दृष्टि आईएएस अब इंदौर में भी! अधिक जानकारी के लिये संपर्क करें |   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

State PCS Current Affairs


छत्तीसगढ़

चिराग परियोजना

  • 25 Nov 2021
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

24 नवंबर, 2021 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जगदलपुर में कुम्हरावंड स्थित शहीद गुंडाधूर कृषि महाविद्यालय परिसर में आयोजित कृषि मड़ई कार्यक्रम में विश्व बैंक की सहायता से संचालित होने वाली लगभग 1735 करोड़ रुपए लागत की ‘चिराग परियोजना’ का शुभारंभ किया। 

प्रमुख बिंदु 

  • मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर शासकीय महिला पॉलिटेक्निक धरमपुरा का नामकरण धरमू माहरा के नाम पर और बस्तर हाईस्कूल को जगतू माहरा के नाम पर करने की घोषणा की। इसके साथ ही उन्होंने जगतू माहरा के नाम पर भव्य सामुदायिक भवन बनाने की घोषणा की।
  • उन्होंने कहा कि ‘चिराग परियोजना’ छत्तीसगढ़ के बस्तर और सरगुजा संभाग सहित 14 ज़िलों में लागू की जाएगी। इस परियोजना के माध्यम से कृषि क्षेत्र में विकास के नए और विकसित तौर-तरीकों को बढ़ावा दिया जाएगा।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि चिराग परियोजना का मुख्य उद्देश्य जलवायु परिवर्तन के अनुसार उन्नत कृषि उत्तम स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से पोषण आहार में सुधार, कृषि और अन्य उत्पादों का मूल्य संवर्धन कर कृषकों को अधिक-से-अधिक लाभ दिलाना है। 
  • परियोजना के अंतर्गत लघुधान्य फसलें, समन्वित कृषि, जैविक खेती को प्रोत्साहन, भू-जल संवर्धन, उद्यानिकी फसलों, बाड़ी और उद्यान विकास, उन्नत मत्स्य और पशुपालन तथा दुग्ध उत्पादन के अतिरिक्त किसानों की उपज का मूल्य संवर्धन कर अधिक आय अर्जित करने के कार्य किये गए हैं। इसके अलावा विभिन्न कृषि उत्पादों के लिये बाज़ार उपलब्धता के भी प्रयास किये जाएंगे। 
  • परियोजना का क्रियान्वयन राज्य सरकार की सुराजी योजना के गोठानों को केंद्र में रखकर किया जाएगा।
  • इस परियोजना के लिये विश्व बैंक और संयुक्त राष्ट्र संघ की कृषि विकास हेतु स्थापित संस्था आईएफएडी ने वित्तीय सहायता दी है। विश्व बैंक द्वारा 730 करोड़ रुपए, आईएफएडी द्वारा 486.69 करोड़ रुपए की सहायता इस परियोजना के लिये दी गई है। राज्य सरकार ने इस परियोजना की कुल राशि में 30 प्रतिशत राशि (518.68 करोड़ रुपए) अपने राजकीय कोष से उपलब्ध कराई है। 
  • चिराग परियोजना को बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा, कांकेर, कोंडागांव, नारायणपुर, सुकमा, मुंगेली, बलौदाबाज़ार, बलरामपुर, जशपुर, कोरिया, सूरजपुर और सरगुजा ज़िलों के आदिवासी विकासखंडों में लागू किया जाएगा।  
  • मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कृषि महाविद्यालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम में कृषि एवं सहयोगी विभागों द्वारा लगाए गए स्टॉलों का (कृषि मेला) अवलोकन भी किया और यहाँ के प्रगतिशील किसानों से मुलाकात की। 
  • उन्होंने इस दौरान विभिन्न योजनाओं के तहत हितग्राहीमूलक सामग्री का वितरण भी किया। 
  • कृषि मेले में कृषि विज्ञान केंद्र-इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा लाई फोड़ाई मशीन, लघु धान्य फसल बुआई यंत्र, हल, मेंड़ बनाने का यंत्र, कोदो वीडर, पैडी वीडर, साईकिल व्हील, बस्तर कृषि उत्पाद का प्रदर्शन, लघुधान्य फसलों की विभिन्न किस्में, काजू प्रसंस्करण केंद्र आदि का प्रर्दर्शन किया गया। 
  • कृषि मड़ई में मछली पालन विभाग, नारियल विकास बोर्ड, छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) में हरीहर बाज़ार, डैनेक्स, पशुधन विकास विभाग, उद्यान विभाग, कृषि विकास एवं कृषि कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा विभिन्न उत्पादों, कृषि यंत्रों का प्रदर्शन किया गया।
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow