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उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश की MSME औद्योगिक संपदा प्रबंधन नीति 2025

  • 13 Aug 2025
  • 18 min read

चर्चा में क्यों?

उत्तर प्रदेश सरकार ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) औद्योगिक संपदा प्रबंधन नीति 2025 को अपनी मंजूरी दे दी है, जिसका उद्देश्य भूमि आवंटन को सरल बनाकर तथा उद्योगों के लिये सुविधाओं में सुधार कर औद्योगिक विकास को प्रोत्साहित करना है।

  • यह नई नीति वर्ष 1978 से जारी 19 पुराने सरकारी आदेशों का स्थान लेगी।

मुख्य बिंदु 

नीति की मुख्य विशेषताएँ

  • भूमि आवंटन: 
    • औद्योगिक संपदाओं में भूमि, शेड और भूखंडों का आवंटन लीज़/किराये के आधार पर नीलामी या ई-नीलामी के माध्यम से किया जाएगा।
    • सफल बोलीदाता आरक्षित मूल्य का 10% बयाना राशि के रूप में जमा करेंगे, शेष राशि एकमुश्त या एक से तीन वर्षों की किस्तों में चुकानी होगी। तत्काल भुगतान करने पर 2% की छूट मिलेगी।
  • SC/ST उद्यमियों के लिये आरक्षण: 
    • सभी भूखंडों और शेड का 10% अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति उद्यमियों के लिये आरक्षित रहेगा।
    • यदि कोई पात्र आवेदक आगे नहीं आता है, तो निरंतर विकास सुनिश्चित करने के लिये भूखंडों को अन्य श्रेणियों में पुनः आवंटित किया जा सकता है।
  • मूल्य संरचना: 
    • यह नीति वित्त वर्ष 2025-26 के लिये मध्यांचल, पश्चिमांचल, बुंदेलखंड और पूर्वांचल सहित विभिन्न क्षेत्रों में औद्योगिक भूखंडों के लिये निश्चित आरक्षित मूल्य प्रस्तुत करती है।
    • प्रत्येक वर्ष 1 अप्रैल से दरों में 5% की वार्षिक वृद्धि होगी।
  • एंकर इकाइयों के लिये अधिमान्य दरें:
    • उन एंकर इकाइयों को विशेष दरों पर भूमि मिल सकती है, जिनसे औद्योगिक संपदाओं में MSME की महत्त्वपूर्ण वृद्धि होने की उम्मीद है।
  • बुनियादी सुविधाएँ: 
    • औद्योगिक संपदाओं को आवश्यक सुविधाओं से युक्त किया जाएगा, जिनमें सामान्य सुविधा केंद्र, विद्युत उपकेंद्र, अग्निशमन केंद्र, महिला छात्रावास, शयनगृह, शिशुगृह, पर्यावरण अनुकूल पार्क, प्रशिक्षण संस्थान और स्वास्थ्य सेवाएँ शामिल होंगी।
  • मानक संचालन प्रक्रिया (SOPs): 
    • भूमि आवंटन, संपत्ति हस्तांतरण, पुनरोद्धार,उप-पट्टे और सरेंडर के लिये SOPs का क्रियान्वयन उद्योग आयुक्त एवं निदेशक की देखरेख में किया जाएगा।

वर्गीकरण

सूक्ष्म

लघु

मध्यम

विनिर्माण और सेवा उद्यम

निवेश: 2.5 करोड़ रुपए तक

वार्षिक कारोबार: 10 करोड़ रुपए तक

निवेश: 25 करोड़ रुपए तक

वार्षिक कारोबार: 100 करोड़ रुपए तक

निवेश: 125 करोड़ रुपए तक

वार्षिक कारोबार: 500 करोड़ रुपए तक

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