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छत्तीसगढ़

इको लर्निंग सेंटर दुधावा और इको पर्यटन स्थल कोडार का लोकार्पण

  • 09 Dec 2021
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

8 दिसंबर, 2021 को छतीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पर्यटन स्थल को बढ़ावा देने के लिये उत्तर बस्तर कांकेर में दुधावा डैम पर निर्मित इको लर्निंग सेंटर और महासमुंद ज़िले में कोडार जलाशय पर निर्मित इको पर्यटन स्थल का वर्चुअल लोकार्पण किया। 

प्रमुख बिंदु

  • मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे स्थानीय लोगों को रोज़गार भी उपलब्ध होगा। यह दोनों पर्यटन स्थल जन-सामान्य में वन्यजीव और जैव-विविधता की जानकारी देने के साथ ही पर्यावरण के प्रति जागरूकता पैदा करने में अवश्य सफल होंगे।
  • इको पर्यटक स्थल वन चेतना केंद्र कोडार में वर्तमान में पहुँच मार्ग उन्नयन, वाटर सप्लाई सिस्टम, मचान, ट्री हाउस, नेचर ट्रेल, बर्ड वाचिंग और मोटर बोट की सुविधा के विकास कार्य प्रगति पर हैं। पर्यटकों को लुभाने के लिये यहाँ वन परिवेश में रहने और साहसिक शिविर आयोजित करने की सुविधा उपलब्ध है।
  • उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा पुरातत्त्व निर्मित सिरपुर में मार्च 2021 में रामवनगमन पथ के अंतर्गत पर्यटन विकास के लिये की गई घोषणा के तहत वन चेतना केंद्र कोडार का विकास इको पर्यटन स्थल के रूप में किया गया है। 
  • वन चेतना केंद्र कोडार राजधानी रायपुर से 65 किलोमीटर, महासमुंद मुख्यालय से 17 किलोमीटर और सिरपुर नगरी से 20 मीटर की दूरी पर नेशनल हाईवे क्रमांक 53 पर स्थित है। यहाँ पर्यटकों की सुविधा के लिये एडवेंचर, मनोरंजन, स्वास्थ्य लाभ, संस्कृति पर्यावरण संचेतना और स्थानीय रोज़गार के विकास का अद्भुत समागम प्रस्तुत किया गया है। 
  • यहाँ पर्यटकों के ठहरने के लिये नाईट कैम्पिंग, कैम्प फॉयर एवं स्टार गेजिंग की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। मनोरंजन के लिये बॉलीवाल, नेट क्रिकेट, बैडमिंटन, कैरम, शतरंज, निशानेबाज़ी की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही नौका विहार, बैम्बू रॉफ्टिंग और पर्यटकों के स्वाल्पाहार के लिये स्थानीय छत्तीसगढ़ी व्यंजन और सुपाच्य भोजन की व्यवस्था उपलब्ध है। 
  • ऊँची-ऊँची पहाड़ियों के बीच से घिरे जलाशय स्थल पर सन्सेट देखने का सुकून भरा अनुभव, सेल्फी ज़ोन एवं फिशिंग का आनंद पर्यटकों द्वारा लिया जा सकेगा। 
  • इस केंद्र में ज़िले के स्व सहायता समूहों द्वारा बनाए गए उत्पादों और संजीवनी के उत्पादों के विक्रय की सुविधा का विकास भी किया जा रहा है। स्थल के समीप खल्लारी माता का मंदिर स्थित है, जहाँ पर्यटकों द्वारा दर्शन भी किया जा सकता है।
  • ज़िला खनिज न्यास संस्थान मद, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, विधायक निधि और वन विभाग के पर्यावरण वानिकी मद के अभिसरण से पोषित इस केंद्र में न्यूनतम निर्माण कार्य किये गए हैं। वनों की प्राकृतिक सुंदरता को बनाए रखते हुए जन सामान्य में वन चेतना का संचार करने का प्रयास किया जा रहा है।
  • कांकेर ज़िले के दुधावा जलाशय में स्थित इको लर्निंग सेंटर का संचालन वन प्रबंधन समिति द्वारा किया जाएगा।
  • यह पर्यटन स्थल मुख्यमंत्री की प्रेरणा के गढ़बो नवा कांकेर के रूप में विकसित किया गया है, जहां पर्यटकों के ठहरने, खान-पान के लिये रेस्टोरेंट, एडवेंचर के लिये दो मोटर बोट से शुरू किया जा रहा है।
  • इसके साथ ही यहां पर ट्रेकिंग की व्यवस्था भी की गई है। इस केंद्र में प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इस स्थल को इको पार्क के रूप में विकसित किया जाएगा।
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