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बिहार

बिहार में नीरा उत्पादन

  • 10 May 2025
  • 2 min read

चर्चा में क्यों?

30 अप्रैल 2025 को शुरू की गई 'मुख्यमंत्री नीरा संवर्द्धन योजना' के तहत, बिहार सरकार का उद्देश्य ताड़ के वृक्षों के मालिकों और ताड़ी निकालने वाले श्रमिकों को रोज़गार के अवसर और वित्तीय सहायता प्रदान करना है, जो कि नीरा अर्थात अकिण्वित ताड़ के रस से पेय पदार्थ निकालते हैं।

मुख्य बिंदु

  • योजना का कार्यान्वयन:
    • यह योजना ताड़ी सीजन (अप्रैल से जुलाई 2025) तक चलती है और इसे निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग और जीविका (बिहार ग्रामीण आजीविका संवर्द्धन सोसाइटी) द्वारा संयुक्त रूप से क्रियान्वित किया जाता है।
    • बिहार सरकार प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) के माध्यम से 20,000 ताड़ी निकालने वालों को 8 रुपए प्रति लीटर नीरा उपलब्ध कराएगी।
    • इस योजना का लक्ष्य बिहार में चिह्नित 2 लाख ताड़ के वृक्षों से उत्पादन करना है।
  • ताड़ वृक्ष मालिकों के लिये सहायता:
    • ताड़ वृक्ष मालिकों को 10 वृक्षों तक प्रति लीटर नीरा पर 3 रुपए की प्रोत्साहन राशि मिलेगी।
    • इसका मतलब है कि प्रति वृक्ष 585 रुपए और 10 वृक्षों के लिये अधिकतम 5,850 रुपए।
    • जीविका द्वारा DBT के माध्यम से प्रोत्साहन राशि का भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में किया जाएगा।
  • नीरा के स्वास्थ्य लाभ:
    • नीरा कैल्शियम, आयरन, पोटेशियम, सोडियम और फास्फोरस जैसे खनिजों से भरपूर है।
    • यह एक प्राकृतिक प्रोबायोटिक है, जो प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने में मदद करता है और हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाता है।



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