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उत्तर प्रदेश

केन्या में निद्रा रोग का उन्मूलन

  • 11 Aug 2025
  • 14 min read

चर्चा में क्यों?

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने आधिकारिक रूप से केन्या को मानव अफ्रीकी ट्रिपानोसोमायसिस, जिसे आमतौर पर निद्रा रोग के नाम से जाना जाता है, से मुक्त प्रमाणित किया है।

  • इस उपलब्धि के साथ, केन्या विश्व स्तर पर इस रोग को समाप्त करने वाला दसवाँ देश बन गया है।
  • यह केन्या में समाप्त किया गया दूसरा उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग है; इससे पहले वर्ष 2018 में देश को WHO द्वारा गिनी कृमि रोग मुक्त प्रमाणित किया गया था।

मुख्य बिंदु 

निद्रा रोग के बारे में:

  • निद्रा रोग त्सेत्से मक्खियों द्वारा प्रसारित प्रोटोजोआ परजीवियों के कारण होता है।
  • इस रोग के प्रारंभिक लक्षणों में बुखार, सिरदर्द और जोड़ों में दर्द शामिल हैं।
  • उन्नत चरणों में रोगी को तंत्रिका संबंधी प्रभाव, नींद के पैटर्न में व्यवधान, भ्रम और व्यवहारिक परिवर्तन की समस्या होती है।
    • निद्रा रोग उप-सहारा अफ्रीका में स्थानिक है।
  • निद्रा रोग से मानव और मवेशियों दोनों की उत्पादकता में उल्लेखनीय कमी आती है, विशेषकर पूर्वी अफ्रीका के मासाई जनजाति द्वारा पाले जाने वाले ज़ेबू मवेशियों में।

भारत द्वारा रोग का उन्मूलन

  • भारत ने चेचक (1980), पोलियो (2014), प्लेग, रिंडरपेस्ट (मवेशी प्लेग), यॉज और मातृ एवं नवजात टेटनस (2015), ट्रेकोमा (2024) का उन्मूलन कर दिया है।
    • भारत को वर्ष 2000 में विश्व स्वास्थ्य संगठन से गिनी कृमि रोग मुक्त प्रमाणन का दर्जा प्राप्त हुआ।

भारत में उन्मूलन के लिये लक्षित रोग

  • मलेरिया: वर्ष 2030 तक देश में स्थानीय संक्रमण के शून्य मामले लाना।
  • लिंफैटिक फाइलेरियासिस (LF): स्थानिक क्षेत्रों में <1% माइक्रोफाइलेरिया दर प्राप्त करना (2030 तक उन्मूलन)।
  • कालाज़ार: ब्लॉक स्तर पर प्रति 10,000 जनसंख्या पर 1 से कम वार्षिक मामले दर्ज करना।
    • प्रमाणीकरण के लिये 3 वर्ष तक निरंतर निष्कासन की आवश्यकता होती है।
  • टीबी (Tuberculosis): राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम (NTEP) के तहत वर्ष 2025 तक टीबी समाप्त करना।

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