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हरियाणा

गुरुग्राम और नूंह में स्थापित होगा विश्व का सबसे बड़ा सफारी पार्क

  • 30 Sep 2022
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

29 सितंबर, 2022 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बताया कि राज्य के गुरुग्राम और नूंह ज़िलों की अरावली पर्वत श्रृंखला में पड़ने वाले लगभग 10 हज़ार एकड़ क्षेत्र में विश्व का सबसे बड़ा सफारी पार्क स्थापित किया जाएगा।

प्रमुख बिंदु

  • यह परियोजना दुनिया में इस तरह की सबसे बड़ी परियोजना होगी। वर्तमान में अफ्रीका के बाहर सबसे बड़ा क्यूरेटेड सफारी पार्क शारजाह में है, जो फरवरी 2022 में खोला गया था, जिसका क्षेत्रफल करीब दो हज़ार एकड़ है।
  • प्रस्तावित अरावली पार्क आकार का 5 गुना होगा और इसमें एक बड़ा हर्पेटेरियम, एवियरी/बर्ड पार्क, बिग कैट्स के चार ज़ोन, शाकाहारी जानवरों के लिये एक बड़ा क्षेत्र, विदेशी पशु-पक्षियों के लिये एक क्षेत्र, एक अंडरवाटर वर्ल्ड, नेचर ट्रेल्स/विजिटर/टूरिज्म ज़ोन, बॉटेनिकल गार्डन/बायोमेस, इक्वाटोरियल/ट्रॉपिकल/कोस्टल/डेजर्ट इत्यादि होंगे।
  • मुख्यमंत्री ने बताया कि हरियाणा-एनसीआर क्षेत्र में जंगल सफारी की अपार संभावनाएँ हैं। जंगल सफारी योजना के साकार होने के बाद एनसीआर में पर्यटन को काफी बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय लोगों के लिये रोज़गार के अवसर पैदा होंगे।
  • हरियाणा की जंगल सफारी परियोजना पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार और हरियाणा सरकार की एक संयुक्त परियोजना होगी। एक योजना के तहत केंद्र सरकार भी हरियाणा को इस परियोजना के लिये फंड मुहैया कराएगी।
  • परियोजना के लिये एक अंतर्राष्ट्रीय ईओआई मंगाई गई थी और ऐसी सुविधाओं की डिज़ाइन व संचालन में अंतर्राष्ट्रीय अनुभव वाली दो कंपनियों को शॉर्टलिस्ट किया गया है। वे अब पार्क की डिज़ाइन, निर्माण की निगरानी और संचालन के लिये एक अंतर्राष्ट्रीय डिज़ाइन प्रतियोगिता में भाग लेंगी। वहीं एक अरावली फाउंडेशन की स्थापना की जाएगी, जो परियोजना का प्रबंधन करेगा।
  • सीएम ने कहा कि केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने इसके लिये क्षेत्र का मूल्यांकन अध्ययन किया और इस तरह के पार्क की स्थापना की तकनीकी व्यवहार्यता से सहमत हो गया है।
  • मुख्यमंत्री ने बताया कि जंगल सफारी विकसित होने से एक ओर जहाँ इस पर्वत श्रृंखला को संरक्षित करने में मदद मिलेगी, वहीं दूसरी ओर दिल्ली और आस-पास के क्षेत्रों से यहाँ काफी संख्या में लोग पर्यटन के लिये आएंगे, जिससे स्थानीय लोगों के लिये रोज़गार के अवसर उपलब्ध होंगे। आसपास के गाँवों में ग्रामीणों को होम स्टे पॉलिसी के तहत लाभ होगा।
  • गौरतलब है कि अरावली पर्वत श्रृंखला एक सांस्कृतिक धरोहर है, जहाँ पर पक्षियों, वन्य प्राणियों, तितलियों आदि की कई प्रजातियाँ पाई जाती हैं। कुछ वर्षों पहले करवाए गए सर्वे के अनुसार अरावली पर्वत श्रृंखला में पक्षियों की 180 प्रजातियाँ, मैमल्स, अर्थात् स्तनधारी वन्य जीवों की 15 प्रजातियाँ, रेप्टाइल्स अर्थात् ज़मीन पर रेंगने वाले और पानी में रहने वाले प्राणियों की 29 प्रजातियाँ तथा तितलियों की 57 प्रजातियाँ विद्यमान हैं।
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