उत्तर प्रदेश
एक जनपद एक उत्पाद के तहत नए उत्पाद शामिल
- 16 May 2025
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चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश सरकार ने एक जनपद एक उत्पाद (ODOP) योजना के तहत 12 नए उत्पादों को शामिल किया।
मुख्य बिंदु
- एक जनपद एक उत्पाद योजना के बारे में:
- यह योजना उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा 24 जनवरी 2018 को शुरू की गई थी।
- इसके अंतर्गत राज्य के प्रत्येक ज़िले के विशिष्ट और पारंपरिक उत्पादों की पहचान की जाती है तथा उन्हें भौगोलिक संकेत (GI) टैग प्रदान किया जाता है, जिससे यह प्रमाणित होता है कि वे उत्पाद किसी विशेष क्षेत्र से संबंधित हैं।
- राज्य सरकार इन उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में पहचान दिलाने के लिये उद्यमियों को वित्तीय सहायता, सामूहिक विपणन सुविधाएँ तथा अन्य संसाधन प्रदान करती है।
- इस योजना के प्रमुख उद्देश्यों में शामिल हैं:
- राज्य में रोज़गार के नए अवसरों का सृजन
- राज्य के निर्यात को बढ़ावा देना
- उत्तर प्रदेश को वर्ष 2029 तक एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में योगदान देना
- अब तक इस योजना के अंतर्गत 62 उत्पाद सूचीबद्ध थे, किंतु 12 नए उत्पाद जोड़े जाने के बाद यह संख्या बढ़कर 74 हो गई है।
- 12 नए उत्पाद जो शामिल किये गए हैं:
- बागपत – कृषि यंत्र एवं संबंधित उपकरण
- सहारनपुर – होज़री उत्पाद
- फिरोज़ाबाद – खाद्य प्रसंस्करण
गाज़ियाबाद – मैटल, वस्त्र एवं परिधान - अमरोहा – मेटल एवं वुडन हैंडीक्राफ्ट
- आगरा – पेठा उद्योग और सभी प्रकार के फुटवीयर
- हमीरपुर – मैटल उत्पाद
- बरेली – लकड़ी के उत्पाद
- एटा – चिकोरी उत्पाद
- प्रतापगढ़ – खाद्य प्रसंस्करण
- बिजनौर – ब्रश और संबंधित उत्पाद
- बलिया – सत्तू उत्पाद
भौगोलिक संकेत (GI) टैग
- भौगोलिक संकेत (GI) टैग, एक ऐसा नाम या चिह्न है जिसका उपयोग उन विशेष उत्पादों पर किया जाता है जो किसी विशिष्ट भौगोलिक स्थान या मूल से संबंधित होते हैं।
- GI टैग यह सुनिश्चित करता है कि केवल अधिकृत उपयोगकर्त्ताओं या भौगोलिक क्षेत्र में रहने वाले लोगों को ही लोकप्रिय उत्पाद के नाम का उपयोग करने की अनुमति है।
- यह उत्पाद को दूसरों द्वारा नकल या अनुकरण किये जाने से भी बचाता है।
- एक पंजीकृत GI टैग 10 वर्षों के लिये वैध होता है।
- GI पंजीकरण की देखरेख वाणिज्य तथा उद्योग मंत्रालय के अधीन उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग द्वारा की जाती है।
- विधिक ढाँचा:
- यह बौद्धिक संपदा अधिकार के व्यापार-संबंधित पहलुओं (TRIPS) पर WTO समझौते द्वारा विनियमित एवं निर्देशित है।