राष्ट्रीय करेंट अफेयर्स
मानव अधिकार दिवस
- 09 Dec 2025
- 18 min read
चर्चा में क्यों?
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 10 दिसंबर, 2025 को भारत मंडपम नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के मानवाधिकार दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित होंगी।
मुख्य बिंदु
- दिवस के बारे में:
- मानवाधिकार दिवस, जो प्रतिवर्ष 10 दिसंबर को मनाया जाता है, न्याय शांति तथा समानता की आधारशिला के रूप में मानवाधिकारों के महत्त्व को रेखांकित करता है।
- ऐतिहासिक महत्त्व:
- मानवाधिकार दिवस की स्थापना वर्ष 1950 में मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा (UDHR) के उपलक्ष्य में की गई थी, जिसे 10 दिसंबर, 1948 को संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंगीकृत किया गया था और जिसमें सभी व्यक्तियों के लिये मौलिक मानवाधिकारों की रूपरेखा निर्धारित की गई थी।
- वर्ष 2006 में स्थापित संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद, अपने 47 सदस्य देशों (भारत सहित) के माध्यम से वैश्विक मानवाधिकार संरक्षण को सुदृढ़ करती है तथा उल्लंघनों और आपात परिस्थितियों से निपटने हेतु कार्य करती है।
- परिषद का सचिवालय मानवाधिकार उच्चायुक्त का कार्यालय (OHCHR) है, जो ज़िनेवा स्विट्ज़रलैंड में स्थित है।
- समर्थन और कार्रवाई:
- यह दिवस घृणास्पद भाषण, भ्रांत सूचना तथा मानवाधिकारों के हनन का सामना करने के लिये सामूहिक प्रयासों का आह्वान करता है और समानता सहित निगरानीहीन भेदभाव-रहित व्यवस्था को प्रोत्साहित करता है।
- मानवाधिकार और भारत:
- भारतीय संविधान मौलिक अधिकारों (भाग III) तथा राज्य-नीति के निदेशक तत्त्वों (भाग IV) के माध्यम से मानवाधिकारों की संवैधानिक सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
- प्रस्तावना का न्याय स्वतंत्रता समानता तथा बंधुत्व के प्रति संकल्प, UDHR की भावना का प्रतिरूप प्रस्तुत करता है।
- राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) जिसकी स्थापना मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के तहत की गई थी, देश में मानवाधिकारों के अनुपालन की निगरानी करता है।
- थीम:
- NHRC “एंश्योरिंग एवरीडे एसेंशियल्स: पब्लिक सर्विसेज एंड डिग्निटी फॉर ऑल” शीर्षक से एक राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित कर रहा है जो संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार दिवस की थीम “एवरीडे एसेंशियल्स” के अनुरूप है।
- वार्ता:
- दो विषयगत सत्र “बेसिक अमेनिटीज़ टू ऑल: ए ह्यूमन राइट्स एप्रोच” तथा “एंश्योरिंग पब्लिक सर्विसेज एंड डिग्निटी फ़ॉर ऑल” में वरिष्ठ अधिकारियों और विशेषज्ञों द्वारा सेवा-प्रदायन में विद्यमान अंतरालों और समाधान पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
