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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 16 नवंबर, 2021

  • 16 Nov 2021
  • 4 min read

मन्नू भंडारी

हाल ही में प्रसिद्ध भारतीय लेखिका मन्नू भंडारी का 90 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। 03 अप्रैल, 1931 को मध्य प्रदेश के भानपुरा में जन्मीं प्रसिद्ध साहित्यकार मन्नू भंडारी ने 1950 के दशक के अंत और 1960 के दशक की शुरुआत में कई प्रसिद्ध पुस्तकों की रचना की, हालाँकि उनके दो सबसे प्रसिद्ध हिंदी उपन्यास 'आपका बंटी' और 'महाभोज' हैं। मन्नू भंडारी को 'नई कहानी' आंदोलन के अग्रदूतों में से एक माना जाता था, जो हिंदी साहित्य का एक प्रमुख आंदोलन था, जिसे निर्मल वर्मा, राजेंद्र यादव, भीष्म साहनी, कमलेश्वर जैसे प्रसिद्ध लेखकों द्वारा शुरू किया गया। 1950 और 1960 के दशक में भारत सामाजिक बदलाव के दौर से गुज़र रहा था। इस दौर में शहरीकरण और औद्योगीकरण पर ज़ोर दिया जा रहा था, जिसने साहित्यिक वार्ता और चर्चा का अवसर प्रदान किया। इसी दौर में मन्नू भंडारी ने भी ‘नई कहानी’ आंदोलन के तहत अपने विचार प्रस्तुत किये। वह प्रगतिशील विचारों वाली लेखिका थीं और स्वतंत्रता के बाद कुछ ऐसे चुनिंदा लेखकों में शामिल थीं, जिन्होंने महिलाओं के बारे में लिखा और उन्हें मज़बूत एवं स्वतंत्र बनाने हेतु एक नई रोशनी प्रदान की। उन्होंने अपने लेखन के माध्यम से महिलाओं के यौन, भावनात्मक, मानसिक और आर्थिक शोषण को चुनौती दी। 

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुल्तानपुर ज़िले के करवल खीरी में 341 किलोमीटर लंबे पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन करेंगे। यह एक्सप्रेस-वे लखनऊ-सुल्तानपुर रोड (NH-731) पर स्थित चौदसराय (लखनऊ) से शुरू होता है और उत्तर प्रदेश-बिहार सीमा से 18 किलोमीटर पूर्व में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 31 पर स्थित हैदरिया गाँव पर समाप्त होता है। इस 6-लेन वाले एक्सप्रेस-वे को भविष्य में 8-लेन तक बढ़ाया जा सकता है इसका निर्माण लगभग 22,500 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से किया गया है। यह एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से विशेषकर लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, अयोध्या, सुल्तानपुर, अंबेडकर नगर, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर ज़िलों के आर्थिक विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा। साथ ही इस एक्सप्रेस-वे पर 3.2 किलोमीटर लंबी एक हवाई पट्टी भी मौजूद है। 

ऑडिट दिवस

16 नवंबर, 2021 को पहली बार ‘ऑडिट दिवस’ का आयोजन किया गया। ‘ऑडिट दिवस’ एक संस्था के रूप में ‘भारत के नियंत्रक और महालेखापरीक्षक (CAG) की ऐतिहासिक उत्पत्ति और पिछले कई वर्षों में शासन, पारदर्शिता और जवाबदेही में उसके को चिह्नित करने के लिये मनाया जाता है। ‘भारत के नियंत्रक और महालेखापरीक्षक’ (CAG) भारत के संविधान के तहत एक स्वतंत्र प्राधिकरण है। महालेखाकार का कार्यालय वर्ष 1858 में स्थापित किया गया था, ठीक उसी वर्ष जब अंग्रेज़ों ने ईस्ट इंडिया कंपनी से भारत का प्रशासनिक नियंत्रण अपने हाथों में लिया था। वर्ष 1947 में स्वतंत्रता के बाद भारतीय संविधान के अनुच्छेद 148 में भारत के राष्ट्रपति द्वारा एक नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक नियुक्त किये जाने का प्रावधान किया गया। वर्ष 1976 में CAG को लेखांकन के कार्यों से मुक्त कर दिया गया।

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