उत्तर प्रदेश
महिला आर्थिक सशक्तीकरण (WEE) सूचकांक
- 21 Jul 2025
- 6 min read
चर्चा में क्यों?
योजना विभाग द्वारा विकसित नवीनतम महिला आर्थिक सशक्तीकरण (WEE) सूचकांक, उत्तर प्रदेश में महिलाओं की आर्थिक भागीदारी को बढ़ाने की दिशा में हुई महत्त्वपूर्ण प्रगति को दर्शाता है।
मुख्य बिंदु
WEE सूचकांक के बारे में
- परिचय:
- यह योजना विभाग और उदयती फाउंडेशन की एक महत्त्वपूर्ण रिपोर्ट है, जिसका उद्देश्य महिला-उन्मुख सरकारी योजनाओं के प्रभाव का मूल्यांकन करना तथा राज्य में लिंग-समावेशी और डाटा-आधारित नीति निर्माण को प्रोत्साहित करना है।
- WEE सूचकांक की संरचना: यह सूचकांक राज्य के सभी 75 ज़िलों का मूल्यांकन निम्नलिखित पाँच प्रमुख मानकों के आधार पर करता है:
- उद्यमिता
- रोज़गार
- शिक्षा एवं कौशल विकास
- आजीविका
- सुरक्षा एवं परिवहन अवसंरचना
- इन श्रेणियों में प्रदर्शन मापने के लिये 15 विभागों से प्राप्त 49 संकेतकों का विश्लेषण किया जाता है।
- ज़िला वर्गीकरण: ज़िलों को WEE सूचकांक में उनके प्रदर्शन के आधार पर वर्गीकृत किया गया:
- 'चैंपियंस': इन ज़िलों ने प्रभावी सरकारी योजनाओं, महिलाओं की सक्रिय भागीदारी और संरचनात्मक समर्थन के कारण अच्छे परिणाम प्रदर्शित किये हैं।
- इन ज़िलों की महिलाएँ उद्यमिता, शिक्षा और रोज़गार के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही हैं।
- इस सूची में शामिल हैं: लखनऊ, कानपुर नगर, वाराणसी, झाँसी, सुल्तानपुर, गौतम बुद्ध नगर, प्रयागराज, अयोध्या, सोनभद्र, रायबरेली, गोरखपुर, देवरिया, अंबेडकर नगर, आगरा, गाज़ियाबाद।
- 'लीडर': इन ज़िलों ने अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन इन्हें अपनी गति बनाए रखने की ज़रूरत है।
- इस सूची में शामिल हैं: प्रतापगढ़, मुरादाबाद, बाराबंकी, अलीगढ़, बरेली।
- 'प्रतियोगी': इन ज़िलों ने कुछ प्रगति दिखाई है, लेकिन अभी भी अधिक प्रयासों की आवश्यकता है, विशेष रूप से कौशल प्रशिक्षण और रोज़गार के अवसरों के क्षेत्र में।
- इस सूची में शामिल हैं: गाज़ीपुर, जालौन, मुज़फ्फरनगर, बुलंदशहर।
- 'आकांक्षी': इन ज़िलों को ज़मीनी स्तर पर जागरूकता, शिक्षा, सुरक्षा और स्वरोज़गार जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इन मुद्दों के समाधान के लिये विशेष अभियान चलाए जाएंगे।.
- इस सूची में शामिल हैं: चंदौली, बागपत, अमरोहा, बदायूं, सीतापुर, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, महोबा, संभल, श्रावस्ती।
- 'चैंपियंस': इन ज़िलों ने प्रभावी सरकारी योजनाओं, महिलाओं की सक्रिय भागीदारी और संरचनात्मक समर्थन के कारण अच्छे परिणाम प्रदर्शित किये हैं।
- सूचकांक की मुख्य अंतर्दृष्टि:
- शिक्षा एवं कौशल विकास: शिक्षा एवं कौशल विकास कार्यक्रमों में महिलाओं की भागीदारी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
- व्यावसायिक प्रशिक्षण, मिशन शक्ति, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना और स्वच्छ भारत मिशन जैसी सरकारी पहलों ने सुरक्षा, सामाजिक जागरूकता और गतिशीलता को बढ़ाकर महिलाओं को सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाया है।
- सार्वजनिक परिवहन समावेशन: सार्वजनिक परिवहन में महिलाओं को ड्राइवर और कंडक्टर के रूप में भर्ती करने की योजना ने महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता और गतिशीलता को प्रोत्साहन दिया है।
- कार्यान्वयन योग्य उपाय
- WEE सूचकांक का एकीकरण: WEE सूचकांक को मुख्यमंत्री कंट्रोल रूम से जोड़ा जाएगा ताकि वास्तविक समय में निगरानी की जा सके। यह नीति निर्माण और विभिन्न विभागों में परिणामों की ट्रैकिंग के लिये एक आधार उपकरण के रूप में कार्य करेगा।
- विभागीय योजनाएँ: सभी विभागों को महिला सशक्तीकरण पर केंद्रित कार्यान्वयन योग्य योजनाएँ तैयार करने तथा राज्य स्तरीय योजनाओं के प्रभाव को स्थानीय स्तर पर लागू करने हेतु ज़िला-स्तरीय रणनीतियाँ बनाने के निर्देश दिये गए हैं।
- लक्ष्यित अभियान: बाँदा, जालौन, जौनपुर, महोबा, श्रावस्ती और सीतापुर जैसे ज़िलों में ODOP मार्जिन मनी योजना के तहत महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिये विशेष अभियान चलाए जाएंगे।
- भर्ती अभियान: होम गार्ड और शिक्षकों की भर्ती में महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी, जैसा कि पुलिस भर्ती के सफल मॉडल में देखा गया।
- महिला कार्यबल में भागीदारी का विस्तार: महिलाओं के लिये तकनीकी संस्थानों, व्यावसायिक कार्यक्रमों तथा कौशल प्रशिक्षण केंद्रों में नामांकन बढ़ाने के प्रयास किये जाएंगे।
- री-एनरोलमेंट यूनिट्स की स्थापना की जाएगी ताकि कोर्स बीच में छोड़ चुकी महिलाओं को पुनः नामांकित किया जा सके।
- स्वास्थ्य क्षेत्र में करियर हेतु सहयोग: पैरामेडिकल संस्थानों का विकास कर महिलाओं को स्वास्थ्य एवं सेवा क्षेत्र में करियर के लिये प्रोत्साहित किया जाएगा।
- सार्वजनिक परिवहन में भूमिका: महिलाओं को चालक और परिचालक के रूप में परिवहन क्षेत्र में शामिल करने हेतु विशेष प्रशिक्षण और सहायता सुविधाएँ प्रदान की जाएंगी।