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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 19 फरवरी, 2022

  • 19 Feb 2022
  • 7 min read

हरित हाइड्रोजन एवं अमोनिया नीति

हाल ही में केंद्र सरकार ने हरित हाइड्रोजन एवं अमोनिया नीति को अधिसूचित किया है, जिसमें अमोनिया निर्माताओं को बिजली एक्सचेंज से नवीकरणीय ऊर्जा खरीदने की पेशकश की गई है। यह नीति बिजली संयंत्रों को 15 दिनों के भीतर बिजली खरीदने के लिये स्वतंत्र पहुँच की अनुमति प्रदान करती है। साथ ही यह अमोनिया निर्माताओं को अपनी अप्रयुक्त नवीकरणीय ऊर्जा को 30 दिनों तक संरक्षित करने की भी अनुमति देती है। इस नीति का उद्देश्य सरकार को अपने जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने और भारत को हरित हाइड्रोजन हब बनाने में सहायता करना है। इससे वर्ष 2030 तक 50 लाख टन हरित हाइड्रोजन के उत्पादन के लक्ष्य को पूरा करने और नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता के विकास में मदद मिलेगी। सरकार ने इस अधिसूचना में कहा है कि हाइड्रोजन और अमोनिया को भविष्य के ईंधन के रूप में परिकल्पना की गई है, जो कि जीवाश्म ईंधन को प्रतिस्थापित कर देगा। गौरतलब है कि नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग करके इन ईंधनों का उत्पादन, जिसे हरित हाइड्रोजन और हरित अमोनिया कहा जाता है, पर्यावरण की दृष्टि से राष्ट्र की स्थायी ऊर्जा सुरक्षा की प्रमुख आवश्यकताओं में से एक है। यह नीति हरित हाइड्रोजन और अमोनिया क्षेत्र के लिये अनुकूल नियामक एवं सक्षम वातावरण बनाने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है। 

मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिवस

प्रतिवर्ष 19 फरवरी को देश भर में ‘मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिवस’ का आयोजन किया जाता है। गौरतलब है कि इसी दिन वर्ष 2015 को राजस्थान के सूरतगढ़ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ‘मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना’ शुरू की गई थी। संयोगवश उसी वर्ष ‘अंतर्राष्ट्रीय मृदा वर्ष’ भी आयोजित किया गया गया था। मृदा स्वास्थ्य कार्ड (SHC) योजना का उद्देश्य किसानों को प्रत्येक दो साल में ‘मृदा स्वास्थ्य कार्ड’ जारी करना है, ताकि उर्वरक प्रथाओं में पोषण संबंधी कमियों को दूर करने हेतु एक आधार प्रदान किया जा सके। ‘मृदा स्वास्थ्य कार्ड’ योजना के तहत मृदा परीक्षण के आधार पर पोषक तत्त्व प्रबंधन को बढ़ावा दिया जा रहा है, क्योंकि सही मात्रा में उर्वरकों के प्रयोग से खेती की लागत में कमी के साथ उत्पादकता में बढ़ोतरी की जा सकती है। यह किसानों के लिये अतिरिक्त आय सुनिश्चित करता है और सतत् कृषि को बढ़ावा देता है। मृदा स्वास्थ्य कार्ड किसानों को मृदा के पोषक तत्त्वों की स्थिति के साथ-साथ मिट्टी के स्वास्थ्य एवं उसकी उर्वरता में सुधार हेतु पोषक तत्त्वों की उचित खुराक के विषय में जानकारी प्रदान करता है। मृदा के रासायनिक, भौतिक एवं जैविक स्वास्थ्य के बिगड़ने को भारत में कृषि उत्पादकता में कमी होने के प्रमुख कारणों में से एक माना जाता है।

गोबर-धन (बायो-सीएनजी) प्लांट

प्रधानमंत्री जल्द ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इंदौर में ‘गोबर-धन (बायो-सीएनजी) प्लांट’ का उद्घाटन करेंगे। इंदौर स्थित इस बायो-सीएनजी संयंत्र का निर्माण संसाधन रिकवरी को अधिकतम करने हेतु ‘अपशिष्ट से धन’ और ‘परिपत्र अर्थव्यवस्था’ के व्यापक सिद्धांतों के तहत किया गया है। यह संयंत्र स्वच्छ भारत मिशन शहरी 2.0 के तहत ‘अपशिष्ट मुक्त शहर’ बनाने के सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप है। गोबर-धन संयंत्र, प्रतिदिन 550 टन गीले जैविक अपशिष्ट के उपचार की क्षमता के साथ प्रतिदिन लगभग 17,000 किलोग्राम सीएनजी और 100 टन जैविक खाद का उत्पादन करेगा। शून्य-लैंडफिल मॉडल के आधार पर यह संयंत्र संसाधन रिकवरी को अधिकतम करने का प्रयास करेगा। इससे ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी, उर्वरक के रूप में जैविक खाद के साथ हरित ऊर्जा प्रदान करने जैसे कई पर्यावरणीय लाभ भी प्राप्त होंगे। यह परियोजना इंदौर क्लीन एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड, इंदौर नगर निगम (IMC) और इंडो एनवायरो इंटीग्रेटेड सॉल्यूशंस लिमिटेड (IEISL) द्वारा स्थापित एक विशेष प्रयोजन कंपनी द्वारा कार्यान्वित की जा रही है। 

यूपीआई को अपनाने वाला पहला देश नेपाल

नेपाल, भारत का यूपीआई सिस्टम अपनाने वाला विश्व का पहला देश होगा, जो नेपाल की अर्थव्यवस्था को डिजिटल बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा। हाल ही में भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) की अंतर्राष्ट्रीय शाखा ‘एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड’ (NIPL) ने नेपाल में यूपीआई सेवाएँ प्रदान करने हेतु ‘गेटवे पेमेंट्स सर्विस’ (GPS) और मनम इन्फोटेक के साथ समझौता किया है। ‘गेटवे पेमेंट्स सर्विस’ नेपाल में अधिकृत भुगतान प्रणाली ऑपरेटर है और मनम इन्फोटेक नेपाल में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) को तैनात करेगा। UPI एक ऐसी प्रणाली है जो कई बैंक खातों को एक ही मोबाइल एप्लीकेशन (भाग लेने वाले बैंक के) द्वारा कई बैंकिंग सुविधाओं, निर्बाध फंड रूटिंग और मर्चेंट भुगतान की शक्ति प्रदान करती है। वर्ष 2016 में भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने 21 सदस्य बैंकों के साथ UPI को लॉन्च किया था।

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