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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 13 फरवरी, 2021

  • 13 Feb 2021
  • 6 min read

स्वामी दयानंद सरस्वती

12 फरवरी, 2021 को केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। दयानंद सरस्वती एक महान विचारक और एक सुविख्यात समाज सुधारक थे। स्वामी दयानंद सरस्वती न केवल भारत के जाने-माने धार्मिक नेता थे, बल्कि उन्होंने भारतीय समाज पर गहरा प्रभाव भी डाला। उन्होंने आर्य समाज की स्थापना की, जिसने भारतीयों की धार्मिक धारणा में प्रमुखता से बदलाव किया। उन्होंने मूर्तिपूजा और कर्मकांड के विरुद्ध आवाज़ उठाई, साथ ही इसका पुरज़ोर विरोध भी किया। दयानंद सरस्वती का जन्म 12 फरवरी, 1824 को टंकारा, गुजरात में हुआ था। स्वामी दयानंद सरस्वती को पुनर्जागरण युग का हिंदू मार्टिन लूथर कहा जाता है। उनके द्वारा रचित ‘सत्यार्थ प्रकाश’ और स्थापित ‘आर्य समाज’ संदेश देते हैं कि वेदों की और लौटो तथा भारत की प्रभुता को समझो। उन्होंने व्यक्तिगत उत्थान के स्थान पर सामूहिक उत्थान को अधिक महत्त्व दिया। 7 अप्रैल, 1875 को दयानंद सरस्वती ने बॉम्बे में आर्य समाज का गठन किया। आर्य समाज का प्राथमिक उद्देश्य ज्ञान के स्रोत के रूप में वेदों की स्थापना करना और हिंदू धर्म को काल्पनिक मान्यताओं से दूर ले जाना है। स्वामी दयानंद सरस्वती का मानना था कि ज्ञान की कमी ही हिंदू धर्म में फैले अंधविश्वास का मूल कारण है। इसलिये उन्होंने अपने अनुयायियों को शिक्षित करने के लिये कई गुरुकुलों की स्थापना की। उनके विरुद्ध रचे गए एक षड्यंत्र के कारण 30 अक्तूबर, 1883 को दयानंद सरस्वती की मृत्यु हो गई।

कर्नाटक डिजिटल अर्थव्यवस्था मिशन

हाल ही में कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने कर्नाटक डिजिटल अर्थव्यवस्था मिशन (KDEM) लॉन्च किया है, जिसका उद्देश्य सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) में डिजिटल अर्थव्यवस्था के योगदान को 30 प्रतिशत तक बढ़ाना है। कर्नाटक डिजिटल अर्थव्यवस्था मिशन के माध्यम से राज्य में 7,000 से अधिक छोटी-बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों को बढ़ावा दिया जाना है। इस मिशन के तहत कर्नाटक के तकनीकी उद्योग और राज्यों की ब्रांड इक्विटी बढ़ाने हेतु वैश्विक कनेक्शन के लिये ‘इंवेस्टमेंट इंडिया’ मॉडल का उपयोग किया जाएगा। ज्ञात हो कि राज्य में आगामी पाँच वर्षों में कुल 150 बिलियन डॉलर के आईटी निर्यात का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। कर्नाटक डिजिटल अर्थव्यवस्था मिशन को इस उद्देश्य से डिज़ाइन किया गया है कि इसमें अधिकांश हिस्सेदारी (49:51 शेयरधारिता के साथ) निजी क्षेत्र को दी गई है। यह मिशन सरकार और उद्योग के बीच एक महत्त्वपूर्ण सूत्रधार के रूप में कार्य करेगा। इस मिशन के तहत शिक्षा और उद्योग जगत के बीच सहयोग पर भी ध्यान दिया जाएगा। 

मल्लिकार्जुन खड़गे

काॅन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे राज्यसभा में विपक्ष के नेता के रूप में गुलाम नबी आज़ाद का स्थान लेंगे। ध्यातव्य है कि 15 फरवरी, 2021 को गुलाम नबी आज़ाद के सेवानिवृत्त होने के बाद राज्यसभा में विपक्ष के नेता का पद खाली हो गया था। कर्नाटक से आने वाले काॅन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे वर्ष 2014 से वर्ष 2019 तक लोकसभा में काॅन्ग्रेस के नेता रहे। भारत के सबसे पुराने दलों में से एक  काॅन्ग्रेस को पिछली और वर्तमान लोकसभा में विपक्ष के नेता का पद नहीं मिल सका था, क्योंकि निचले सदन में उसका प्रतिनिधित्त्व 10 प्रतिशत से कम था। मल्लिकार्जुन खड़गे कर्नाटक से राज्यसभा में दूसरे विपक्ष के नेता होंगे, कर्नाटक से राज्यसभा में विपक्ष के पहले नेता एम.एस. गुरुपादस्वामी थे।

विश्व रेडियो दिवस

विश्व भर में प्रत्येक वर्ष 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस का उद्देश्य रेडियो को बढ़ावा देना और आम लोगों को इसका उपयोग करने के लिये प्रोत्साहित करना है। यह दिवस जनसंपर्क में रेडियो के महत्त्व को रेखांकित करता है और प्रसारकों के बीच नेटवर्किंग एवं सहयोग बढ़ाने पर ज़ोर देता है। 20 अक्तूबर, 2010 को स्पेनिश रेडियो अकादमी के अनुरोध पर स्पेन ने संयुक्त राष्ट्र में रेडियो को समर्पित विश्व दिवस मनाने के लिये सदस्य देशों से अपील की। इसके बाद UNESCO ने 3 नवंबर, 2011 को पेरिस में आयोजित 36वीं आमसभा में प्रत्येक वर्ष 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस मनाने का ऐलान किया। उल्लेखनीय है कि 13 फरवरी को ही संयुक्त राष्ट्र के ‘रेडियो UNO’ की वर्षगाँठ भी है, क्योंकि वर्ष 1946 में इसी दिन वहाँ रेडियो स्टेशन स्थापित हुआ था।

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