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झारखंड

झारखंड गौरव सम्मान

  • 28 Aug 2023
  • 12 min read

चर्चा में क्यों?

26 अगस्त, 2023 को झारखंड के सबसे प्रतिष्ठित, विश्वसनीय व लोकप्रिय समाचार-पत्र ‘प्रभात खबर’ने प्रदेश का मान बढ़ाने वाले 26 लोगों को ‘झारखंड गौरव सम्मान’ से नवाजा।

प्रमुख बिंदु

  • राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन और झारखंड विधानसभा के स्पीकर रबींद्र नाथ महतो ने इन्हें सम्मानित किया।
  • ‘झारखंड गौरव सम्मान’ से सम्मानित व्यक्ति-
    • पर्यावरणविद् जगदीश महतो - ‘ट्री मैन’ के उपनाम से प्रसिद्ध बोकारो ज़िले के कसमार प्रखंड स्थित हिसीम निवासी वन आंदोलनकारी जगदीश महतो ने तमाम विपरीत परिस्थितियों में भी झारखंड के लगभग साढ़े चार सौ वनों का संरक्षण और संवर्धन किया है।
    • लेखक-कवि नीलोत्पल मृणाल - दुमका के नोनीहाट के रहने वाले नीलोत्पल को वर्ष 2016 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। लेखक, कवि, गायक, सामाजिक कार्यकर्त्ता और सोशल एक्टिविस्ट हैं। उनकी किताबों में डार्क हॉर्स, औघड़ और यार जादूगर बेस्ट सेलर में शुमार रहीं हैं।
    • निरंजन प्रसाद सिंह (बाबू) - राजनीति में सुचिता की मिसाल रहे निरंजन बाबू 1967 में पहली बार जनसंघ पार्टी से चांपारण विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने। उस वक्त उनकी उम्र 29 वर्ष थी। 1972 में दूसरी बार कॉन्ग्रेस पार्टी से बरही विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने, फिर 1980 और 1985 में विधायक बने।
    • इम्तियाज हुसैन - इम्तियाज अहमद धनबाद ही नहीं, बल्कि झारखंड में क्रिकेट के बड़े कोच हैं। वे 12 वर्षों तक झारखंड क्रिकेट टीम के मैनेजर रहे। टिस्को से वीआरएस लेकर उन्होंने वर्ष 1999 से बच्चों को कोचिंग देना शुरू किया। उनके शिष्यों में अंतर्राष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेटर शाहबाज नदीम, रणजी खिलाड़ी सीएम झा, सत्य प्रकाश, आमिर हाशमी, राहुल प्रसाद व कुंजन शरण शामिल हैं।
    • गुरु सुशांत महापात्र - गुरु सुशांत महापात्र सरायकेला छऊ के मुखौटा कलाकार हैं। उनकी पहचान देश-विदेश में अच्छे छऊ मुखौटा कलाकार के रूप में है। वर्ष 1925 में सुशांत महापात्र के बड़े पिताजी प्रसन्न कुमार महापात्र ने सरायकेला शैली छऊ के लिये पहला आधुनिक मुखौटा तैयार किया था। सुशांत महापात्र ने आठ वर्ष की उम्र में ही अपने बड़े पिताजी (गुरु प्रसन्न महापात्र) से मुखौटा बनाने का गुर सीखा। इसके बाद इस मुखौटा का प्रचलन बढ़ने लगा और अब यही मुखौटा सरायकेला शैली छऊ नृत्य की पहचान बन गयी है।
    • मोहम्मद खालिद - पिछले 20 वर्षों से सभी धर्म के अज्ञात लावारिस शवों का अंतिम संस्कार अलग-अलग धार्मिक रीति-रिवाज से करते हैं। कोरोना के समय राँची और हज़ारीबाग में शवों का अंतिम संस्कार बड़े पैमाने पर किया। राँची के रिम्स मुर्दाघर में पड़े लावारिस शवों का वर्ष 2010 से 2016 के बीच अंतिम संस्कार किया। पालतू कुत्तों की मौत के बाद उन्हें दफनाने का काम कर रहे हैं, पिछले 5 वर्षों से शहर में घूमने वाले असहाय एवं विक्षिप्त लोगों के बीच रोटी बाँट रहे हैं। मोटरसाइकिल में दो डब्बा में खाना रखते हैं और बाँटते चलते हैं।
    • असुंता टोप्पो - गुमला ज़िले के चैनपुर प्रखंड की असुंता टोप्पो नि:शक्त हैं। आर्थिक तंगी के बीच 1000 रुपए विकलांग पेंशन एवं बड़ी बहन की मदद से असुंता ने पीजी तक की पढ़ाई की। असुंता ने आर्थिक तंगी में भी पैरा थ्रो बॉल प्रतियोगिता में भारत के लिये स्वर्ण पदक जीता। अभी हाल ही में मलेशिया में भी देश के लिये गोल्ड मेडल जीता है।
    • कौशल किशोर जायसवाल - पलामू के डाली गाँव के रहने वाले कौशल किशोर जायसवाल पिछले 56 वर्षों से पर्यावरण संरक्षण अभियान चला रहे हैं। इस अभियान के तहत वह नि:शुल्क पौधा वितरित करते हैं। अब तक वह 50 लाख से अधिक पौधे बाँट चुके हैं। जायसवाल निजी खर्च पर विश्व का पहला पर्यावरण धर्म ज्ञान मंदिर का निर्माण अपने गाँव में करा रहे हैं। देश-विदेश में अब तक 50 से अधिक अवॉर्ड से सम्मानित हुए हैं।
    • आदित्य रंजन - भारतीय प्रशासनिक सेवा के वर्ष 2014 बैच के अधिकारी आदित्य रंजन मूलरूप से बोकारो के हैं। कोडरमा में उपायुक्त के रूप में पदस्थापन के दौरान स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम किया। ‘रेल’ नाम की एक परियोजना शुरू की। इस कारण आठवीं से लेकर 12वीं तक की परीक्षा में कोडरमा ज़िला हर परीक्षा में राज्य में अव्वल रहा। कोडरमा ज़िले में इनके द्वारा शुरू किये गए ‘रेल’ मॉडल को राज्य सरकार ने सभी ज़िलों में लागू करने का निर्णय लिया है।
    • फादर अजीत खेस - फादर अजीत खेस रोमन कैथोलिक चर्च की सोसाइटी ऑफ जीसस, राँची प्रोविंस के प्रोविंशियल सुपीरियर हैं। इससे पूर्व संत जेवियर्स स्कूल, डोरंडा के प्रिंसिपल थे। सोसाइटी ऑफ जीसस द्वारा राँची में संत जेवियर्स स्कूल, एक्सआरएसएस, एक्सआइपीटी, संत जेवियर्स कॉलेज, संत जॉन स्कूल, प्रभात तारा स्कूल धुर्वा, सहित कई शिक्षण संस्थान चलाए जा रहे हैं।
    • डॉ. विकास कुमार - रिम्स के न्यूरो सर्जरी विभाग में सेवा दे रहे डॉ. विकास कुमार युवा डॉक्टरों के लिये मिसाल हैं। सोशल मीडिया पर सक्रिय रहते और हमेशा गरीब मरीज़ों की सेवा के लिये तत्पर रहते हैं। वहीं, मेडिकल के क्षेत्र में हो रही नई-नई गतिविधियों से भी लोगों को अवगत कराते रहते हैं।
    • रिया तिर्की - राँची की रिया तिर्की जुलाई 2022 में फेमिना मिस इंडिया के टॉप फाइनलिस्ट में जगह बनाने वाली देश की पहली आदिवासी मॉडल हैं। प्रतियोगिता में उन्हें फेमिना मिस इंडिया झारखंड 2022 के खिताब से नवाजा गया था। इसके बाद से रिया लगातार आदिवासी बहुल इलाके की युवतियाँ, जो ग्लैमर वर्ल्ड को अपना सपना मानतीं हैं, को प्रशिक्षण दे रही हैं।
    • अतुल गेरा - स्वैच्छिक रक्तदान के क्षेत्र में अतुल्य योगदान के लिये अतुल गेरा प्रदेश में एक बड़ा नाम हैं। ‘लाइफ सेवर्स’ के संस्थापक अतुल रक्तदान शिविर लगाते हैं तथा युवाओं को इससे जोड़ते हैं।
    • मोनिका मुंडू - प्लेबैक सिंगर और अभिनेत्री मोनिका मुंडू ने देश भर की 12 भाषाओं में गाना गया है। ‘एमएस धोनी : द अनटोल्ड स्टोरी’फिल्म में भी इन्होंने काम किया है। ‘झारखंड कर छैला’इनकी पहली फिल्म है।
    • बिनीता सोरेन - सरायकेला की विनीता सोरेन माउंट एवरेस्ट को फतह करने वाली पहली आदिवासी महिला हैं। इन्होंने थार रेगिस्तान अभियान के तहत गुजरात के भुज से पंजाब के बाघा बॉर्डर तक करीब दो हज़ार किमी. की यात्रा भी की है।
    • सुखदेव उरांव - कांके के पार चट्टू निवासी सुखदेव उरांव खेती में नए-गए प्रयोग के लिये जाने जाते हैं।
    • सरोजिनी लकड़ा - सिपाही से आईपीएस तक का सफर तय करने वाली सरोजिनी अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र लातेहार के गारू प्रखंड से हैं। जर्मनी से ओलंपिक स्टडी में एमए की डिग्री हासिल की। खेल की बदौलत आउट आफ टर्न प्रमोशन करते हुए वर्ष 1991 में उन्हें इंस्पेक्टर बना दिया गया। वर्ष 2008 में वह डीएसपी बनीं और वर्ष 2023 में आईपीएस बनकर इतिहास रच दिया।
    • निशांत कुमार- राँची के बूटी मोड़ में निशांत कुमार ने स्टार्टअप ‘किंग फिशरीज’का वर्ष 2018 में शुरुआत की। वर्तमान में एक्वा कल्चर एशिया का पहला सबसे बड़ा कॉमर्शियल एक्वा फार्म बन चुका है। निशांत ने मत्स्यपालन की पाँच पद्धतियाँ विकसित की हैं। इनमें पाँड कल्चर, आरएफएफ, पेन कल्चर, बायोफ्लॉक, आरएएस और जलाशय पद्धति शामिल हैं।
    • रणेंद्र कुमार - साहित्यकार रणेंद्र कुमार डॉ. रामदयाल मुंडा जनजातीय कल्याण अनुसंधान संस्थान के निर्देशक हैं। उन्हें साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगादान के लिये प्रेमचंद स्मृति सम्मान, प्रथम विमला देवी स्मृति सम्मान समेत कई अन्य सम्मान मिल चुके हैं।
    • विजय पाठक – इंद्रपुरी, राँची के विजय पाठक ने सामाजिक सरोकार की दिशा में पहल करते हुए रोटी बैंक की स्थापना की है।
    • आयुष बथवाल और अनिरुद्ध शर्मा - राँची के आयुष बथवाल और अनिरुद्ध शर्मा ने कोरोना के बाद थर्ड वेव कॉफी नाम से चेन शुरू किया। आज देश भर में 100 से अधिक प्रतिष्ठान खुल चुके हैं।
    • आदर्श मानपुरिया - राँची के युवा आदर्श मानपुरिया होटल चैन फैब होटल्स के संस्थापक हैं। फोर्ब्स मैंगजीन ने उनको एशिया में 30 वर्ष से कम आयु के 30 सबसे सफल स्टार्टअप उद्यमियों की सूची में जगह दी थी।
    • पदमचंद जैन - अपर बाज़ार के हॉर्डवेयर व्यवसायी 79 वर्षीय पदमचंद जैन गरीबों की अंत्येष्टि का खर्च वहन करते हैं।
    • एमेल्डा एक्का - पुलिसकर्मी एमेल्डा एक्का ने 400 मीटर रिले में कई रिकॉर्ड बनाए। 2023 में इन्हें आईपीएस के पद पर पदोन्नत किया गया।
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