ध्यान दें:





State PCS Current Affairs


बिहार

बिहार के नए अधिवास नियम

  • 09 Jul 2025
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

बिहार सरकार ने सभी राज्य सरकार की नौकरियों में महिलाओं के लिये लागू 35% आरक्षण के तहत स्थानीय निवास नियम को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही, सरकार ने सरकारी नौकरियों के लिये निवास प्रमाण-पत्र आवश्यक न होने की पूर्व नीति को समाप्त कर दिया है।

मुख्य बिंदु

नए नियमों के बारे में:

  • नए नियम के लागू होने के बाद, बिहार की निवासी न होने वाली महिलाओं को अब सरकारी नौकरियों में 35% कोटा नहीं मिलेगा।
  • बिहार में निवास के लिये पात्रता मानदंड:
    • राज्य में कम-से-कम तीन वर्ष तक निवास किया हो,
    • राज्य में भूमि या मकान का स्वामित्व हो, या
    • महिलाओं के मामले में, वे बिहार निवासी पुरुष से विवाहित हों।
  • यद्यपि मतदाता पहचान-पत्र वांछनीय है, लेकिन अधिवास स्थापित करने के लिये अनिवार्य नहीं है।

बिहार में रोज़गार परिदृश्य:

  • बिहार में राज्य सरकार का कार्यबल अपेक्षाकृत छोटा है, जहाँ सार्वजनिक क्षेत्र में राज्य की कुल जनसंख्या के 1.57% से भी कम लोग कार्यरत हैं।

जून 2025 तक:

  • राज्य में 36,000 महिलाएँ पुलिस बल में कार्यरत थीं।
  • वर्ष 2007 से अब तक 2.5 लाख से अधिक महिला शिक्षकों की नियुक्ति की जा चुकी है।

बिहार में संरचनात्मक रोज़गार समस्याएँ:

  • नीति आयोग की मार्च 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, बिहार की अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि पर आधारित है, जिसमें:
  • इन आर्थिक व रोज़गार संबंधी चुनौतियों के कारण ही अधिवास-आधारित आरक्षण की माँग उत्पन्न हुई है।

बिहार युवा आयोग:

  • मंत्रिमंडल ने युवा रोज़गार और सशक्तीकरण से जुड़े मुद्दों के समाधान हेतु बिहार युवा आयोग के गठन को भी मंजूरी दी है।
  • आयोग में एक अध्यक्ष, दो उपाध्यक्ष और सात सदस्य होंगे, जिनकी आयु 45 वर्ष या उससे कम होगी।

कार्य:

  • आयोग राज्य सरकार को शिक्षा, रोज़गार और कौशल विकास को बेहतर बनाने के संबंध में सलाह देगा।
  • यह निम्नलिखित विभागों के साथ समन्वय करेगा:
    • युवाओं के लिये निजी क्षेत्र में रोज़गार को बढ़ावा देना।
    • छात्रों और प्रवासी मज़दूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करना।
    • नशामुक्ति और जागरूकता कार्यक्रम संचालित करना।

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2