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उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश विधानसभा से CRPC संशोधन विधेयक पास

  • 24 Sep 2022
  • 2 min read

चर्चा में क्यों?

23 सितंबर, 2022 को उत्तर प्रदेश विधानसभा ने महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों पर अंकुश लगाने के लिये CRPC यानी दंड प्रक्रिया संहिता (उत्तर प्रदेश संशोधन) विधेयक, 2022 बिल पास कर दिया। इसके तहत अब दुष्कर्म व प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल अफेंसेज एक्ट (पॉक्सो) के मामलों में आरोपित को अग्रिम ज़मानत (anticipatory bail) नहीं मिलेगी।

प्रमुख बिंदु 

  • संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने सदन में दंड प्रक्रिया संहिता (संशोधन) विधेयक, 2022 पारित करने का प्रस्ताव रखा। विधेयक के पक्ष में सत्ताधारी सदस्यों के बहुमत के कारण विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने इसे पारित करने की घोषणा की।  
  • गौरतलब है कि 22 सितंबर को राज्य सरकार द्वारा विधानसभा में दंड प्रक्रिया संहिता (उत्तर प्रदेश संशोधन) विधेयक, 2022 पेश किया गया था।
  • विधेयक के प्रावधान के तहत अब रेप के आरोपियों को अग्रिम ज़मानत नहीं मिलेगी। इस संशोधन विधेयक में CRPC की धारा 438 में बदलाव के साथ ही पॉक्सो एक्ट और 376, 376-A, 376–AB, 376–B, 376-C, 376-D, 376-DA, 376-DB, 386-E की धाराओं में आरोपी को अग्रिम ज़मानत नहीं देने का प्रावधान किया गया है।
  • न सिर्फ रेप और गैंगरेप बल्कि यौन अपराध, बदसलूकी और यौन अपशब्द के मामलों में भी अग्रिम ज़मानत नहीं मिल सकेगी।
  • हालाँकि, इस कानून को लागू करने पर अभी केंद्र सरकार की मुहर लगना अनिवार्य है क्योंकि इसके लिये गृह मंत्रालय की मंज़ूरी ज़रूरी है।
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