इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

State PCS Current Affairs


झारखंड

समर अभियान के अंतर्गत कुपोषण एवं एनीमिया जाँच के लिये आँगनबाड़ी केंद्र पर चलेगा विशेष अभियान

  • 15 Jul 2022
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

13 जुलाई, 2022 को झारखंड राज्य पोषण मिशन के महानिदेशक राजेश्वरी बी ने राज्य के 5 ज़िलों के उपायुक्तों को पत्र लिखकर 15 जुलाई से 31 जुलाई, 2022 तक पंचायत एवं प्रखंडवार संदिग्ध कुपोषण एवं एनीमिया वाले बच्चों एवं महिलाओं की जाँच के लिये समर अभियान के तहत एक विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिये।

प्रमुख बिंदु

  • यह विशेष अभियान प्रदेश के पाँच ज़िलों- लातेहार, चतरा, पश्चिमी सिंहभूम, सिमडेगा एवं साहिबगंज में चलाया जाएगा।
  • राजेश्वरी बी ने कहा कि 5 जुलाई, 2022 को समर अभियान की प्रगति पर की गई समीक्षा में यह पाया गया कि लगभग 20,492 कुपोषण एवं एनीमिया के संदिग्ध मामले राज्य में हैं, जिनमें से अब तक केवल 641 की जाँच आँगनबाड़ी केंद्रों पर की गई है।
  • कुल 19,851 कुपोषण एवं एनीमिया के संदिग्ध मामलों की जाँच की जानी है। इस हेतु 15 से 31 जुलाई, 2022 तक विशेष अभियान चलाकर कुपोषण एवं एनीमिया की जाँच का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जाए।
  • कुपोषण व एनीमिया के सभी मामले की सूची SAAMAR App में आँगनबाड़ी केंद्र पर होने वाली जाँच पर उपलब्ध है। आँगनबाड़ी सेविका यह सुनिश्चित करेंगी कि पोषण ट्रैकर में पूर्व से चिह्नित अति गंभीर कुपोषित बच्चे की सूचना SAAMAR APP में संकलित कर ली जाए। आँगनबाड़ी गाँव स्तर पर प्रत्येक दिन कैंप लगाकर ए.एन.एम. की उपस्थिति में सभी संदिग्ध मामलों में कुपोषण (वज़न, लंबाई, ऊँचाई, चिकित्सकीय जाँच, भूख की जाँच) एवं एनीमिया की जाँच सुनिश्चित की जाएगी।
  • उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया है कि प्रतिदिन की प्रगति प्रतिवेदन समर डैश बोर्ड पर संकलित हो और प्रत्येक सप्ताह उपायुक्त की अध्यक्षता में बैठक आयोजित कर वस्तुस्थिति की समीक्षा की जाए।
  • 6 माह से 5 वर्ष तक के अति गंभीर कुपोषण से ग्रसित बच्चों (SAM), जिनमें कोई चिकित्सीय बीमारी नहीं है एवं वह बच्चा भूख की जाँच में पास है, का उपचार कम-से-कम 4 माह तक समुदाय आधारित प्रबंधन आँगनबाड़ी केंद्र (SAM) में 11 चरण को अपनाते हुए किया जाएगा।
    • चरण-1 : सामुदायिक गतिशीलता
    • चरण-2 : संदिग्ध मामलों की स्क्रीनिंग व शारीरिक नाप
    • चरण-3 : अति गंभीर कुपोषित बच्चों का चिकित्सकीय आकलन
    • चरण-4 : अति गंभीर कुपोषित बच्चों की भूख की जाँच करना
    • चरण-5 : STC में रखना चाहिये या MTC को रेफर करना चाहिये
    • चरण-6 : पोषणात्मक उपचार
    • चरण-7 : SAM KIT (दवाईयाँ)
    • चरण-8 : पोषण एवं स्वास्थ्य शिक्षा
    • चरण-9 : बच्चों का फालोअप
    • चरण-10 : डिस्चार्ज देने के मापदंड
    • चरण-11 : डिस्चार्ज पाने के बाद फालोअप
  • जन्म से 6 माह तक के अति गंभीर कुपोषण से ग्रसित बच्चों (SAM) का उपचार कुपोषण उपचार केंद्र पर किया जाएगा।
  • जन्म से 5 वर्ष तक के अति गंभीर कुपोषण से ग्रसित बच्चों (SAM), जिनमें कोई चिकित्सीय बीमारी है एवं वह बच्चा भूख की जाँच में फेल है, का उपचार कुपोषण उपचार केंद्र पर किया जाएगा।
  • एनीमिया से ग्रसित बच्चे/किशोरी/युवती एवं गर्भवती महिलाओं का उपचार एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के तहत किया जाएगा।
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2