनक दस्तावेज़ ज़ब्त किये गए।
  • NIA की अब तक की जाँच के अनुसार, प्रतिबंधित संगठन उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश सहित उत्तरी क्षेत्रीय ब्यूरो में अपनी उपस्थिति को फिर से सक्रिय करने के लिये सक्रिय प्रयास कर रहा है।

राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA)

  • NIA भारत की केंद्रीय आतंकवाद-रोधी कानून प्रवर्तन एजेंसी है जो भारत की संप्रभुता, सुरक्षा और अखंडता को प्रभावित करने वाले सभी अपराधों की जाँच करने के लिये अधिकृत है। इसमें शामिल है:
    • विदेशी राष्ट्रों के साथ मैत्रीपूर्ण
    • परमाणु और नाभिकीय सुविधाओं के 
    • हथियारों, नशीली दवाओं और नकली भारतीय मुद्रा की तस्करी तथा सीमा पार से घुसपैठ।
    • संयुक्त राष्ट्र, इसकी एजेंसियों और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों की अंतर्राष्ट्रीय संधियों, समझौतों, सम्मेलनों व प्रस्तावों को लागू करने के लिये बनाए गए वैधानिक कानूनों के तहत अपराध।
  • इसका गठन राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) अधिनियम, 2008 के तहत किया गया था।
  • एजेंसी को गृह मंत्रालय की लिखित उद्घोषणा के तहत राज्यों की विशेष अनुमति के बिना राज्यों में आतंकवाद से संबंधित अपराधों की जाँच से निपटने का अधिकार है।
  • मुख्यालय: नई दिल्ली

भारत में नक्सलवाद

  • नक्सलवाद शब्द का नाम पश्चिम बंगाल के गाँव नक्सलबाड़ी से लिया गया है।
  • इसकी शुरुआत स्थानीय ज़मींदारों के खिलाफ विद्रोह के रूप में हुई, जिन्होंने भूमि विवाद पर एक किसान की पिटाई की थी। विद्रोह की शुरुआत वर्ष 1967 में कानू सान्याल और जगन संथाल के नेतृत्व में मेहनतकश किसानों को भूमि के उचित पुनर्वितरण के उद्देश्य से की गई थी।
  • पश्चिम बंगाल में शुरू हुआ यह आंदोलन पूरे पूर्वी भारत: छत्तीसगढ़, ओडिशा के अतिरिक्त आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों के कम विकसित क्षेत्रों में भी फैल गया है।
  • ऐसा माना जाता है कि नक्सली माओवादी राजनीतिक भावनाओं और विचारधारा का समर्थन करते हैं।

बिहार Switch to English

वर्ष 2047 लक्ष्य हेतु युवा पेशेवरों से आग्रह

चर्चा में क्यों?

हाल ही में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने युवा पेशेवरों से वर्ष 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने के प्रयास का हिस्सा बनने का आग्रह किया।

मुख्य बिंदु:

  • वह बिहार में IIM बोधगया के छठे दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे।
  • उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि युवा दिमाग और छात्र भारत के भविष्य के पथप्रदर्शक हैं तथा उन्होंने युवा छात्रों से भारत की विकास गाथा में एक नया अध्याय लिखने के लिये अपने कौशल एवं प्रतिभा का उपयोग करने की अपील की।
  • उपराष्ट्रपति ने दीक्षांत समारोह में MBA के छात्रों को डिग्री प्रदान की।
  • उपराष्ट्रपति ने बोधगया में विश्व प्रसिद्ध महाबोधि मंदिर का भी दौरा किया और पूजा-अर्चना की।

Bihar Temple

महाबोधि मंदिर

  • यह भगवान बुद्ध के जीवन और विशेष रूप से ज्ञान (बोधि) की प्राप्ति से संबंधित चार पवित्र स्थलों में से एक है।
    • अन्य तीन हैं: नेपाल में लुंबिनी (जन्म), उत्तर प्रदेश में सारनाथ (धर्म-चक्र-प्रवर्तन - पहला उपदेश) और कुशीनगर (महापरिनिर्वाण- मृत्यु)।
  • इस परिसर के पहले मंदिर का निर्माण सम्राट अशोक द्वारा तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में कराया गया था। हालाँकि, गुप्त काल के अंत में इसका पुनर्निर्माण पूरी तरह से ईंटों से किया गया था। वर्तमान मंदिर अनुमानतः 5वीं या 6वीं शताब्दी में निर्मित माना जाता है।
  • इसे वर्ष 2002 में UNESCO विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी गई थी।

विज़न इंडिया@2047

  • विज़न इंडिया@2047 अगले 25 वर्षों में भारत के विकास का एक खाका या ब्लूप्रिंट तैयार करने के लिये भारत के शीर्ष नीति थिंक टैंक नीति आयोग द्वारा शुरू की गई एक परियोजना है।
  • परियोजना का लक्ष्य भारत को नवाचार एवं प्रौद्योगिकी में वैश्विक अग्रणी देश बनाना है जो मानव विकास और सामाजिक कल्याण के मामले में भी एक मॉडल देश होगा तथा पर्यावरणीय संवहनीयता का प्रबल पक्षसमर्थक होगा।

राजस्थान Switch to English

3.7 राजस्थान में भूकंप की तीव्रता

चर्चा में क्यों?

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, हाल ही में राजस्थान के पाली में 3.7 तीव्रता का भूकंप आया।

मुख्य बिंदु:

  • सरल शब्दों में भूकंप पृथ्वी का कंपन है। यह एक प्राकृतिक घटना है। यह बहुत बड़ी ऊर्जा की मुक्ति के कारण होता है, जो सभी दिशाओं में गमन करने वाली तरंगें उत्पन्न करती है।
  • भूकंपीय तरंगें कहे जाने वाले कंपन उन भूकंपों से उत्पन्न होते हैं जो पृथ्वी के माध्यम से यात्रा करते हैं और भूकंपमापी नामक उपकरणों पर दर्ज किये जाते हैं।
  • भूकंप के प्रकार: भ्रंश क्षेत्र, टेक्टोनिक भूकंप, ज्वालामुखीय भूकंप, मानव प्रेरित भूकंप।
  • भारत में भूकंप:
    • तकनीकी रूप से सक्रिय नवोदित वलित पर्वतों यथा हिमालय की उपस्थिति के कारण भारत अत्यधिक भूकंप प्रभावित देशों में से एक है।
    • भूकंपीयता, अतीत में आए भूकंपों और क्षेत्र की विवर्तनिक संरचना से संबंधित वैज्ञानिक जानकारी के आधार पर भारत को चार भूकंपीय क्षेत्रों (II, III, IV और V) में विभाजित किया गया है।


मध्य प्रदेश Switch to English

कुनो राष्ट्रीय उद्यान

चर्चा में क्यों?

मध्य प्रदेश के श्योपुर ज़िले में स्थित कुनो राष्ट्रीय उद्यान में पर्यटक चीतों को देखने के लिये पहुँच रहे हैं।

मुख्य बिंदु:

  • कुनो राष्ट्रीय उद्यान नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से स्थानांतरित कई चीतों का निवास स्थान है।
    • वर्ष 1952 में देश में विलुप्त घोषित किये गए चीतों की जीवसंख्या को बहाल करने हेतु भारत में चीता पुनरुत्पादन परियोजना औपचारिक रूप से 17 सितंबर, 2022 को शुरू हुई।
    • यह परियोजना राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) द्वारा मध्य प्रदेश वन विभाग, भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII) तथा नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका के चीता विशेषज्ञों के सहयोग से कार्यान्वित की गई है।


 Switch to English
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2