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हरियाणा

चंडीगढ़ और अनुच्छेद 240

  • 24 Nov 2025
  • 14 min read

चर्चा में क्यों?

गृह मंत्रालय (MHA) ने स्पष्ट किया है कि सरकार आगामी शीतकालीन सत्र में संविधान (131वाँ संशोधन) विधेयक, 2025 पेश नहीं करेगी। इस विधेयक में कथित तौर पर चंडीगढ़ को संविधान के अनुच्छेद 240 के अंतर्गत लाने का प्रस्ताव था।

मुख्य बिंदु

  • संविधान (131वाँ संशोधन) विधेय के बारे में:
  • अनुच्छेद 240 और चंडीगढ़ पर संभावित प्रभाव:
    • अनुच्छेद 240 राष्ट्रपति को उन केंद्रशासित प्रदेशों की शांति, प्रगति तथा सुशासन हेतु विनियम बनाने का अधिकार प्रदान करता है, जिनके पास अपनी विधानसभा नहीं है।
    • ऐसे किसी विनियम का प्रभाव संसद के अधिनियम के समान होता है, जिससे केंद्र को प्रत्यक्ष प्रशासनिक अधिकार प्राप्त हो जाते हैं।
    • चूँकि चंडीगढ़ में विधानसभा नहीं है, अतः इसे अनुच्छेद 240 के अंतर्गत लाना प्रशासनिक ढाँचे को बदल देगा—जहाँ वर्तमान में कानून संसद बनाती है, वहाँ भविष्य में शासन राष्ट्रपति के विनियमों से संचालित हो सकेगा।
  • संभावित प्रशासनिक परिवर्तन:
    • राष्ट्रपति या किसी प्रत्यायोजित प्राधिकारी के माध्यम से शासन के लिये विनियम जारी करना।
    • चंडीगढ़ के लिये एक पृथक उपराज्यपाल की नियुक्ति की संभावना, जिससे वर्तमान व्यवस्था (पंजाब के राज्यपाल को प्रशासक) में परिवर्तन आ सकता है।
  • चंडीगढ़ की शासन-व्यवस्था पंजाब पुनर्गठन अधिनियम, 1966 से निर्धारित होती है, अतः इसके शासन ढाँचे में किसी भी प्रकार का परिवर्तन संघीय संबंधों, राज्य अधिकारों तथा केंद्रशासित प्रदेशों की प्रशासनिक संरचना पर प्रभाव डाल सकता है।
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