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मध्य प्रदेश आबकारी अधिनियम (संशोधन) विधेयक, 2021

  • 04 Aug 2021
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

3 अगस्त, 2021 को मध्य प्रदेश में आबकारी संबंधी अपराधों को हतोत्साहित करने की दृष्टि से विभिन्न प्रकार के अपराध पर अधिरोपित होने वाली शास्ति दण्ड तथा फाईन में वृद्धि करने के लिये मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम (संशोधन) विधेयक [Madhya Pradesh Excise Act (Amendment) Bill] , 2021 का अनुमोदन किया गया।

प्रमुख बिंदु

  • इसमें मुख्यत: धारा 49 (A) के अंतर्गत जहरीली शराब से संबंधित अपराधों के लिये दंड का प्रावधान किया गया है।
  • यदि जहरीली शराब के सेवन से किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो इस अपराध के लिये दोषी को आजीवन कारावास या मृत्युदंड और न्यूनतम 20 लाख रुपए तक का जुर्माना का प्रावधान किया गया है।
  • संशोधन विधेयक में मानवीय उपयोग के लिये अनुपयुक्त अपमिश्रित मंदिरा सेवन से शारीरिक क्षति होने पर पहली बार में न्यूनतम 2 वर्ष और अधिकतम 8 वर्ष तक का कारावास और न्यूनतम 2 लाख रुपये तक का जुर्माना तथा दूसरी बार अपराध करने पर न्यूनतम 10 वर्ष और अधिकतम 14 वर्ष तक का कारावास और न्यूनतम 10 लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है।
  • इसी तरह मानवीय उपयोग के लिये अनुपयुक्त अपमिश्रित मदिरा मिलने पर पहली बार में न्यूनतम 6 माह और अधिकतम 6 वर्ष तक का कारावास और न्यूनतम 1 लाख रुपए तक का जुर्माना तथा दूसरी बार अपराध करने पर न्यूनतम 6 वर्ष और अधिकतम 10 वर्ष तक का कारावास और न्यूनतम 5 लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
  • किसी आबकारी अधिकारी द्वारा किसी भी ऐसे व्यक्ति को जो अधिनियम के अंतर्गत कर्त्तव्य निष्पादन में बाधा डाले या हमला करे, उसे गिरफ्तार किया जा सकेगा।
  • मध्य प्रदेश में महुआ आधारित शराब को मुख्य धारा में लाने के लिये उसे हैरिटेज (पारम्परिक) मदिरा का दर्जा दिये जाने का निर्णय लिया गया है। इससे नियंत्रित निर्माण एवं विक्रय के लिये विभाग द्वारा नियम निर्धारित किये जाएंगे। इससे महुआ से निर्मित मदिरा के लघु उद्योग प्रोत्साहित होंगे। अधिनियम में पहले से प्रावधानित आदिवासियों के अधिकार यथावत सुरक्षित रखे जायेंगे।
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