राजस्थान
मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिवस
- 20 Feb 2025
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चर्चा में क्यों?
भारत में 19 फरवरी 2025 को 10वाँ मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिवस मनाया गया।
मुख्य बिंदु
- दिवस के बारे में: 
- इस दिवस का मुख्य उद्देश्य किसानों को मृदा स्वास्थ्य के महत्त्व और मृदा परीक्षण की आवश्यकता के बारे में जागरूक करना है।
 
 
मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना
- परिचय
- इस योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री ने 19 फरवरी, 2015 को राजस्थान के सूरतगढ़ में की थी।
 - इस योजना की थीम है: स्वस्थ धरा, खेत हरा।
 
 - उद्देश्य
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हर 2 वर्ष के अंतराल पर किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित करना
 - किसानों को मृदा स्वास्थ्य और इसकी उर्वरता में सुधार के लिये आवश्यक निर्देश देना
 - पोषक तत्त्वों की उचित मात्रा के साथ-साथ किसानों को मिट्टी की पोषक स्थिति की जानकारी देना
 - मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं (STL) को सशक्त करना
 - राज्यों में मिट्टी की उर्वरता की समस्या का समाधान करना
 - सुधारात्मक उपाय प्रदान करना
 
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 - पोर्टल 
- मृदा स्वास्थ्य कार्ड पोर्टल देश भर में सभी प्रमुख भाषाओं और 5 बोलियों में एक समान और मानकीकृत प्रारूप में किसानों के लाभ के लिये मृदा स्वास्थ्य कार्ड तैयार करने की सुविधा प्रदान करता है।
 - मृदा स्वास्थ्य कार्ड में 12 मापदंडों के संबंध में मिट्टी की स्थिति शामिल होती है, जैसे 
- मैक्रो पोषक तत्त्व: नाइट्रोजन (N), फास्फोरस (P), पोटेशियम (K)
 - द्वितीयक पोषक तत्त्व: सल्फर (S)
 - सूक्ष्म पोषक तत्त्व: जिंक (Zn), आयरन (Fe), कॉपर (Cu), मैंगनीज (Mn), बोरान (B)
 
 
 - भौतिक पैरामीटर: pH, Electrical Conductivity (EC), Organic Carbon (OC)
 - इसके आधार पर, कार्ड खेत के लिये आवश्यक उर्वरक अनुशंसाओं और मिट्टी संशोधन को भी बताता है।
 - मिट्टी के नमूने आम तौर पर साल में दो बार लिये जाते हैं, क्रमशः रबी और खरीफ फसल की कटाई के बाद या जब खेत में कोई खड़ी फसल न हो।
 
            