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राजस्थान

राजस्थान में पेयजल परियोजनाओं को स्वीकृति

  • 10 Dec 2025
  • 17 min read

चर्चा में क्यों?

राजस्थान सरकार ने जल जीवन मिशन के तहत नोनेरा तथा परवान-अकावड़ पेयजल परियोजनाओं के लिये कार्य आदेश जारी किये हैं, जिनकी कुल लागत 5,184 करोड़ रुपए निर्धारित की गई है।

मुख्य बिंदु

  • लाभान्वित ज़िले: परियोजनाओं के पूर्ण होने पर कोटा, बूंदी, झालावाड़ और बारां ज़िलों के घरों को नियमित पेयजल की आपूर्ति प्राप्त होगी।
  • नोनेरा परियोजना कवरेज: नोनेरा परियोजना कोटा और बूंदी के 749 गाँव और 6 कस्बों को जलापूर्ति करेगी, जिससे 1,13,287 परिवार लाभान्वित होंगे।
  • नोनेरा अवसंरचना: 1,661.14 करोड़ रुपए की स्वीकृत लागत वाली इस परियोजना में 1 इनटेक स्टेशन, 3 जल-शोधन संयंत्र, 14 भंडार, 137 ऊँची टंकियाँ तथा 4,560 किमी से अधिक पाइपलाइन नेटवर्क शामिल है।
  • परवन-अकावड़ कवरेज: इस परियोजना से 1,402 गाँवों को लाभ होगा, जिनमें बारां के 907, कोटा (सांगोद) के 184, झालावाड़ के 311 तथा 276 छोटे गाँव सम्मिलित हैं, जिससे कुल 1,52,437 परिवारों को लाभ प्राप्त होगा।
  • परवन-अकावड़ अवसंरचना: 3,523.16 करोड़ रुपए की स्वीकृति वाली इस परियोजना में 2 इनटेक स्टेशन, 2 शोधन संयंत्र, 41 भंडार, 276 ऊँची टंकियाँ तथा 10,000 किमी से अधिक पाइपलाइनें शामिल हैं।
  • समय-सीमा: दोनों परियोजनाओं को अगस्त 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य है, जिससे जल जीवन मिशन (JJM) के अंतर्गत हर घर तक नल कनेक्शन उपलब्ध कराने के राज्य लक्ष्य को समर्थन मिलेगा।

जल जीवन मिशन (JJM)

  • परिचय:
    • 15 अगस्त, 2019 को प्रारम्भ किया गया जल जीवन मिशन (JJM), प्रत्येक ग्रामीण परिवार को नल से जल उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखता है। मिशन का लक्ष्य वर्ष 2024 से बढ़ाकर 2028 कर दिया गया है, जिसके तहत प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 55 लीटर जल उपलब्ध कराना है। 
    • यह एक केंद्रीय प्रायोजित योजना है, जिसका क्रियान्वयन जल शक्ति मंत्रालय द्वारा किया जाता है।
  • उद्देश्य: (स्मरण सूत्र: TAP)
    • T – प्रत्येक ग्रामीण परिवार को लक्षित करना: सभी ग्रामीण परिवारों को कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन (FHTC) उपलब्ध कराना।
    • A – प्राथमिकता वाले क्षेत्र: गुणवत्ता-प्रभावित, अर्द्ध-शुष्क, सूखाग्रस्त, मरुस्थलीय क्षेत्रों तथा संसद आदर्श ग्राम योजना (SAGY) के अंतर्गत आने वाले ग्रामों को प्राथमिकता देना।
    • P – सार्वजनिक स्थान: विद्यालय, आंगनवाड़ी केंद्र, ग्राम पंचायत भवन तथा अन्य सामुदायिक स्थलों पर नलजल की व्यवस्था सुनिश्चित करना।

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