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उर्जित पटेल IMF में कार्यकारी निदेशक नियुक्त

  • 01 Sep 2025
  • 19 min read

चर्चा में क्यों?

भारत सरकार ने भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में कार्यकारी निदेशक (ED) के रूप में नियुक्त करने को मंजूरी दे दी है। 

  • वह भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे, जो बांग्लादेश, श्रीलंका और भूटान के साथ चार देशों के निर्वाचन क्षेत्र का अंग है। 
  • IMF के कार्यकारी बोर्ड में 25 निदेशक होते हैं, जिनका चुनाव सदस्य देशों या देशों के समूहों द्वारा किया जाता है।

मुख्य बिंदु

  • मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से तीन वर्ष की अवधि के लिये अथवा अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, उनकी नियुक्ति को मंज़ूरी दी है। 
  • वह पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार के. वी. सुब्रमण्यन का स्थान लेंगे, जिनका कार्यकाल अनियमितता के आरोपों के कारण छह महीने कम कर दिया गया था।
  • भूमिका: IMF में कार्यकारी निदेशक के रूप में, वह निम्नलिखित कार्य करेंगे:
    • कार्यकारी बोर्ड का हिस्सा बनना, जो वैश्विक और क्षेत्रीय आर्थिक नीतियों, राष्ट्रीय आर्थिक नीतियों तथा कोष की क्षमता-विकास पहलों पर विचार-विमर्श करता है तथा उन पर प्रभाव डालता है।
    • अस्थायी भुगतान-संतुलन समस्याओं के समाधान हेतु सदस्य देशों की वित्तीय सहायता पैकेजों की स्वीकृति में सहयोग प्रदान करना।
    • सदस्य देशों के आर्थिक सुधारों और नीतिगत पहलों को दिये जाने वाले IMF के सहयोग की निगरानी में केंद्रीय भूमिका निभाना।

उर्जित पटेल:

  • परिचय
    • उर्जित पटेल वर्ष 2016 से 2018 तक भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के 24वें गवर्नर रहे। उन्होंने रघुराम राजन के उत्तराधिकारी के रूप में यह दायित्व संभाला। इससे पूर्व वे उप-गवर्नर के पद पर कार्यरत थे, जहाँ उन्होंने मौद्रिक नीति, आर्थिक अनुसंधान और जमा बीमा जैसे महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों की देखरेख की थी।
    • RBI से त्याग-पत्र देने के बाद उर्जित पटेल ने बीजिंग स्थित एशियाई अवसंरचना निवेश बैंक (AIIB) में निवेश परिचालन के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया। पारिवारिक स्वास्थ्य कारणों से उन्होंने जनवरी 2024 में इस पद से त्यागपत्र दे दिया। 
    • जून 2020 से वे राष्ट्रीय लोक वित्त एवं नीति संस्थान (NIPFP) के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं।
  • RBI में सुधार:
    • उनके नेतृत्व में RBI ने मौद्रिक नीति में महत्त्वपूर्ण सुधार पेश किये, जिनमें ब्याज दरों पर निर्णय लेने के लिये अक्तूबर 2016 में गठित मौद्रिक नीति समिति (MPC) भी शामिल है।
    • परिवर्तनीय मुद्रास्फीति लक्ष्य निर्धारण: RBI ने जनवरी 2014 में अनुशंसित परिवर्तनीय मुद्रास्फीति लक्ष्य निर्धारण ढाँचे को अपनाया, जिसमें पटेल ने डिप्टी गवर्नर के रूप में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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