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झारखंड

फाइलेरिया उन्मूलन अभियान

  • 24 Aug 2021
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

23 अगस्त, 2021 को झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने राज्य के 12 फाइलेरिया प्रभावित ज़िलों में फाइलेरिया उन्मूलन अभियान का शुभारंभ किया। फाइलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में यह कार्यक्रम 23 अगस्त से 27 अगस्त, 2021 तक चलेगा।

प्रमुख बिंदु

  • झारखंड के स्वास्थ्य विभाग के राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत यह अभियान चलाया जा रहा है।
  • अभियान के दौरान राज्य के 11 ज़िलों- गिरिडीह, चतरा, दुमका, पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, गढ़वा, गोड्डा, हज़ारीबाग, खूंटी, लोहरदगा और राँची में लाभार्थियों को दो दवाएँ- डीईसी और एल्बेंडाजोल दी जाएंगी, जबकि सिमडेगा में लाभार्थियों को तीन दवाएँ- डीईसी, एल्बेंडाजोल और इवरमेक्टिन दी जाएंगी।
  • इस अभियान में बूथों पर और घर-घर जाकर लाभार्थियों को फाइलेरिया रोधी दवाएँ मुफ्त दी जाएंगी। दवाओं का वितरण कोविड-19 प्रोटोकॉल के अनुपालन में किया जाएगा।
  • उक्त 12 ज़िलों में से लगभग 1 करोड़, 78 लाख लक्षित लाभार्थियों को फाइलेरिया रोधी दवाएँ दी जाएंगी।
  • इस कार्यक्रम के तहत 1 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को फाइलेरियारोधी दवा नहीं दी जाएगी, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों तथा 1-2 साल के बच्चों को केवल एल्बेंडाजोल ही पिलाया जाएगा।
  • राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने इससे पहले भी 22-27 फरवरी, 2021 के दौरान फाइलेरिया उन्मूलन अभियान चार ज़िलों- साहिबगंज, बोकारो, धनबाद और रामगढ़ में चलाया था, जिसमें 70 लाख से अधिक लाभार्थियों को फाइलेरियारोधी दवाएँ दी गई थीं।
  • फाइलेरिया एक उष्णकटिबंधीय परजीवी रोग है, जो मच्छरों से फैलता है और लिम्फ नोड्स तथा लसीका वाहिकाओं को प्रभावित करता है। फाइलेरिया विकलांगता के प्रमुख कारणों में से एक है। फाइलेरिया के कारण पैरों में होने वाली असामान्य सूजन को आमतौर पर एलीफेंटियासिस कहा जाता है।
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