उत्तर प्रदेश
आगरा में शिवाजी स्मारक
- 11 Aug 2025
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चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश सरकार ने आगरा के कोठी मीना बाज़ार में छत्रपति शिवाजी महाराज को समर्पित स्मारक निर्माण की अपनी योजना को आधिकारिक रूप से घोषित किया है, जो पर्यटन और सांस्कृतिक एकता को बढ़ावा देने में एक महत्त्वपूर्ण कदम है।
मुख्य बिंदु
- परियोजना के बारे में:
- उत्तर प्रदेश सरकार इस परियोजना का पूर्ण वित्तपोषण करेगी, इसमें कोई बाहरी सहयोग नहीं लिया जाएगा।
- परियोजना का निर्माण उत्तर प्रदेश पर्यटन विकास निगम द्वारा किया जाएगा।
- सरकार सांस्कृतिक और ऐतिहासिक सटीकता सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए स्मारक तथा संग्रहालय पर काम शुरू करने की तैयारी कर रही है।
- आगरा के प्रमुख स्मारक और उनके निर्माता
- आगरा की स्थापना लोदी वंश के सुल्तान सिकंदर लोदी ने 1504 में की थी।
- आगरा किला
- निर्माता: अकबर (प्रारंभिक निर्माण), शाहजहाँ (प्रमुख संरचनाएँ)
- प्रमुख इमारतें:
- मोती मस्जिद: शाहजहाँ द्वारा निर्मित
- दीवान-ए-आम (जनता के लिये हॉल): शाहजहाँ द्वारा निर्मित
- दीवान-ए-खास (निजी दर्शकों का हॉल): शाहजहाँ द्वारा निर्मित
- जहाँगीरी महल: अकबर द्वारा निर्मित
- शीश महल (तुर्की स्नानगृह): शाहजहाँ द्वारा निर्मित
- उद्यान: चारबाग शैली में निर्मित, मुगल वास्तुकला की विशिष्टता
- एत्मादुद्दौला का मकबरा
- निर्माता: नूरजहाँ (जहाँगीर की पत्नी)
- विशिष्टता: पूरी तरह से सफेद संगमरमर से बनी पहली मुगल संरचना।
- ताजमहल (यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल)
छत्रपति शिवाजी महाराज
- 19 फरवरी 1630 को पुणे के शिवनेरी किले में जन्मे, भोंसले वंश के एक दूरदर्शी शासक और मराठा साम्राज्य के संस्थापक थे, जिन्हें मुगल साम्राज्य का विरोध करने तथा स्वशासन के लिये प्रयास करने के लिये जाना जाता है।
- प्रमुख युद्ध: प्रतापगढ़ का युद्ध, पवन खिंड का युद्ध, सूरत की लूट, पुरंदर का युद्ध, सिंहगढ़ का युद्ध और संगमनेर का युद्ध।
- वाघ नख का उपयोग: शिवाजी ने वर्ष 1659 में प्रतापगढ़ की लड़ाई में अफज़ल खान को मारने के लिये वाघ नख का उपयोग किया था।
- उपाधियाँ: छत्रपति, शाककर्त्ता, क्षत्रिय कुलवंत, और हैंदव धर्मोद्धारक।
- प्रशासन: अष्टप्रधान (आठ मंत्रियों की परिषद) के साथ केंद्रीकृत प्रशासन, जागीरदारी प्रणाली को समाप्त कर दिया, रैयतवाड़ी प्रणाली को लागू किया और तटीय रक्षा के लिये एक मज़बूत नौसेना बल का निर्माण किया।
- रणनीति: शिवाजी अपनी नवीन गुरिल्ला युद्ध रणनीति के लिये प्रसिद्ध हैं, जिसने परवर्ती शासकों को प्रभावित किया और मराठा सैन्य परिदृश्य को आकार दिया।