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उत्तर प्रदेश

स्वच्छता सर्वेक्षण 2024-25 में उत्तर प्रदेश का प्रदर्शन

  • 19 Jul 2025
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

स्वच्छता सर्वेक्षण 2024-25 के तहत दस लाख से अधिक आबादी वाली श्रेणी में लखनऊ को अहमदाबाद और भोपाल के बाद देश का तीसरा सबसे स्वच्छ शहर माना गया।

मुख्य बिंदु

शीर्ष प्रदर्शनकर्त्ता:

  • लखनऊ:
    • रैंकिंग: देश का तीसरा सबसे स्वच्छ शहर (दस लाख से अधिक जनसंख्या श्रेणी में)।
    • उपलब्धि: 7-स्टार कचरा GFC रेटिंग प्राप्त करने वाला उत्तर प्रदेश का पहला शहर बना।
  • प्रयागराज: 
    • सबसे स्वच्छ गंगा नगरी के रूप में विशेष पहचान अर्जित की, वाराणसी को पीछे छोड़कर देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया।
  • नोएडा:
    • रैंकिंग: 3 से 10 लाख जनसंख्या श्रेणी में सुपर स्वच्छ लीग में शीर्ष स्थान।
    • शीर्ष स्तर के प्रदर्शनकर्त्ताओं को अलग से रैंक करने के लिये एक नई श्रेणी शुरू की गई।

  • अन्य उल्लेखनीय उपलब्धियाँ:
    • 10 लाख से अधिक आबादी श्रेणी में उत्तर प्रदेश के सात शहर टॉप 20 में शामिल हैं: लखनऊ, आगरा, गोरखपुर, कानपुर, गाज़ियाबाद, प्रयागराज और नोएडा।
  • महाकुंभ 2025 के लिये पुरस्कार: 
    • महाकुंभ के दौरान स्वच्छता और साफ-सफाई की बेहतरीन व्यवस्थाओं के लिये विशेष पुरस्कार प्रदान किये गए, जो बड़े आयोजनों के दौरान राज्य की सफल स्वच्छता नीति को दर्शाते हैं।

  • शीर्ष रेटिंग वाले शहर:
    • 5-स्टार रेटिंग: आगरा, गोरखपुर, कानपुर, गाज़ियाबाद, प्रयागराज, नोएडा
    • सफाईमित्र सुरक्षित शहर श्रेणी में तीसरा स्थान: गोरखपुर
    • शीर्ष 10 सबसे स्वच्छ शहर (3-10 लाख जनसंख्या): गोरखपुर (तीसरा ), मुरादाबाद (10वाँ )
    • उभरता हुआ स्वच्छ शहर: आगरा (राष्ट्रीय स्तर पर 32वाँ स्थान )
  • नई जल-प्लस उपलब्धियाँ:
    • बिजनौर और शम्साबाद सहित 16 शहरों को पहली बार वाटर-प्लस का दर्जा मिला।
    • स्वच्छता, जल प्रबंधन और पुनर्चक्रण प्रथाओं में उत्कृष्टता प्राप्त करने वाले स्थानीय निकायों को जल-प्लस का दर्जा प्रदान किया जाता है।
    • 17 नगर निगमों में से 13 को जल-प्लस का दर्जा प्राप्त हुआ, जो पिछले वर्ष की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि है (जहाँ केवल 2 शहरों को जल-प्लस का दर्जा प्राप्त था)
  • अपशिष्ट प्रबंधन में सुधार:
    • डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण (सत्यापित): एक वर्ष में 48% से बढ़कर 62%
    • कचरा प्रसंस्करण: एक वर्ष में 48% से बढ़कर 85%
  • राज्यव्यापी सुधार:

स्वच्छ सर्वेक्षण

  • वर्ष 2016 से आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा संचालित स्वच्छ सर्वेक्षण, स्वच्छ भारत मिशन-शहरी (SBM-U) के तहत दुनिया का सबसे बड़ा शहरी स्वच्छता और सफाई सर्वेक्षण है।
  • स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार स्वच्छ सर्वेक्षण के तहत शहरों और शहरी स्थानीय निकायों (ULBs) को दी जाने वाली वार्षिक रैंकिंग तथा मान्यताएँ हैं।
  • इसका उद्देश्य नागरिक भागीदारी को बढ़ावा देना, स्वच्छता के बारे में जागरूकता बढ़ाना और प्रदर्शन बेंचमार्किंग के माध्यम से प्रतिस्पर्द्धी संघवाद को बढ़ावा देना है।
  • स्वच्छ सर्वेक्षण 2025: 
    • स्वच्छ सर्वेक्षण 2025 (9वें संस्करण) के संशोधित ढाँचे के तहत, संकेतकों को सरल बनाया गया है और 10 व्यापक खंडों में पुनर्गठित किया गया है।
    • वर्ष 2025 के लिये वार्षिक थीम "रिड्यूस, रीयूज़, रीसायकल (3R)" है, जो 12वें क्षेत्रीय 3R और सर्कुलर इकोनॉमी फोरम (मार्च 2025) में अपनाए गए जयपुर घोषणा-पत्र के अनुरूप सर्कुलर इकोनॉमी सिद्धांतों को बढ़ावा देता है।

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