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फोर्टिफाइड चावल

  • 17 Sep 2021
  • 1 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में उत्तर प्रदेश के बरेली में राशन की दुकानों में मिलने वाले मोटे एवं पीले चावल को लेकर भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई, जिसके संदर्भ में भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (Food Safety and Standards Authority of India- FSSAI) द्वारा यह स्पष्ट किया गया कि यह फोर्टिफाइड चावल है, न कि प्लास्टिक चावल।

प्रमुख बिंदु

  • गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा कुपोषण के समाधान के लिये बाल विकास योजना, मध्याह्न भोजन योजना एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली में फोर्टिफाइड चावल वितरण किया जा रहा है।
  • इस फोर्टिफाइड चावल में विटामिन B2, B3 एवं आयरन जैसे तत्त्वों को समावेशित किया गया है।
  • FSSAI के अनुसार 50 किलोग्राम सामान्य चावल में एक किलोग्राम फोर्टिफाइड चावल मिश्रित किया जाता है।
  • राइस मीलों में चावल की पॉलिश के समय विटामिन B6, B3 एवं विटामिन E जैसे पोषक तत्त्वों की कमी हो जाती है। इस समस्या के समाधान के लिये सरकार द्वारा फोर्टिफाइड चावल के वितरण का निर्णय लिया गया है।
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