राजस्थान
राजस्थान में उन्नत खनिज अन्वेषण हेतु AI का उपयोग
- 10 Dec 2025
- 13 min read
चर्चा में क्यों?
राजस्थान खनिज अन्वेषण में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) तथा मशीन लर्निंग (ML) को लागू करने जा रहा है, जो राज्य के खनन क्षेत्र में एक महत्त्वपूर्ण तकनीकी परिवर्तन का मार्ग प्रशस्त करेगा।
मुख्य बिंदु
- समझौते: प्रवासी राजस्थान दिवस के दौरान दो समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे, एक IIT हैदराबाद के साथ और दूसरा IIT ISM धनबाद के साथ।
- राष्ट्रीय संरेखण: यह पहल महत्त्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों की खोज में सुधार करके आत्मनिर्भर भारत और डिजिटल इंडिया जैसे राष्ट्रीय कार्यक्रमों का समर्थन करती है।
- डेटा सहयोग: RSMET और IIT हैदराबाद के बीच एक आशय पत्र के माध्यम से डेटा का आदान-प्रदान और सहयोगात्मक अनुसंधान संभव होगा।
- खनन अपशिष्ट अध्ययन: IIT ISM धनबाद के साथ साझेदारी का उद्देश्य राजस्थान में खनन अपशिष्टों और अवशेषों का वैज्ञानिक मूल्यांकन करना है।
- डेटासेट एकीकरण: खनिज-समृद्ध क्षेत्रों की पहचान करने के लिये 39 ज़िलों से प्राप्त भूवैज्ञानिक, भू-रासायनिक, भू-भौतिकीय, रिमोट सेंसिंग और उपग्रह डेटासेट को संयोजित किया जाएगा।
- लक्षित खनिज: अन्वेषण ताँबा, ग्रेफाइट, जस्ता, लिथियम, कोबाल्ट, निकेल और दुर्लभ पृथ्वी तत्त्वों पर केंद्रित होगा।
- परियोजना की समयसीमा: IIT हैदराबाद के साथ यह सहयोग 18 महीनों में चार चरणों में पूरा किया जाएगा, जिससे राज्य के लिये खनिज विकास का रोडमैप तैयार होगा।
- चिह्नित डंप: विभाग ने एक वर्षीय IIT ISM धनबाद परियोजना के तहत मूल्यांकन के लिये 80 खदान डंप का चयन किया है, जिसमें मानचित्रण, नमूनाकरण, निष्कर्षण अध्ययन और खनिज विश्लेषण शामिल हैं।
- राष्ट्रीय महत्त्व: रणनीतिक खनिजों की बढ़ती घरेलू और वैश्विक मांग के कारण, राजस्थान भारत के महत्त्वपूर्ण खनिज मिशन में एक मुख्य भूमिका निभाता है।
