मध्य प्रदेश
क्षय रोग उन्मूलन शिविर एवं स्वस्थ यकृत मिशन
- 22 May 2025
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चर्चा में क्यों?
मध्य प्रदेश के राज्यपाल ने 100 दिवसीय नि-क्षय शिविर अभियान के हितधारकों को सम्मानित किया और भोपाल में राज्यव्यापी स्वस्थ यकृत मिशन का शुभारंभ किया।
मुख्य बिंदु
100 दिवसीय नि-क्षय शिविर अभियान
- राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत, राज्य ने टीबी के मामलों की पहचान करने, समय पर उपचार सुनिश्चित करने और रोग के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिये विशेष स्वास्थ्य शिविर आयोजित किये।
- इस अभियान ने नागरिकों को स्वास्थ्य विभाग, गैर सरकारी संगठनों, जन प्रतिनिधियों और नागरिक समाज के संयुक्त प्रयासों से परीक्षण और परामर्श प्राप्त करने में सक्षम बनाया।
- इस अभियान के तहत 5,000 से अधिक ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित किया गया है।
- सिवनी और बैतूल ज़िलों ने लगातार तीन वर्षों तक सबसे अधिक संख्या में टीबी मुक्त ग्राम पंचायतें घोषित की हैं।
- कन्हार (मंडला), पटवा (बालाघाट) और सावरवानी (छिंदवाड़ा) ने टीबी-मुक्त दर्जा प्राप्त कर लिया है।
- राज्य सरकार इस पहल के तहत 100% कवरेज के लिये प्रयासरत है, जिसका लक्ष्य वर्ष 2028 तक राज्य से टीबी को पूरी तरह समाप्त करना है।
स्वस्थ यकृत मिशन
- इस पहल का उद्देश्य यकृत से संबंधित बीमारियों से निपटना है।
- फैटी लीवर रोग की रोकथाम में भारत विश्व में अग्रणी है तथा मध्य प्रदेश देश में शीर्ष प्रदर्शन करने वाला राज्य बनकर उभरा है।
- मिशन के अंतर्गत हेपेटाइटिस बी और सी, फैटी लीवर और सिरोसिस जैसी स्थितियों के बारे में जागरूकता, शीघ्र पहचान, उपचार और रोकथाम पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
- इसके अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग पूरे राज्य में जाँच शिविर आयोजित करेगा, चिकित्सा प्रशिक्षण और परामर्श देगा तथा निःशुल्क दवाइयाँ वितरित करेगा।
राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम (NTEP)
- वर्ष 2020 में, संशोधित राष्ट्रीय क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम (RNTCP) का नाम बदलकर NTEP कर दिया गया,जिसका उद्देश्य भारत से टीबी (TB) को वर्ष 2025 तक समाप्त करना है, जो कि वैश्विक लक्ष्य 2030 से पाँच वर्ष पहले है।
- यह कार्यक्रम राष्ट्रीय रणनीतिक योजना (2017-2025) द्वारा निर्देशित है, जो निम्नलिखित रणनीतिक स्तंभों पर आधारित है: पता लगाना (Detect) – उपचार करना (Treat) – रोकथाम करना (Prevent) – निर्माण करना (Build), जिसे DTPB कहा जाता है।
- NTEP मुख्य रूप से शीघ्र निदान, गुणवत्तापूर्ण उपचार, निजी प्रदाताओं को शामिल करने, उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में संपर्क का पता लगाने तथा बहु-क्षेत्रीय दृष्टिकोण के माध्यम से सामाजिक निर्धारकों को संबोधित करने पर ज़ोर देता है।
- इस कार्यक्रम में अब तक के सर्वाधिक मामले दर्ज किये गए, जिसमें वर्ष 2023 में 25.5 लाख टीबी मामले और वर्ष 2024 में 26.07 लाख मामले दर्ज किये गए।
- NTEP के तहत, भारत ने बेहतर दवा प्रतिरोधी टीबी उपचार शुरू किये, जिसमें सुरक्षित, कम समय तक चलने वाला पूर्ण-मौखिक बेडाक्विलाइन उपचार शामिल है, जिससे सफलता दर वर्ष 2020 में 68% से बढ़कर वर्ष2022 में 75% हो गई।
- mBPaL उपचार (बेडाक्विलाइन, प्रीटोमैनिड, लाइनज़ोलिड) MDR-TB के लिये 80% सफलता प्रदान करता है, जिससे उपचार की अवधि छह महीने तक कम हो जाती है।
फैटी लिवर रोग
- फैटी लिवर रोग (हेपेटिक स्टीएटोसिस) यकृत कोशिकाओं में अत्यधिक वसा के जमा होने की स्थिति है।
- यह स्थिति तब होती है, जब वसा यकृत कोशिकाओं (हेपाटोसाइट्स) के 5% से अधिक हो जाती है, जिससे यकृत की कार्यप्रणाली और चयापचय प्रभावित होते हैं।
- यह दो प्रकार का होता है — नॉन-एल्कोहलिक फैटी लिवर डिज़ीज़ (NAFLD) और एल्कोहलिक फैटी लिवर डिज़ीज़ (AFLD