हरियाणा
हरियाणा ने मज़दूरी और कार्य स्थितियों में संशोधन किया
- 05 Jul 2025
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चर्चा में क्यों?
हरियाणा सरकार ने अंशकालिक और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के लिये वेतन संरचना में संशोधन की घोषणा की है, जो 1 जनवरी 2025 से प्रभावी होगा, साथ ही आउटसोर्स कर्मचारियों के लिये अवकाश पात्रता और अनुबंध विस्तार को भी अद्यतन किया जाएगा।
मुख्य बिंदु
- संशोधित वेतन संरचना:
- दो वेतन स्लैब:
- 19,900 रुपए मासिक वेतन पाने वाले कर्मचारियों को अब 765 रुपए प्रतिदिन और 96 रुपए प्रति घंटा वेतन मिलेगा।
- इस स्लैब के अंतर्गत, यदि कोई अंशकालिक कर्मचारी पूरे महीने प्रतिदिन 1 घंटा कार्य करता है, तो उसे 2,487 रुपए प्राप्त होंगे।
- 24,100 रुपए मासिक वेतन वाले दूसरे स्लैब के कर्मचारी को 927 रुपए प्रतिदिन और 116 रुपए प्रति घंटा का पारिश्रमिक मिलेगा।
- इस श्रेणी का कर्मचारी पूरे महीने प्रतिदिन 1 घंटा कार्य करके 3,012 रुपए अर्जित करेगा।
- दो वेतन स्लैब:
- संशोधन का उद्देश्य:
- संशोधित संरचना का उद्देश्य हरियाणा कौशल रोज़गार निगम के माध्यम से नियोजित श्रमिकों के लिये मज़दूरी भुगतान को मानकीकृत करना और पारिश्रमिक में पारदर्शिता और निष्पक्षता को बढ़ावा देना है।
- हरियाणा सिविल सेवा (अवकाश) नियम, 2016 में परिवर्तन:
- ग्रुप-सी और ग्रुप-डी के नियमित सरकारी कर्मचारी, यदि उन्हें अधिसूचित सार्वजनिक अवकाश पर कार्य करना पड़े, तो वे अब प्रतिपूरक अवकाश के हकदार होंगे।
- यह प्रतिपूरक अवकाश कार्य किये गए अवकाश के एक माह के भीतर उपयोग किया जाना चाहिये।
- रोजगार अनुबंध का विस्तार:
- आउटसोर्सिंग नीति भाग-2 के तहत नियुक्त श्रमिकों का कार्यकाल 31 जुलाई 2025 तक बढ़ा दिया गया है।
- यह विस्तार विभिन्न सरकारी विभागों, बोर्डों और निगमों में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों पर लागू होता है।
हरियाणा कौशल रोज़गार निगम (HKRN)
- स्थापना और उद्देश्य: इसकी स्थापना 13 अक्तूबर 2021 को कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत की गई थी। HKRN हरियाणा में संविदा भर्ती के लिये आधिकारिक पोर्टल है जिसका उद्देश्य भर्ती में पारदर्शिता, निष्पक्षता तथा दक्षता सुनिश्चित करना है।
- संचालन निकाय: हरियाणा कौशल विकास और औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग द्वारा प्रबंधित।
- कार्य: विभिन्न सरकारी विभागों, बोर्डों, निगमों, सांविधिक निकायों तथा विश्वविद्यालयों के लिये ग्रुप B, C और D कर्मचारियों की भर्ती को केंद्रीकृत करना तथा अनियमितताओं पर अंकुश लगाने हेतु पहले की विभाग-विशिष्ट भर्ती व्यवस्था को प्रतिस्थापित करना।
- प्रमुख ज़िम्मेदारियाँ: संविदात्मक तथा डीसी दर कर्मचारियों पर डाटा एकत्र करना, स्टाफिंग अनुरोधों को संभालना, रिक्तियों का विज्ञापन करना, परीक्षण, साक्षात्कार या कौशल मूल्यांकन के माध्यम से भर्ती का प्रबंधन करना तथा उपयुक्त उम्मीदवारों की सिफारिश करना।
- मुख्य उद्देश्य: वंचित पृष्ठभूमि के उम्मीदवारों को सहायता प्रदान करना, समय पर वेतन भुगतान सुनिश्चित करना तथा राज्य आरक्षण नीति को लागू करना।