उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में हरित हाइड्रोजन उत्पादन केंद्र की स्थापना
- 29 Jul 2025
- 27 min read
चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश की नवीकरणीय ऊर्जा पहलों को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम के रूप में राज्य सरकार के एक प्रतिनिधिमंडल ने हाल ही में हरित हाइड्रोजन उत्पादन और ऊर्जा नवाचार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जापान का दौरा किया।
प्रमुख बिंदु
- ग्रीन हाइड्रोजन उत्कृष्टता केंद्र
- जापानी उद्यमियों ने उत्तर प्रदेश में ग्रीन हाइड्रोजन के लिये उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने पर सहमति व्यक्त की है, जो राज्य के नवीकरणीय ऊर्जा परिदृश्य में एक महत्त्वपूर्ण विकास को चिह्नित करता है।
- यह सहयोग अत्याधुनिक अनुसंधान, नवाचार और सतत् ऊर्जा समाधानों को अपनाने के लिये उत्प्रेरक का काम करेगा।
- शून्य-उत्सर्जन परिवहन पर ध्यान केंद्रित
- इस यात्रा के दौरान उत्तर प्रदेश प्रतिनिधिमंडल ने अगली पीढ़ी की तकनीकों का अवलोकन किया, जिसमें हाइड्रोजन ईंधन सेल पर आधारित टोयोटा मिराई वाहन प्रमुख रहा।
- यह वाहन हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के संयोजन से चलता है तथा उप-उत्पाद के रूप में केवल जल का उत्सर्जन करता है, जो राज्य की शून्य-उत्सर्जन परिवहन नीति के अनुरूप है।
- जापान की विशेषज्ञता से सीखना
- उत्तर प्रदेश प्रतिनिधिमंडल ने जापान के यामानाशी प्रांत में कई उन्नत सुविधाओं का दौरा किया, जैसे कि NESRAD ग्रीन हाइड्रोजन संयंत्र और संटोरी हाकुशू डिस्टिलरी, जहाँ पावर-टू-गैस तकनीक संयंत्र तथा हाइड्रोजन अनुसंधान केंद्र स्थित हैं।
- इन दौरों ने हाइड्रोजन उत्पादन और स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों में वैश्विक श्रेष्ठ मानकों की महत्त्वपूर्ण जानकारी प्रदान की।
- उत्तर प्रदेश के लिये निहितार्थ
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नवीकरणीय ऊर्जा विस्तार: ग्रीन हाइड्रोजन क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्वकर्ताओं के साथ यह साझेदारी राज्य में सौर, जलविद्युत और बायोमास सहित नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को बढ़ाएगी।
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प्रौद्योगिकीय उन्नति: जापानी हाइड्रोजन फ्यूल सेल तकनीक को अपनाने से स्वच्छ और सतत् परिवहन को बढ़ावा मिलेगा, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी आएगी और वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों के माध्यम से राज्य के स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों की पूर्ति में सहायता मिलेगी।
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आर्थिक वृद्धि एवं नवाचार: सेंटर ऑफ एक्सीलेंस उत्तर प्रदेश को नवीकरणीय ऊर्जा का केंद्र बनाएगा, जिससे निवेश आकर्षित होंगे, नवाचार को बढ़ावा मिलेगा और नये व्यवसायों एवं रोज़गार के अवसरों का सृजन होगा।
- उत्तर प्रदेश की नवीकरणीय ऊर्जा की स्थापित क्षमता
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प्रकार |
मेगावाट (30-06-2025 तक) |
हाइड्रो (बड़ी + लघु) |
551 |
सौर |
3427 |
हाइड्रोजन
- हाइड्रोजन ब्रह्मांड का सबसे अधिक प्रचुर मात्रा में पाया जाने वाला तत्त्व है, लेकिन पृथ्वी पर, द्रव्यमान के आधार पर यह पृथ्वी की भू-पर्पटी का केवल 0.14% है, जो 10वें सबसे प्रचुर तत्त्व के रूप में स्थान रखता है।
- हाइड्रोजन का प्रकार उसके निर्माण की प्रक्रिया पर निर्भर करता है:
- ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन नवीकरणीय ऊर्जा (जैसे सौर, पवन) का उपयोग करके पानी के इलेक्ट्रोलिसिस द्वारा किया जाता है। इसका कार्बन फुटप्रिंट कम होता है।
- इस प्रक्रिया में विद्युत धारा जल को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में विभाजित करती है।
- उप-उत्पाद: जल, जलवाष्प।
- ब्राउन हाइड्रोजन: इसका उत्पादन कोयले का उपयोग करके किया जाता है, जहाँ उत्सर्जन हवा में छोड़ दिया जाता है।
- ग्रे हाइड्रोजन: इसे प्राकृतिक गैस से तैयार किया जाता है और इसमें भी संबंधित उत्सर्जन वायुमंडल में छोड़े जाते हैं।
- ब्लू हाइड्रोजन: इसका उत्पादन भी प्राकृतिक गैस से होता है, किंतु इसमें उत्पन्न उत्सर्जन को कार्बन कैप्चर एंड स्टोरेज (CCS) तकनीक द्वारा संगृहीत किया जाता है, जिससे वातावरण में उत्सर्जन नहीं होता।