बिहार
डॉ. राजेंद्र प्रसाद जयंती
- 04 Dec 2025
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चर्चा में क्यों?
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 3 दिसंबर, 2025 को राष्ट्रपति भवन में भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जयंती पर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की।
मुख्य बिंदु
- परिचय:
- डॉ. राजेंद्र प्रसाद का जन्म 3 दिसंबर, 1884 को जीरादेई, सीवान, बिहार में हुआ था और 28 फरवरी, 1963 को पटना में उनका निधन हो गया।
- वे अपने पीछे ऐसी विरासत छोड़ गए जो आज भी लाखों लोगों को प्रेरित करती है।
- जाति और अस्पृश्यता पर महात्मा गांधी के विचारों से गहराई से प्रभावित होकर, उन्होंने सादगी अपनाते हुए गांधीवादी मूल्यों पर आधारित जीवन व्यतीत किया।
- स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका:
- डॉ. प्रसाद ने वर्ष 1920 में स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल होने के लिये अपना विधिक करियर छोड़ दिया और वर्ष 1931 में नमक सत्याग्रह तथा वर्ष 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में शामिल होने के कारण कारावास दिया गया।
- उन्होंने वर्ष 1934 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के बंबई अधिवेशन की अध्यक्षता की और वर्ष 1939 में सुभाष चंद्र बोस के इस्तीफे के बाद कांग्रेस अध्यक्ष बने।
- संविधान निर्माण में भूमिका:
- उन्हें 1946 में संविधान सभा का अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
- उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज, प्रक्रिया नियम, वित्त एवं स्टाफ संबंधी समितियों की अध्यक्षता की।
- साहित्यिक कृतियाँ:
- चंपारण में सत्याग्रह (1922), इंडिया डिवाइडेड (1946), आत्मकथा (1946) और बापू के कदमों में (1954)।
- पुरस्कार:
- उन्हें 1962 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
- राष्ट्रपति पद:
- वर्ष 1950 में भारत के प्रथम राष्ट्रपति के रूप में पद ग्रहण किया और 12 वर्ष से अधिक समय तक कार्यभार संभाला। वह वर्ष 1952 एवं 1957 में सर्वसम्मति से दोबारा राष्ट्रपति का पद ग्रहण करने वाले एकमात्र राष्ट्रपति थे।