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उत्तराखंड

उत्तराखंड राज्य वन्यजीव बोर्ड की बैठक में तीन रोपवे परियोजनाओं को हरी झंडी

  • 23 Jun 2022
  • 3 min read

चर्चा में क्यों? 

21 जून, 2022 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई उत्तराखंड राज्य वन्यजीव बोर्ड की 17वीं बैठक में केदारनाथ, हेमकुंड साहिब और चंडीदेवी रोपवे परियोजनाओं को मंज़ूरी दे दी गई। 

प्रमुख बिंदु 

  • बैठक में इन तीन महत्त्वपूर्ण रोपवे परियोजनाओं को मंज़ूरी के साथ ही नेशनल वाइल्ड लाइफ बोर्ड को भेजने का अनुमोदन किया गया।   
  • इसमें सोनप्रयाग से केदारनाथ 13 किमी. रोपवे परियोजना के तहत 26.43 हेक्टेयर वन भूमि हस्तांतरित की जानी है, जबकि गोविंदघाट से हेमकुंड तक करीब 12.5 किमी. रोपवे परियोजना के लिये 27.4782 हेक्टेयर वन भूमि और हरिद्वार में हरकी पैड़ी से चंडीदेवी तक रोपवे परियोजना के लिये 0.29 हेक्टेयर वन भूमि हस्तांतरित की जानी है।  
  • बैठक में उत्तरकाशी ज़िले में संरक्षित वन क्षेत्र में पड़ने वाले रॉकी नॉव से मुलिग्ला तक ऑपरेशनल ट्रैक निर्माण और सुगमा वाई जंक्शन से थांगला-दो तक ऑपरेशनल ट्रैक निर्माण के लिये भी क्रमश: 7.20 हेक्टेयर और 3.4214 हेक्टेयर वन भूमि हस्तांतरण को मंज़ूरी दी गई।   
  • बैठक में अल्मोड़ा ज़िले के तहत बनने वाले चार मोटर मार्गों के लिये भी भूमि हस्तांरण का अनुमोदन किया गया। हरिद्वार में बनने वाली रिंग रोड के लिये 48.895 हेक्टेयर और जमरानी बांध बहुद्देशीय परियोजना के लिये 400.89 हेक्टेयर वन भूमि हस्तांतरण का प्रस्ताव भी अनुमोदन के बाद नेशनल वाइल्ड लाइफ बोर्ड को भेजा जाएगा।   
  • वहीं, प्रधानमंत्री आवास योजना, विद्युत, हाइड्रो, उप-खनिज चुगान, औद्योगिक विकास के प्रस्तावों पर चर्चा के बाद अनुमोदन किया गया।।  
  • बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि मानव-वन्यजीव संघर्ष शमन उत्कृष्टता केंद्र और वन्यजीव स्वास्थ्य उत्कृष्टता केंद्र की प्रदेश में स्थापना की जाएगी। इसके अलावा स्थानीय समुदायों के सहयोग से प्राइमरी रिस्पॉन्स टीमों का गठन किया जाएगा, जो वन वन्यजीव संरक्षण के साथ ही वनाग्नि को रोकने पर भी काम करेंगी।    
  • टाइगर रिज़र्व, संरक्षित क्षेत्र अन्य पर्यटन वन क्षेत्रों में पर्यटकों के बर्ताव के संबंध में गाईडलाइन बनाई जाएगी, ताकि स्वच्छता और कूड़ा प्रबंधन को बेहतर ढंग से अंजाम दिया जा सके। 
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