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हरियाणा खेती मासिक पत्रिका ‘श्रीअन्न’विशेषांक का विमोचन

  • 23 May 2023
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

21 मई, 2023 को अंतर्राष्ट्रीय पोषण अनाज वर्ष 2023 मनाने की कड़ी में हरियाणा के चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज ने हरियाणा खेती मासिक हिन्दी पत्रिका के ‘श्रीअन्न’विशेषांक का विमोचन किया।

प्रमुख बिंदु 

  • कुलपति ने बताया कि इस विशेषांक में पोषक अनाज वाली फसलें जैसे ज्वार, बाजरा, रागी, कंगनी, सांवक, छोटी कंगनी व कुटकी आदि के उत्पादन, महत्त्व, रख-रखाव, मूल्य-संवर्धन, खाद्य पदार्थ बनाने, स्वादिष्ट व्यंजन बनाने तथा स्वास्थ्य से संबंधित विशेष जानकारियाँ विशेषज्ञों द्वारा दिये गए लेखों के रूप में दी गई हैं, जिसका उद्देश्य सभी पाठकों को पोषक अनाजों व इनसे होने वाले फायदे से अवगत करवाना है।
  • विदित है कि विश्व में खाद्य सुरक्षा व पोषण को बढ़ावा देने के लिये भारत के आह्वान् पर देश अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष का नेतृत्व कर रहा है। भारत 8 करोड़ टन से अधिक उत्पादन के साथ मोटे अनाजों के लिये वैश्विक केंद्र बनने की ओर अग्रसर है।
  • रागी (फिंगर मिलेट) कैल्शियम व पोटेशियम का सबसे बेहतरीन स्रोत है, वहीं चेन्ना (प्रोसो मिलेट) और कुटकी (लिटिल मिलेट) विटामिन बी-6, फास्फोरस, फाइबर तथा एमिनो एसिड से भरपूर होते हैं।
  • कंगनी (फॉक्सटेल मिलेट) प्राचीन फसलों में से एक है तथा इसमें बीटा केरोटिन, विटामिन और खनिज तत्त्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। यह विशेष तौर पर बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिये लाभप्रद है।
  • कोडो मिलेट औषधीय गुणों से भरपूर है और यह कफ और पित्त दोष को शांत करता है तथा इसमें बैक्टीरिया व जलन रोधी गुण होने के कारण लाभप्रद है। इसको खून शोधक व तंत्रिका तंत्र को मजबूत रखने हेतु भी प्रयोग में लिया जाता है।
  • इनके अतिरिक्त सावंक व छोटी कंगनी भी पौष्टिक होने के साथ औषधीय गुणों से भरपूर हैं। 

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