राजस्थान
राजस्थान में बाल विवाह विरोधी अभियान
- 08 Dec 2025
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चर्चा में क्यों?
एक नागरिक समाज नेटवर्क ने राजस्थान के 38 उच्च-जोखिम वाले ज़िलों की पहचान की है, जहाँ पूरे वर्ष तक चलने वाले अभियान के माध्यम से बाल विवाह को समाप्त करने के लिये सामुदायिक सक्रियता और कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
मुख्य बिंदु
- पूर्व सफलता: जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रन (JRC) नेटवर्क, 17 साझेदार संगठनों के साथ काम करते हुए, पिछले वर्ष राजस्थान में 22,480 बाल विवाहों को रोकने में सफल रहा।
- सरकारी सहायता: यह पहल राज्य सरकार के प्रयासों को पूरक करेगी, जिसमें पंचायत स्तर के संसाधनों का उपयोग करके दूरदराज के गाँवों में जागरूकता अभियान का विस्तार किया जाएगा।
- उच्च-प्रसार क्षेत्र: चयनित ज़िलों को राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 (NFHS-5) 2019-21 के आँकड़ों के आधार पर उच्च-प्रसार क्षेत्रों के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
- सामुदायिक सहभागिता: JRC बाल विवाह को बच्चों के विरुद्ध अपराध बताते हुए, इसे सामूहिक रूप से समाप्त करने हेतु सामुदायिक समूहों, धार्मिक नेताओं, पंचायतों तथा नागरिकों की भागीदारी पर ज़ोर देता है।
- सहयोगात्मक कार्रवाई: राजस्थान सरकार ने स्वास्थ्य, पंचायती राज, ग्रामीण विकास, शिक्षा तथा उच्च शिक्षा विभागों के अधिकारियों को बाल-विवाह विरोधी अभियान को सक्रिय समर्थन एवं सुदृढ़ करने के लिये निर्देश दिया है।
- राष्ट्रीय पहल:
- केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) के अनुरूप वर्ष 2030 तक बाल विवाह समाप्त करने के उद्देश्य से 100 दिवसीय राष्ट्रव्यापी आंदोलन शुरू किया है।
- राज्य सांख्यिकी:
- राजस्थान में बाल विवाह का कुल प्रचलन 25.4% है, जो राष्ट्रीय औसत 23.3% से थोड़ा अधिक है।
- चित्तौड़गढ़ और भीलवाड़ा में यह दर 40% से अधिक है, जबकि नौ ज़िले, जिनमें झालावाड़, टोंक, सवाई माधोपुर और अलवर शामिल हैं, में यह दर 30% से अधिक है।
- अन्य नौ ज़िले 23%–29.9% सीमा में आते हैं, जो पूरे राज्य में व्यापक संवेदनशीलता को दर्शाता है।