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हरियाणा में मादक पदार्थ की ज़ब्ती में वृद्धि

  • 04 Jul 2025
  • 8 min read

चर्चा में क्यों?

हरियाणा में वर्ष 2025 की पहली छमाही में  मादक पदार्थों, विशेषकर हेरोइन और कोकीन की ज़ब्ती में तीव्र वृद्धि देखी गई है।

मुख्य बिंदु

  • नारकोटिक ड्रग्स और साइकोट्रोपिक पदार्थ (NDPS) मामलों में वृद्धि: 
    • नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट, 1985 के तहत नशीली दवाओं से संबंधित FIR में 28.75% की वृद्धि हुई, जनवरी से जून 2025 तक 1,858 मामले दर्ज किये गए, जबकि हरियाणा में 2024 में 1,657 मामले दर्ज किये जाएँगे।
      • वाणिज्यिक मात्रा के मामलों में लगभग 29% की वृद्धि हुई है, जो 2024 में 166 से बढ़कर 2025 में 233 हो गए हैं, जिनमें अक्सर संगठित तस्करी समूह शामिल होते हैं।
  • भारत में नशीली दवाओं का प्रचलन (नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) डेटा):
    • भांग: 3.1 करोड़ लोग (2.8%) भांग उपयोगकर्त्ता हैं, जिनमें से 72 लाख (0.66%) भांग (Cannabis) से संबंधित समस्याओं का सामना कर रहे हैं। 
    • ओपिओइड का उपयोग: 2.06% जनसंख्या ओपिओइड का उपयोग करती है और लगभग 0.55% (60 लाख) को ओपिओइड निर्भरता के लिये उपचार सेवाओं की आवश्यकता है। 
    • शामक: 1.18 करोड़ (1.08%) व्यक्ति गैर-चिकित्सीय प्रयोजनों के लिये शामक का उपयोग करते हैं। 
    • इनहेलेंट: इनहेलेंट का दुरुपयोग 1.7% बच्चों और किशोरों को प्रभावित करता है, जो वयस्कों में 0.58% की व्यापकता से काफी अधिक है। लगभग 18 लाख बच्चों को इनहेलेंट के दुरुपयोग से निपटने के लिये सहायता की आवश्यकता है। 
    • इंजेक्शन द्वारा नशीली दवाओं का प्रयोग: लगभग 8.5 लाख लोग नशीली दवाओं का इंजेक्शन द्वारा प्रयोग करते हैं, जिन्हें पीपुल हू इंजेक्ट ड्रग्स (PWID) के नाम से जाना जाता है।
  • संबंधित उपाय:
    • विधायी:
      • स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ (NDPS) अधिनियम, 1985: यह स्वापक औषधियों और मन:प्रभावी पदार्थों के उत्पादन, निर्माण और तस्करी को नियंत्रित करता है। 
      • औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 और स्वापक औषधि एवं मन:प्रभावी पदार्थ के अवैध व्यापार की रोकथाम (PITNDPS) अधिनियम, 1988 मादक पदार्थों की तस्करी और दुरुपयोग को नियंत्रित करने एवं रोकने के लिये विधि संरचना को नियंत्रित करते हैं।
  • संस्थागत उपाय: 
    • राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA): यह भारत में  केंद्रीय आतंकवाद विरोधी कानून प्रवर्तन एजेंसी है।
      • यह अंतर-राज्यीय और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों वाले मामलों की जाँच करता है, जिसमें आतंकवाद से जुड़े नशीली दवाओं की तस्करी नेटवर्क, हथियारों की तस्करी और सीमा पार से घुसपैठ शामिल हैं।  
    • राष्ट्रीय नारकोटिक्स नियंत्रण ब्यूरो (NCB): 
      • NCB भारत की एक नोडल ड्रग कानून प्रवर्तन और खुफिया एजेंसी है। यह राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों के साथ समन्वय करता है और सार्क ड्रग अपराध निगरानी डेस्क (SDOMD) जैसी पहलों में भाग लेता है। 
    • अन्य प्रवर्तन एजेंसियाँ: राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI), सीमा शुल्क विभाग और विभिन्न कानून प्रवर्तन एजेंसियाँ ​​नशीली दवाओं की तस्करी पर अंकुश लगाने के लिये मिलकर कार्य करती हैं।

विभिन्न औषधि प्रकार और पदार्थ

दवा का प्रकार

विशेषताएँ

उत्तेजक

  • उत्तेजक पदार्थ केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को उत्तेजित करते हैं, सतर्कता और शारीरिक गतिविधि बढ़ाते हैं। वे मूड स्विंग, अनिद्रा, अनियमित दिल की धड़कन और चिंता का कारण बन सकते हैं।  
  • उदाहरण: कोकीन, क्रैक, एम्फेटामाइन्स तथा एमाइल या ब्यूटाइल नाइट्राइट्स जैसे इनहेलेंट्स

अवसाद

  • शराब, बार्बिटुरेट्स और ट्रैंक्विलाइज़र जैसे अवसादक पदार्थ केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को धीमा कर देते हैं, जिससे आराम मिलता है।  
  • शराब के दुरुपयोग से बोलने में कठिनाई, याददाश्त में कमी तथा गंभीर मामलों में बेहोशी या मृत्यु हो सकती है।  
  • उदाहरण: बार्बिटुरेट्स और ट्रैंक्विलाइज़र 

हैलुसिनोजन

  • मतिभ्रम उत्पन्न करने वाली दवाएँ धारणा को बदल देती हैं, जिससे भावनात्मक उतार-चढ़ाव, व्यामोह, भ्रम और उलझन उतन्न होती है। हालाँकि ये शारीरिक रूप से नशे की लत नहीं हैं, लेकिन ये स्थायी मनोवैज्ञानिक नुकसान पहुँचा सकती हैं। 
  • उदाहरण: LSD, एक्स्टसी, साइलोसाइबिन (magic mushrooms)

विघटनकारी औषधियाँ

  • विघटनकारी औषधियाँ शरीर और पर्यावरण से अलगाव उत्पन्न करती हैं, मोटर कार्यों को बाधित करती हैं और भ्रम उत्पन्न करती हैं।  
  • उदाहरण: केटामाइन, DXM (डेक्सट्रोमेथॉरफन)

नशीले पदार्थों

  • ये अत्यधिक नशे की लत वाले होते हैं और दर्द से राहत और उत्साह प्रदान करते हैं।  
  • उदाहरण: हेरोइन, अफीम, औषधीय दर्द निवारक (जैसे, कोडीन, मॉर्फिन) 

इनहेलेंट

  • इनहेलेंट के कारण सिरदर्द, मतली, समन्वय की हानि तथा गंभीर मामलों में दम घुटने या मृत्यु हो सकती है। 
  • उदाहरण: गैसोलीन, पेंट थिनर, एमाइल नाइट्राइट

कैनबिस/भांग

  • कैनाबिस सैटिवा पौधे से प्राप्त कैनाबिस का उपयोग आमतौर पर मारिजुआना, हशीश और हैश ऑयल जैसे रूपों में किया जाता है।  
  • इसके दुरुपयोग से स्मृति, एकाग्रता प्रभावित होती है तथा भ्रम, लत और दीर्घकालिक संज्ञानात्मक समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। 
  • उदाहरण: मारिजुआना, हशीश, हैश ऑयल

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